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दिल्ली हिंसा के आरोपित उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज

नई दिल्ली । दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली हिंसा की साजिश रचने के मामले में आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी है। एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने ये आदेश दिया। कोर्ट ने 3 मार्च को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान उमर खालिद की ओऱ से वकील त्रिदिप पायस ने जबकि दिल्ली पुलिस की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर अमित प्रसाद ने दलीलें रखी थीं। त्रिदिप पायस ने कहा था कि अभियोजन के पास इस बात का कोई सबूत नहीं है कि उमर खालिद ने शरजील इमाम का परिचय योगेन्द्र यादव से कराया।

त्रिदिप पायस ने कहा था कि चार्जशीट बिना किसी आधार के नहीं दाखिल की जा सकती है। इस मामले में जो पूरक चार्जशीट में आरोप बिना तथ्यों के लगाए गए हैं। उन्होंने कहा था कि चार्जशीट में कहा गया है कि उमर खालिद बैठक में मौजूद था। बैठक में मौजूद होने में अपराध क्या है। बैठक में शामिल कई दूसरे लोग आरोपी नहीं हैं। बैठक में बैठे दो ही लोग हिरासत में क्यों लिए गए हैं बाकी क्यों नहीं लिए गए।

पायस ने कहा था कि चार्जशीट में कहा गया है उमर खालिद ने 10 दिसंबर 2019 को प्रदर्शन में हिस्सा लिया। लेकिन क्या प्रदर्शन में शामिल होना अपराध है। उन्होंने कहा था कि उमर खालिद के खिलाफ हिंसा करने के कोई सबूत नहीं है। जांच जारी रहना हर प्रश्न का उत्तर नहीं है। उन्होंने कहा था कि चुप्पी की साजिश का आरोप गलत है। अभियोजन के लिए ये काफी आसान है कि जब दो, तीन और दस लोग व्हाट्सऐप पर एक ही भाषा बोलें तो आप कुछ के खिलाफ आरोप लगाएंगे और कुछ के खिलाफ नहीं क्योंकि वो आपकी दलील के मुताबिक है।

दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हिंसा के आरोपी उमर खालिद समेत दूसरे आरोपियों की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि इस मामले में टेरर फंडिंग हुई थी। स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर अमित प्रसाद ने कहा कि इस मामले के आरोपी ताहिर हुसैन ने काला धन को सफेद करने का काम दिया। अमित प्रसाद ने कहा था कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली की हिंसा के दौरान 53 लोगों की मौत हुई। इस मामले में 755 एफआईआर दर्ज किए गए हैं। इसमें गोली चलने की 13 घटनाएं घटी। दूसरी वजहों से 6 मौतें दर्ज की गई।

इस दौरान 581 एमएलसी दर्ज किए गए। इस हिंसा में 108 पुलिसकर्मी घायल हुए जबकि दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। इस हिंसा से जुड़े करीब 24 सौ लोगों को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि इस पूरी घटना में किसी भी साजिशकर्ता को कोई नुकसान नहीं हुआ। अगर किसी का नुकसान हुआ तो वो आम लोग थे। उमर खालिद को 13 सितंबर 2020 को पूछताछ के बाद स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया था। 17 सितंबर 2020 को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ओर से दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। 16 सितंबर 2020 को स्पेशल सेल ने चार्जशीट दाखिल किया था।(हि.स.)

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