नयी दिल्ली : लोकसभा ने बुधवार को कांग्रेस समेत विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच ‘प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास विधेयक, 2020’ को मंजूरी दे दी। दिल्ली हिंसा पर तत्काल चर्चा कराने की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण बुधवार को दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे सदन की बैठक शुरू हुई तो पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने आवश्यक कागजात सदन के पटल पर पेश कराने के बाद ‘प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास विधेयक, 2020’ को लिया। सदन ने शोर-शराबे के बीच ही कुछ विपक्षी सदस्यों के संशोधनों को अस्वीकृत करने के बाद उक्त विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी प्रदान कर दी।
विवाद से विश्वास योजना के तहत, एक करदाता को केवल विवादित करों की राशि का भुगतान करना होगा और उसे ब्याज एवं जुर्माने पर पूरी छूट मिलेगी, बशर्ते वह 31 मार्च, 2020 तक भुगतान करे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में हंगामे के बीच ही इस विधेयक चर्चा एवं पारित होने के लिये रखा था। बजट में घोषित प्रत्यक्ष कर विवाद निपटारा की योजना से लोगों को मामले का निपटारा करने में होने वाले खर्च और समय बचाने में काफी मदद मिलेगी।
यह विधेयक ऐसी स्थिति में लाया गया है जब विभिन्न अदालतों एवं पंचाटों सहित अपीलीय निकायों में प्रत्यक्ष कर से जुड़े 9.32 लाख करोड़ रूपये के 4.83 लाख मामले लंबित हैं। सोमवार को सीतारमण ने निचले सदन में कहा था, ‘‘ यह योजना कर विवाद के मामलों के निपटारे के लिये विकल्प देगी। इससे लोगों को मामले का निपटारा करने में होने वाले खर्च और समय बचाने में काफी मदद मिलेगी।’’ उन्होंने कहा था कि सरकार ने विवादों को कम करने के लिये कदम उठाये हैं। ऐसी ही एक योजना अप्रत्यक्ष कर विवाद के मामले में घोषित की गई थी।