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यूपी में कोरोना के रिकॉर्ड 2061 नए मामले, कुल संख्या 43 हजार के पार, अभीतक 1046 की मौत

देश में कोविड-19 रोगियों की वास्तविक संख्या केवल 3,31,146 है

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में आई तेजी थमने का नाम नहीं ले रही है। प्रदेश में बीते कुछ दिनों से प्रतिदिन बड़ी संख्या में नए मामले दर्ज हो रहे हैं। गुरुवार को नए मामलों का आंकड़ा दो हजार को पार कर गया। राज्य के प्रमुख स्वास्थ्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि बीते 24 घंटे में 2061 नए मामले सामने आए हैं। यह अबतक की सर्वाधिक संख्या है।
2061 केस के साथ राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 43 हजार 444 हो गई है। इसमें से 26 हजार 675 मरीज इलाज के बाद पूर्णतः ठीक हो चुके हैं और उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। प्रदेश में फिलहाल कोरोना के 15 हजार 723 सक्रिय मामले हैं, जिनका अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। बीते 24 घंटे में कोरोना के कारण 34 मरीजों की जान गई है। इस तर प्रदेश में इस महामारी के चलते जान गंवाने वालों की संख्या अब बढ़कर 1046 हो गई है।

कोविड-19 के 6.1 लाख से अधिक रोगी स्वस्थ हो चुके हैं

कोविड-19 की रोकथाम, उसे सीमित करने और संक्रमित लोगों के उपचार की व्यवस्था के लिए केंद्र सरकार के साथ ही राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा ‘संपूर्ण सरकार’ की कार्यनीति के तहत एक ग्रेडेड और सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया गया है। कोविड-19 के संबंध में किए जा रहे सामूहिक प्रयासों की उच्चतम स्तर पर नियमित रूप से समीक्षा और निगरानी की जाती है। कोविड-19 की रोकथाम को लेकर किए गए लक्षित उपायों की वजह से इसके संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है। आज की तारीख में देश में कोविड -19 रोगियों की वास्तविक संख्या केवल 3,31,146 है। यह अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए कुल मामलों के एक तिहाई (34.18%) से थोड़ा अधिक हैं। कोविड​​-19 मरीजों की वास्तविक संख्या घर-घर सर्वेक्षण, परिधि नियंत्रण गतिविधियों, संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने वालों का समय-समय पर पता लगाने तथा कैंटेनमेंट ज़ोन की निगरानी, ​​तेजी से परीक्षण तथा समय रहते निदान और देखभाल प्रोटोकॉल के अच्छी तरह से लागू मानक के माध्यम से मध्यम से गंभीर मामलों में उपचार सहित इसकी रोकथाम के लिए किए गए सक्रिय उपायों की वजह से सीमित है और इनका इलाज हो रहा है। इन उपायों की वजह से कोविड-19 रोगियों के उपचार के बाद स्वस्थ होने की संभावना काफी हद तक बढ़ गई है।

केंद्र और राज्य / केंद्र शासित प्रदेशों के संयुक्त प्रयासों से परीक्षण क्षमता में वृद्धि, स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार, एसएआरआई / आईएलआई मामलों में निगरानी को प्राथमिकता और बुजुर्ग तथा सह-रुग्णताओं वाले लोगों की पहचान सुनिश्चित करने की वजह से पूरे भारत में कोविड-19 के मरीजों के उपचार के बाद स्वस्थ होने की दर में निरंतर तेजी देखी जा रही है। जैसा कि नीचे दिए गए ग्राफ के आंकड़ें बताते हैं, स्वस्थ होने की दर के 50% का आंकड़ा पार करने के बाद जून 2020 के मध्य से रोगियों के ठीक होने की संख्या में लगातार वृद्धि और सक्रिय मामलों की संख्या में निरंतर गिरावट देखी जा रही है। कोविड-19 के कुल रोगियों में से अब तक 63.25% रोगी ठीक हो चुके हैं। इसके साथ ही, जून 2020 के मध्य में लगभग 45% सक्रिय मामलों में से आज अभी तक यह घटकर लगभग 34.18% तक पहुंच गई है।

पिछले 24 घंटों में कोविड संक्रमण से कुल 20,783 लोग ठीक हुए हैं जिससे इस बीमारी से ठीक होने वाले लोगों की कुल संख्या 6,12,814 हो गई है। इस बीमारी से ठीक होने वालों और इससे ग्रसित लोगों की संख्या के बीच का अंतर बढ़कर 2,81,668 हो गया है।कोविड-19 से संक्रमित लोगों के उपचार के लिए अस्पताल के बुनियादी ढांचे में श्रेणी I के तहत 1381 समर्पित कोविड अस्पताल, श्रेणी II के तहत 3100 समर्पित कोविड देखभाल केंद्र, श्रेणी III के तहत 10,367 कोविड देखभाल केंद्र शामिल हैं। इन सभी अस्पतालों में कुल मिलाकर 46,666 आईसीयू बेड हैं। केंद्र और राज्यों के बीच सहयोगात्मक रणनीति से यह भी सुनिश्चित हुआ है कि देश में कोविड मामलों में वृद्धि प्रतिबंधित क्षेत्र तक ही सीमित है। केवल दो राज्य- महाराष्ट्र और तमिलनाडु में ही देश में कोविड के कुल सक्रिय मामलों का 48.15% हिस्सा है। कुल 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से केवल 10 राज्य में ही कुल सक्रिय मामलों का 84.62% हिस्सा मौजूद है। केंद्र सरकार इस बीमारी की रोकथाम और इससे पीड़ित लोगों के प्रभावी नैदानिक ​​प्रबंधन के मामलों में इन 10 राज्यों को लगातार मदद कर रही है।

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