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विदेश जायें तो राजनीतिक चश्मा यहीं छोड़ जायें: धनखड़

नयी दिल्ली : उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को भारतीय वैज्ञानिकों, स्वास्थ्य योद्धाओं और उपलब्धियों पर गर्व करने का आह्वान करते हुए सोमवार को कहा कि जहां कहीं भी भारत की अस्मिता पर प्रहार हो तो उसे रोकना आवश्यक है।श्री धनखड़ ने यहां विश्व होम्योपैथी दिवस पर आयोजित एक समाराेह को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया में भारत का डंका तो बज रहा है। भारत उस मुकाम पर पहुंच गया है, जहां पहले कभी नहीं था। भारत का यह उदय अब नहीं रुकेगा।

उन्होंने कहा, “क्या आपने भारत आयें किसी विदेशी गणमान्य व्यक्ति को अपने देश की निंदा करते सुना है। क्या कोई अपने देश का अपमान या निंदा करता है। इसका उत्तर स्वाभाविक रुप से ‘नहीं’ है। तो क्यों नहीं हम अपने वैज्ञानिकों, स्वास्थ्य योद्धाओं और अपने कार्यों पर गर्व करते हैं? उन्होंने बिना किसी का नाम लिये कहा, “ जब भी देश के बाहर जाएं, राजनीतिक चश्मे को यहीं छोड़ जाएं। इसमें देश का भला है, व्यक्ति का भी भला है।”उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 की नींव रखी जा रही है और जहाँ भी कहीं हमारे स्वास्थ्य पर कुप्रभाव हो और भारत की अस्मिता पर प्रहार हो तो उसे कुंठित करना अनिवार्य है।

उन्होंने कहा कि देश हो या विदेश भारत की प्रतिष्ठा को बढ़ाएंगे और इस पर कोई आंच नहीं आने देंगे। ये हम सबका संकल्प होना चाहिये। इस प्रकार के सभी कुप्रयासों को असफल करना हमारा राष्ट्रीय कर्त्तव्य है।उप-राष्ट्रपति ने कहा,“ हमें अपनी ऐतिहासिक उपलब्धियों पर गर्व करना चाहिए और एक गर्वित भारतीय बनना चाहिए।” उन्होंने कहा कि विश्व में भारत पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और सभी आकलन यह बताते हैं कि इस दशक में यह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। यह लोगों की प्रतिबद्धता और बेहतर स्वास्थ्य से संभव हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘यदि हमारा अच्छा स्वास्थ्य सुनिश्चित है तो कुछ भी हमें नहीं राेक सकता।”श्री धनखड़ ने कहा कि लोगों को अपने मन और मस्तिष्क को स्वस्थ रखना चाहिए और राष्ट्रवाद की भावना बनायें रखनी चाहिए। उन्होंने कहा, “ ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः ॐ, सभी खुश रहें तभी फलीभूत होगा जब हम पूर्ण रूप से स्वस्थ होंगे। इसमें मैंने राष्ट्रवाद का एक एंगल जोड़ा है क्योंकि दुनिया के हालात देखने से ये स्पष्ट है कि हम अपने राष्ट्रवाद से प्रति प्रतिबद्ध रहे। ”

उन्होंने कारोबारियों और उद्योगपतियों से राष्ट्रवाद के प्रति प्रतिबद्ध रहने की अपील करते हुए कहा कि उन्हें आर्थिक राष्ट्रवाद की ओर सोचना चाहिए और यह उनके कारोबार में झलकना चाहिए। कोई भी आर्थिक लाभ बिना आर्थिक राष्ट्रवाद के उचित नहीं हो सकता।कोविड प्रबंधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सराहना करते हुए श्री धनखड ने कहा कि आज के दिन जब पीछे कोविड़ के दिनों को देखते हैं तो हमारे देश के बराबर कोई नहीं है।

उन्हाेंने कहा, “ पर कुछ लोगों ने नुक्ताचीनी की। कुछ लोगों में नुक्ताचीनी का डीएनए है कि वे इसका कोई मौका छोड़ते नहीं है| आपकी प्रतिस्पर्धा समाज में हो, राजनीति में हो, कहीं और भी हो, तो नुक्तचीनी करो, लेकिन जहां देश का मुद्दा हो वहां किसी बात की नुक्ताचीनी नहीं होनी चाहिए। ”

स्वास्थ्य सेवा के लिए व्यापक और एकीकृत दृष्टिकोण की आवश्यकता :धनखड़

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य सेवा के लिए एक व्यापक और एकीकृत दृष्टिकोण पर जोर देते हुए सोमवार को कहा कि विश्व और जन कल्याण के लिए निरोग काया आवश्यक है।श्री धनखड़ ने यहां विश्व होम्योपैथी दिवस के अवसर पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि समाज में एक नयी समस्या उभर रही है। प्रत्येक व्यक्ति तनाव और चिंता से ग्रस्त है। इसका समाधान तलाशा होगा। उन्होंने स्वस्थ शरीर पर बल देते हुए कहा, “ कौशल, प्रतिभा, योग्यता, सब अर्थहीन हैं, यदि काया रोगी है, राष्ट्र निर्माण में तभी योगदान दे पाएंगे जब आप स्वस्थ होंगे।”

उप राष्ट्रपति ने कहा कि हर नागरिक को 24 घंटे में से एक घंटा शरीर को स्वस्थ रखने के लिए देना चाहिए। लोग स्वस्थ रहेंगे तो भारत स्वस्थ रहेगा। प्रगति की रफ़्तार में गति आयेगी। उन्होंने कहा कि विश्व और जन कल्याण के लिये स्वस्थ रहना अनिवार्य है। हमारे ऋषि-मुनि कह गए हैं, “पहला सुख निरोगी काया।”उन्होंने कोविड का मुकाबला करने में होम्योपैथी की भूमिका का उदाहरण दिया और कहा कि होम्योपैथी ने महामारी का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि भारत को “विश्व की फार्मेसी” कहा जाता है, और इसका श्रेय भारत की गुणवत्ता, आश्वासन और प्रतिबद्धता को जाता है।विश्व होम्योपैथी दिवस के अवसर पर केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद ने एक दिवसीय वैज्ञानिक सम्मेलन का आयोजन किया।

सम्मेलन का विषय “ होमियो परिवार – सर्वजन स्वास्थ्य, एक स्वास्थ्य, एक परिवार ” था।इस अवसर पर आयुष सर्बानंद सोनोवाल ने दवाओं की आयुष प्रणाली को बढ़ावा देने की पहल का उल्लेख किया और कहा कि कि चिकित्सा प्रणालियों में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।आयुष राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई ने कहा कि निवारक देखभाल के साथ-साथ बीमारियों के शीघ्र निदान और उपचार के महत्व को समझने की आवश्यकता है।उद्घाटन समारोह के बाद श्री सोनोवाल और डॉ. मुंजपारा की अध्यक्षता में “होम्योपैथी के विकास में नीतिगत पहलू” पर एक सत्र हुआ।(वार्ता)

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