गाजियाबाद : गाजियाबाद श्मशान घाट हादसे पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने यूपी सरकार से रिपोर्ट मांगी है। जिले से डीएम और एसएसपी तलब किया है। इस मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरोपियों के विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इस बीच पुलिस ने दो ठेकेदारों को गिरफ्तार किया है, जिससे मामले में गिरफ्तार लोगों की संख्या पांच हो गई है। उनमें से एक ने आरोप लगाए कि उसने 16 लाख रुपये एक अधिकारी को दिए थे। वह अधिकारी भी हिरासत में है।
गाजियाबाद के मुरादनगर में रविवार को एक श्मशान स्थल की छत गिर जाने से 24 लोगों की मौत हो गई थी तथा 17 अन्य घायल हो गए थे। उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जाए। उन्होंने निर्माण कार्य से सरकारी धन को हुए नुकसान की भरपाई संबंधित ठेकेदार तथा अभियंताओं से करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने प्रत्येक मृतक के आश्रितों को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद प्रदान किये जाने की घोषणा की है।
इस बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर चार हफ्ते के अंदर घटना की विस्तृत रिपोर्ट मांगी। आयोग की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, “रिपोर्ट में सभी श्मशान स्थल, कब्रगाहों और इस तरह के अन्य भवनों की समीक्षा होनी चाहिए, जिनका राज्य में इस्तेमाल सामुदायिक गतिविधियों के लिए आम लोग करते हैं। संबंधित अधिकारियों को इस तरह के स्थानों की उचित देखभाल करनी चाहिए ताकि भविष्य में किसी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके।` मानवाधिकार आयोग ने कहा कि इसने राज्य सरकार से जांच की वर्तमान स्थिति और घायलों की हालत के बारे में जानकारी मांगी है।
पुलिस ने मामले में दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने कहा कि घटना के बाद फरार चल रहे ठेकेदार अजय त्यागी को मुरादनगर और निवारी थाने की पुलिस ने सथेड़ी गांव के पास गंगा नहर पुल के नजदीक सोमवार की रात गिरफ्तार किया। अजय त्यागी के बयान के आधार पर एएस कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक संजय गर्ग को गिरफ्तार किया गया। गाजियाबाद पुलिस ने सोमवार को मुरादनगर नगर पालिका की कार्यकारी अधिकारी निहारिका सिंह, कनिष्ठ अभियंता चंद्रपाल और सुपरवाइजर आशीष को गिरफ्तार किया था, क्योंकि वे भवन बनाने के लिए निविदा की प्रक्रिया में शामिल थे। उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।