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धर्मेंद्र प्रधान ने काशी तमिल संगमम चरण 3 के लिए पंजीकरण पोर्टल लॉन्च किया

धर्मेंद्र प्रधान ने काशी तमिल संगमम चरण 3 के लिए पंजीकरण पोर्टल लॉन्च किया

The Union Minister for Education, Shri Dharmendra Pradhan launch Kashi Tamil Sangamam 3.0 of KTS portal in National Media Centre, New Delhi on January 15, 2025.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने काशी तमिल संगमम (केटीएस) के तीसरे संस्करण के लिए पंजीकरण पोर्टल लॉन्च किया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए घोषणा की कि केटीएस 3.0 15 फरवरी 2025 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में शुरू होगा और 10 दिनों तक चलने वाला यह कार्यक्रम 24 फरवरी 2025 को समाप्त होगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि आईआईटी मद्रास द्वारा होस्ट किया गया पोर्टल kashitamil.iitm.ac.in 1 फरवरी 2025 तक पंजीकरण स्वीकार करेगा।प्रिंसिपल डीजी पीआईबी, श्री धीरेंद्र ओझा, सचिव शिक्षा मंत्रालय, श्री संजय कुमार, अतिरिक्त सचिव, उच्च शिक्षा, श्री सुनील कुमार बर्णवाल, भारतीय भाषा समिति, शिक्षा मंत्रालय के अध्यक्ष, श्री चामू कृष्ण शास्त्री भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए।

श्री प्रधान ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि काशी तमिल संगमम 3.0 के माध्यम से तमिलनाडु और काशी के बीच के अटूट संबंध बनेंगे। श्री प्रधान ने इस बात पर प्रकाश डाला कि काशी तमिल संगमम, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मौलिक विचारों की उपज है, जो तमिलनाडु और काशी के बीच शाश्वत संबंधों का जश्न मनाने, सभ्यतागत संबंधों को मजबूत करने और एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को आगे बढ़ाने की प्रेरणादायक पहल है।श्री प्रधान ने कहा कि काशी तमिल संगमम भारत के सबसे पूजनीय संतों में से एक महर्षि अगस्त्य का उत्सव होगा। श्री प्रधान ने इस बात पर प्रकाश डाला कि महर्षि अगस्त्य की विरासत भारत के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक ताने-बाने में गहराई से समाई हुई है। श्री प्रधान यह भी कहा कि बौद्धिक प्रतिभा तमिल भाषा और साहित्य के साथ-साथ साझा मूल्यों, ज्ञान परंपराओं और विरासत का आधार है।

श्री प्रधान ने कहा कि इस वर्ष काशी तमिल संगमम का विशेष महत्व है क्योंकि यह महाकुम्भ के साथ पड़ रहा है और यह अयोध्या में श्री राम लला की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के बाद पहला संगम भी है। श्री प्रधान ने कहा कि महर्षि अगस्त्य को केंद्रीय विषय और महाकुम्भ एवं श्री अयोध्या धाम की पृष्ठभूमि के साथ, काशी तमिल संगमम 3.0 एक दिव्य अनुभव प्रदान करेगा और हमारी सभ्यता और संस्कृति के दो शाश्वत केंद्रों – तमिलनाडु और काशी को पहले से कहीं ओर अधिक निकट लाएगा।श्री प्रधान ने तमिलनाडु के लोगों को काशी तमिल संगमम 3.0 में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।

केटीएस 3.0 के दौरान काशी में ऋषि अगस्त्यर के विभिन्न पहलुओं और स्वास्थ्य, दर्शन, विज्ञान, भाषा विज्ञान, साहित्य, राजनीति, संस्कृति, कला, विशेष रूप से तमिल और तमिलनाडु आदि की दुनिया में उनके योगदान पर एक प्रदर्शनी और संगोष्ठियां, कार्यशालाएं, पुस्तक विमोचन आदि का आयोजन किया जाएगा। केटीएस 3.0 से पहले तमिलनाडु में प्रतियोगिताएं और अन्य जागरूकता कार्यक्रम भारत के प्रमुख शहरों और विदेशों में जहां तमिल प्रवासी काफी संख्या में हैं, वहां भी आयोजित किए जाएंगे।

