Varanasi

बाबा विश्वनाथ के दरबार में माँ अन्नपूर्णा भक्तों पर लुटा रहीं खजाना

धनतेरस से शुरू हुआ माँ अन्नपूर्णा के दरबार से अन्न व धन वितरण का सिलसिला 14 नवंबर तक चलता रहेगा.श्रद्धालुओं की सुविधा और सुगमता के लिए योगी सरकार ने विश्वनाथ धाम में चाक चौबंद व्यवस्था के साथ ही पूरे धाम की आकर्षक सजावट कराई है.

  • धनतेरस में माँ से प्रसाद के रूप में पा रहे अन्न और धन, उमड़ रही भक्तों की भीड़
  • तीन दिनों में 4.55 लाख श्रद्धालु माँ अन्नपूर्णा का दर्शन व प्रसाद पाकर हुए निहाल
  • माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति करीब एक सदी बाद कनाडा से भारत लौटी थी
  • गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने यजमान बन की थी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा

वाराणसी : दीपावली पर अयोध्या नगरी राम मय हो गई तो वहीं भगवान शिव की नगरी काशी अन्न की दात्री माता अन्नपूर्णा के भक्ति में सराबोर है। बाबा विश्वनाथ के दरबार में माँ अन्नपूर्णा के भक्तों को अन्न और धन प्रसाद के रूप में वितरित किया जा रहा है। धनतेरस से प्रसाद के रूप में खजाना लेने के लिए लाखों भक्तो की भीड़ उमड़ी रही है। पहले, दूसरे व तीसरे दिन (शाम 5 :30 बजे तक ) 4 लाख 55, 614 लोग माँ अन्नपूर्णा का दर्शन व प्रसाद पाकर निहाल दिखे। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुगमता के लिए योगी सरकार ने विश्वनाथ धाम में चाक चौबंद व्यवस्था के साथ ही पूरे धाम की आकर्षक सजावट कराई है। 10 नवंबर से 5 दिनों तक दर्शन और प्रसाद पाने का क्रम चल रहा है।

भगवान शिव की नगरी काशी को अन्न क्षेत्र भी कहा जाता है। भगवान शंकर ने काशी में माँ अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी, इसलिए काशी में धनतेरस के समय माँ अन्नपूर्णा के दर्शन का विशेष महत्व माना जाता है। काशी से गायब हुई जिस माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति को कनाडा से लगभग सौ साल बाद लाकर काशी विश्वनाथ धाम में प्राण प्रतिष्ठा किया गया। अब मूर्ति श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र बन गई है। श्री काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि धनतेरस से शुरू हुआ माँ अन्नपूर्णा के दरबार से अन्न व धन वितरण का सिलसिला 14 नवंबर तक चलता रहेगा। पहले दिन लगभग 1 लाख 58 हज़ार, दूसरे दिन 1लाख 51हज़ार और तीसरे दिन 1 लाख 46 हज़ार 614 श्रद्धालुओं ने माँ अन्नपूर्णा के दर्शन करके विशेष प्रसाद के रूप में अन्न व धन प्राप्त कर चुके हैं।

पीएम मोदी के प्रयासों से माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति करीब एक सदी बाद कनाडा से भारत लौटी थी, वर्ष 2021 में इस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यजमान बन कर किये थे और माँ की डोली को अपने कंधों पर उठाए थे।

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