पहली बार चुनावों में रैली पर रोक: चुनाव आयोग
पांच राज्यों के विस चुनावों का एलान, सात चरणाें में होगा मतदान
चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर विधानसभाओं के चुनाव कार्यक्रमों का शनिवार को एलान कर दिया और इन सभी राज्यों में चुनाव कार्यक्रम सात चरणों में पूरे होंगे।उत्तर प्रदेश में मतदान सात चरणों में, मणिपुर में दो चरणों में तथा उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में एक-एक चरण में वोट डाले जाएंगे। पहले चरण में 10 फरवरी को वोट डाले जाएंगे और सभी राज्यों में मतगणना 10 मार्च को होगी। पांचों राज्यों की कुल 690 विधानसभा सीटों के लिए मतदान कराया जायेगा। चुनाव अधिसूचना तत्काल प्रभाव से जारी कर दी गयी और इसी के साथ आदर्श चुनाव आचार संहिता भी लागू हो गयी है। चुनाव के दौरान कोविड गाइडलाइन सख्ती से लागू की जाएगी।
उत्तर प्रदेश में 403, पंजाब में 117, उत्तराखंड में 70, मणिपुर में 60 और गोवा में 40 विधानसभा सीटों के लिए मतदान कराया जायेगा।कोविड के खतरे को ध्यान में रखते हुए रैलियों पर रोक लगाई गई है। केवल वर्चुअल रैलियों की इजाज़त दी गई है। इस बार महिला मतदाताओं की तादाद बढ़ी है।मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चन्द्रा ने चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुए बताया कि जिला निर्वाचन अधिकारी और आयोग के पर्ययवेक्षक रैलियों पर पांबदी और दूसरे निर्देशों के अनुपालन पर कड़ी निगाह रखेंगे और उल्लघंन होने पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने मतदाताओं से पूरे उत्साह से मतदान में भाग लेने की अपील करते हुए कहा कि सभी मतदान केन्द्र कोविड के हिसाब से सुरक्षित हैं और सभी चुनावकर्मी वैक्सीनेटेड हैं।
कोविड को ध्यान में रखते हुए इस बार कुल मतदान केन्द्रों की संख्या 16 फीसदी बढ़ा दी गई है। कुल दो लाख 15 हज़ार से ज़्यादा मतदान केन्द्र बनाये गए हैं और हर केन्द्र पर अधिकतम मतदाताओं की संख्या डेढ़ हजार से घटाकर 1200 कर दी गई है। मतदान की अवधि इस बार एक घंटा बढ़ा दी गई है।मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि पहले चरण में उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। इसके लिए 14 जनवरी को अधिसूचना जारी की जाएगी। नामांकन 21 जनवरी तक किए जा सकेंगे। नामांकन पत्रों की जांच 24 जनवरी को होगी और नाम 27 जनवरी तक वापस लिए जा सकेंगे। दूसरे चरण में उत्तर प्रदेश के साथ पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में भी वोट 14 फरवरी को डाले जाएंगे।
तीसरे चरण का मतदान केवल उत्तर प्रदेश में 20 फरवरी को, चाैथे चरण का मतदान केवल उत्तर प्रदेश में 23 फरवरी को होगा। पांचवे चरण में उत्तर प्रदेश के साथ मणिपुर में पहले चरण के लिए 27 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। उत्तर प्रदेश में छठे चरण और मणिपुर के दूसरे चरण का मतदान तीन मार्च को होगा। आखिरी और सातवें चरण के लिए उत्तर प्रदेश में सात मार्च को वोट डाले जाएंगे। सभी राज्यों में वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि साल 2012 में सभी राज्यों में कुल नौ चरणों में और 2017 में कुल आठ चरणों में वोट डाले गए थे।श्री चन्द्रा ने कहा कि यह लोकतंत्र का त्योहार है, इसमें मतदाताओं को पूरे उत्साह से भाग लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनावों काे सफल बनाना राजनीतिक दलों सहित सभी संबंधित पक्षों का अहम् दायित्व है।