इस वर्ष, सरकार ने तमिलनाडु से पांच श्रेणियों/समूहों के अंतर्गत लगभग 1000 प्रतिनिधियों को लाने का निर्णय लिया जो इस प्रकार है: (i) छात्र, शिक्षक और लेखक (ii) किसान और कारीगर (विश्वकर्मा श्रेणियां) (iii) पेशेवर और छोटे उद्यमी (iv) महिलाएं (एसएचजी, मुद्रा ऋण लाभार्थी, डीबीएचपीएस प्रचारक) (v) स्टार्ट-अप, इनोवेशन, एडु-टेक, अनुसंधान। इस वर्ष, विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत तमिल मूल के लगभग 200 छात्रों का एक अतिरिक्त समूह काशी और तमिलनाडु के बीच के बंधन को जीवंत करने के लिए इस कार्यक्रम का हिस्सा होगा। इस वर्ष सभी श्रेणियों में युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा।दौरे की अवधि 8 दिन होगी (यात्रा के लिए 4 दिन, साइट पर 4 दिन)। पहला समूह 13 फरवरी 2025 को तमिलनाडु से रवाना होगा और अंतिम समूह 26 फरवरी 2025 को तमिलनाडु से वापस आएगा।

काशी तमिल संगमम का उद्देश्य तमिलनाडु और काशी इन दो सबसे महत्वपूर्ण और प्राचीन शिक्षण केंद्रों के बीच सदियों पुराने संबंधों को मजबूत बनाना, पुष्टि करना और उनका उत्सव मनाना है।काशी तमिल संगमम का आयोजन भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा संस्कृति, कपड़ा, रेलवे, पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण, सूचना एवं प्रसारण आदि मंत्रालयों और उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य दोनों क्षेत्रों के विद्वानों, छात्रों, दार्शनिकों, व्यापारियों, कारीगरों, कलाकारों और अन्य क्षेत्रों के लोगों को एक पटल पर आने और अपने ज्ञान, संस्कृति और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और एक-दूसरे के अनुभव से सीखने का अवसर प्रदान करना है। इसका उद्देश्य युवाओं को जागरूक करना और सांस्कृतिक एकता का अनुभव कराना भी है। यह प्रयास एनईपी 2020 के भारतीय ज्ञान प्रणालियों की संपदा को ज्ञान की आधुनिक प्रणालियों के साथ एकीकृत करने पर जोर देना है। आईआईटी मद्रास और बीएचयू इस कार्यक्रम के लिए दो कार्यान्वयन संस्थाएं ​​हैं।

सरकार ने इससे पहले दो बार काशी तमिल संगमम मनाया है। 2022 में एक महीने के लिए और 2023 में एक पखवाड़े के लिए और तमिलनाडु से लगभग 4000 प्रतिनिधियों ने इस आयोजन का हिस्सा रहे हैं। केटीएस के दोनों संस्करणों में तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के लोगों की ओर से जबरदस्त प्रतिक्रियाएं मिलीं। आईआईटी मद्रास पहले के संस्करणों की तरह प्रेषक संस्थान और बीएचयू प्राप्तकर्ता संस्थान होगा। आईआईटी मद्रास एक पोर्टल के माध्यम से भागीदारी के लिए आवेदन आमंत्रित करेगा, जिसे आज लॉन्च किया गया।

केटीएस 2.0 का उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 17 दिसंबर, 2023 को वाराणसी में किया गया, जिसमें तमिल प्रतिनिधियों के लाभ के लिए प्रधानमंत्री के भाषण के एक भाग का पहली बार तमिल में वास्तविक समय, ऐप-आधारित अनुवाद किया गया।

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