सीमावर्ती 28 ढांचागत परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया रक्षा मंत्री ने,सीमा की सुरक्षा का भरोसा दिया
नयी दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश में एक कार्यक्रम के दौरान राजस्थान से लेकर लद्दाख तथा पूर्वोत्तर राज्यों सहित सात सीमावर्ती राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में सीमा सड़क संगठन ( बीआरओ ) की 28 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया। कुल 724 करोड़ रुपये की लागत वाली इन परियोजनाओं में कई पुल और सड़कें हैं।इस अवसर पर उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों, खास कर पूर्वोतर में बुनियादी ढांचा विकास में बीआरओ की भूमिका की सराहना की और कहा कि इससे आर्थिक सामाजिक प्रगति के साथ देश की सीमाएं भी मजबूत हुई है।
उन्होंने कहा कि भारत शांति का पक्षधर है पर लड़ाई थोपी गयी तो उसके लिए तैयार है।अरुणाचल प्रदेश में अलॉन्ग-यिंकिओनग रोड पर सियोम ब्रिज में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री ने लद्दाख और मिजोरम में तीन वीसैट-आधारित टेलीमेडिसिन नोड्स का भी उद्घाटन किया । इस अवसर पर श्री सिंह ने कहा,“ये परियोजनाएं बढ़ी हुई रक्षा तैयारियों और सामाजिक-आर्थिक प्रगति के लिए सीमा क्षेत्र के विकास के प्रति सरकार के संकल्प का प्रमाण हैं।”उन्होंने कहा कि भारत युद्ध में विश्वास नहीं करता, लेकिन अगर मजबूर किया गया तो हम लड़ने के लिए तैयार हैं।
रक्षा मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार बीआरओ की इन परियोजनाओं में परियोजनाओं में सियोम पुल सहित 22 पुल तीन सड़के और तीन अन्य परियोजनाएं शामिल हैं। इनमें से आठ परियोजनाएं लद्दाख ,पांच अरुणाचल प्रदेश ; चार जम्मू और कश्मीर ; सिक्किम, पंजाब और उत्तराखंड में तीन-तीन और राजस्थान में हैं।इसके अलावा तीन टेलीमेडिसिन नोड्स का उद्घाटन किया गया है जिनमें दो लद्दाख में और एक मिजोरम में है।रक्षा मंत्री ने इन परियोजनाओं को सशस्त्र बलों की परिचालन तैयारियों को बढ़ाने और दूरदराज के सामाजिक-आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास की दिशा में सरकार और बीआरओ के ठोस प्रयासों की प्रतिबद्धता का प्रमाण बताया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ना और यहां के निवासियों का विकास सुनिश्चित करना है।श्री सिंह ने कहा, “दुनिया आज कई तरह के संघर्षों को देख रही है। भारत हमेशा युद्ध के खिलाफ रहा है। यह हमारी नीति है। हाल ही में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने उस संकल्प की ओर दुनिया का ध्यान आकर्षित किया जब उन्होंने कहा कि ‘यह युद्ध का युग नहीं है’। हम युद्ध में विश्वास नहीं रखते, लेकिन अगर यह हम पर थोपा गया तो हम लड़ेंगे।”
रक्षा मंत्री ने कहा, “हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि राष्ट्र सभी खतरों से सुरक्षित है। हमारे सशस्त्र बल तैयार हैं और यह देखकर खुशी हो रही है कि बीआरओ उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है।”श्री सिंह ने सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से देश की सुरक्षा को मजबूत करने में बीआरओ की भूमिका की सराहना की । उन्होंने हाल में पूर्वोत्तर में चीन की सेना के साथ मुकाबले की ओर संकेत करते हुए यह भी कहा,“हाल ही में, हमारी सेना ने उत्तरी क्षेत्र में प्रतिकूल स्थिति का प्रभावी ढंग से मुकाबला किया और बहादुरी और मुस्तैदी के साथ स्थिति से निपटा।”
उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र में पर्याप्त ढांचागत विकास के कारण संभव हुआ है। यह हमें दूर-दराज के क्षेत्रों की प्रगति के लिए और भी अधिक प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है, जिससे देश की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत हुई है।सशस्त्र बलों और स्थानीय लोगों का समर्थन करने के लिए , बीआरओं संगठन के अथक प्रयासों के लिए, सिंह ने एक नया मुहावरा गढ़ा ‘बीआरओ देश का भाई (भाई) है’।
वर्ष 2022 में पूरी हुई इन 28 परियोजनाओं के उद्घाटन के साथ एक वर्ष में बीआरओ की कुल 103 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया गया है। इनकी कुल लागत 2,897 करोड़ रुपये है।(वार्ता)
Speaking at the inaugural ceremony of Siyom Bridge in Arunachal Pradesh and 27 other projects built across India. https://t.co/4o5gKNr1MY
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) January 3, 2023