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अन्वेषकों और स्टार्टअप्स के लिए ‘डेयर टू ड्रीम 2.0’ का शुभारम्भ

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने  पूर्व राष्ट्रपति और प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल कलाम की 5वीं पुण्य तिथि के अवसर पर अपनी नवाचार प्रतियोगिता ‘डेयर टू ड्रीम 2.0’ का शुभारम्भ किया। मिसाइलमैन के नाम से भी चर्चित रहे डॉ. कलाम के पास आत्म निर्भरता का विजन था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के आह्वान के बाद देश भर में रक्षा और विमानन प्रौद्योगिकी में नवाचार के लिए व्यक्तिगत रूप में और स्टार्टअप्स को उभरती हुई प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहन देने को इस योजना की शुरुआत की गई है।

‘डेयर टू ड्रीम 2.0’ देश के अन्वेषकों (इनोवेटर्स) और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने वाली खुली चुनौती है। एक विशेषज्ञ समिति द्वारा मूल्यांकन के बाद विजेताओं का चयन किया जाएगा। पुरस्कार की धनराशि के रूप में विजेता स्टार्टअप को 10 लाख रुपये और व्यक्तिगत श्रेणी में 5 लाख रुपये तक दिए जाएंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘प्रतिभाशाली मस्तिष्कों’, चाहे वे अन्वेषक हों या स्टार्टअप्स हों, के लिए प्रतियोगिता के ऐलान पर खुशी जाहिर की। इसके बारे में विस्तृत जानकारी जल्द ही डीआरडीओ की वेबसाइट www.drdo.gov.in पर उपलब्ध हो जाएगी।

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