सख्त कोविड नियमों के तहत होंगे पांच राज्यों में विस चुनाव:आयोग
चुनाव आयोग के इस वर्ष पांच राज्यों में होने वाले चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा के साथ ही आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनावों में कोविड प्रोटोकाल पर विशेष ध्यान दिया है। चुनाव आयोग के संवादादता सम्मेलन में मुख्य आयुक्त सुशील चंद्रा ने बताया कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा विधानसभा चुनावों के दौरान पूर्ण रूप से कोविड-दिशानिर्देश लागू किये जायेंगे।श्री चंद्रा ने कहा कि कोविड की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए 15 जनवरी 2022 तक सभी प्रकार की प्रत्यक्ष रैलियों, साइकिल और मोटरसाइकिल रैली, पद यात्राओं, नुक्कड़ सभाओं, जनसभाओं इत्यादि पर रोक रहेगी। चुनाव में भाग लेने वाले दल वर्चुअल रैलियों के माध्यम से प्रचार कर सकेंगे।
स्थिति पर 15 जनवरी को समीक्षा करने के बाद पार्टियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। इस दौरान राजनीतिक दल रात आठ बजे से सुबह आठ बजे तक कोई रैली नहीं कर सकेंगे। रैली के समय राजनीतिक दल कोविड के नियमों के तहत जनता को मास्क उपलब्ध करायेंगे। डोर टू डोर कैम्पेन के लिए पांच लोगों की इजाज़त होगी, साथ ही प्रचार में कोविड गाइडलाइन का ध्यान रखना जरूरी है।सभी मतदान केंद्र प्रथम तल पर स्थित होंगे और वहां सेनेटाइजर, मास्क, दस्ताने इत्यादि की पूर्ण रूप से व्यवस्था होगी। केंद्रों पर मौजूद सभी कर्मचारियों दोनों डोज ले चुके होंगे, जरूरत पड़ने पर बूस्टर डोज की व्यवस्था होगी। चुनाव में भाग लेने वाले सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को फ्रंट लाइन वर्कर्स का दर्जा दिया जाएगा।कोविड नियमों का पालन न करने वालों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा निर्वाचन आयोग को चुनाव वाले पांच राज्यों में कोविड का प्रसार और कोविड टीकाकरण की स्थिति का विस्तृत ब्यौरा दिया गया है।मंत्रालय ने यहां जारी एक स्पष्टीकरण में कहा कि गुरुवार को निर्वाचन आयोग के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में पांच चुनाव वाले राज्यों में कोरोना महामारी के प्रसार और कोविड टीकाकरण की ताजा स्थिति की विस्तृत जानकारी दी गयी।मंत्रालय ने कहा कि मीडिया के एक वर्ग में ‘देश में कोविड की स्थिति के बारे में चिंतित होने की कोई बात नहीं है’ और ‘घबराने का कोई कारण नहीं है’ जैसी टिप्पणियां आधारहीन, त्रुटिपूर्ण और भ्रामक हैं।
मंत्रालय ने कहा कि इस तरह की खबरें बेहद गलत सूचना देने वाली, गुमराह करने वाली और सच्चाई से कोसों दूर हैं। इन रिपोर्टों में महामारी के बीच एक गलत सूचना अभियान शुरू करने की बहुत अधिक प्रवृत्ति अधिक है।मंत्रालय ने कहा कि स्वास्थ्य सचिव के साथ बैठक चुनाव वाले पांच राज्यों पर केंद्रित रही और कोविड से संबंधित स्थिति से निर्वाचन आयोग को अवगत कराया गया। पांच राज्यों उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेश, पंजाब, गोवा और मणिपुर में आने वाले महीनों में विधानसभा चुनाव होंगे।एक अन्य स्पष्टीकरण में मंत्रालय ने कहा है कि 15-18 आयु वर्ग के बच्चों को दिये जा रहे कोविड टीके कोवैक्सिन को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड संक्रमण से बचाव की आपात सूची दवा में शामिल किया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में आयी खबरें भी गलत और भ्रामक हैं।