दीपोत्सव 2024: डिजिटल पथ के रूप में दिखेगा धर्मपथ व लता मंगेशकर चौक
धर्मपथ पर लगेंगे डिजिटल पिलर, इनमें रामायण के विभिन्न प्रसंगों को लिया जाएगा प्रदर्शित.लता चौक पर भी डिजिटल डिस्प्ले सिस्टम से श्री राम के अयोध्या आगमन प्रसंग का दर्शन कर सकेंगे लोग.नेशनल हाईवे से अयोध्या में प्रवेश का मार्ग है धर्मपथ, जिसे भव्य साज सज्जा से किया जा रहा युक्त.आस्था और प्रकाश का दीपोत्सव में ऐसा संगम दिखने वाला है कि हर कोई निहारता ही रह जायेगा.
- धर्मपथ पर दो किलोमीटर तक 15-15 फीट के लगाए जाएंगे 24 पिलर
- गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की 30 सदस्यीय टीम पहुंची अयोध्या
अयोध्या । आठवें दीपोत्सव के दौरान अयोध्या डिजिटल नगरी के रूप में नजर आने वाली है। आस्था और प्रकाश का दीपोत्सव में ऐसा संगम दिखने वाला है कि हर कोई निहारता ही रह जायेगा। खास तौर से अयोध्या का धर्मपथ और लता चौक। इनकी आभा देखते ही बनेगी क्योंकि यहां डिजिटल पिलर लगाए जा रहे हैं। भव्य मंदिर में रामलला के विराजमान होने के बाद पहली बार दीपोत्सव का आयोजन होना है। इसे देखते हुए श्रद्धालुओं को त्रेता युग वाला अनुभव कराने की कोशिश की जा रही है। राम की पैड़ी समेत अन्य घाटों पर 25 लाख दीपों के प्रज्ज्वलन का रिकार्ड बनना है। इसके अलावा रामकथा पार्क व प्रमुख पथों को सजाने की कवायद जोर शोर से चल रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आठवें दीपोत्सव को भव्य बनाने की तैयारी चल रही है।
अभी तीन दिन जगमग करने की योजना
इंटेलिजेंट लाइटिंग के मीम प्रोडक्शन के असद बताते हैं कि प्रकाश की व्यवस्था के लिए उन्हें चयनित किया गया है। नेशनल हाईवे से अयोध्या में प्रवेश मार्ग धर्मपथ पर 15-15 फीट के 24 पिलर लगाए जा रहे हैं। डिजिटल पिलर पर रामायण के प्रसंग चलेंगे व स्वागतम् द्वार तक 28 से 30 अक्टूबर तक इन्हें चलाया जाना है। पिलर के ऊपर आकर्षक लाइटिंग की भी व्यवस्था रहेगी।
यहां भी होगी आकर्षक लाइटिंग
रामकथा पार्क, राम की पैड़ी, हनुमान गढ़ी, बिरला मंदिर, भजन संध्या स्थल, तुलसी उद्यान, सरयू ब्रिज इत्यादि स्थलों पर लाइटिंग होगी।
कीर्तिमान बनाने को बिछेंगे 28 लाख दीप, तीन बार होगी गिनती
अयोध्या में आठवें दीपोत्सव में एक बार फिर से कीर्तिमान बनाने की तैयारी चल रही है। 25 लाख दीपों का रिकार्ड बनाने के लिए 28 लाख से अधिक दीये बिछाए जाएंगे। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम के कंसल्टेंट निश्चल बरोट अयोध्या पहुंच चुके हैं। उनका कहना है तीन बार दीपों की काउंटिंग होगी। पहले सूखे दीप, फिर जलने के बाद मैनुअल काउंटिंग होगी। उसके बाद ड्रोन के जरिये वीडियो बनाकर अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले साफ्टवेयर पर अंतिम गिनती कर घोषणा कर दी जाती है। इस बार हमारी 30 लोगों की टीम आई है।