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चीन ने ताइवान केआसमान में भेजे 18 लड़ाकू विमान

बीजिंग । चीन और ताइवान के बीच तनातनी के बीच ड्रैगन ने अमेरिका को अजीब तरह से धमकाया है। सांकेतिक तौर पर अमेरिका को चेताने और शक्ति प्रदर्शन करने के लिए उसने ताइवान में 18 लड़ाकू विमान भेजे हैं। दरअसल, ताइवान में शुक्रवार को अमेरिकी दूत ने इस स्व-शासित द्वीप के नेताओं से मुलाकात की और इसी दौरान चीनी सेना ने अप्रत्याशित तौर पर शक्ति प्रदर्शन करते हुए ताइवानी क्षेत्र में लड़ाकू जेट समेत 18 लड़ाकू विमान उड़ाए। साथ ही चीन ने अमेरिका को सांकेतिक तौर पर कहा कि वह आग से न खेले, नहीं तो जल जाएगा।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी कीथ क्रैच ने ताइवान के आर्थिक मामलों के मंत्री और उप प्रमुख के साथ चर्चा की। उन्होंने उद्योग जगत के नेताओं से भी मुलाकात की और राष्ट्रपति साई इंग वेन के साथ भोजन किया। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीन के 18 लड़ाकू विमानों ने ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में प्रवेश किया। उन्होंने कहा कि ताइवान ने चीनी विमानों की आवाजाही पर निगरानी रखी। वहीं, चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता रेन ग्योकियांग ने इसे ‘राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए ताइवान स्ट्रेट की वर्तमान स्थिति के मद्देनजर की गई एक वैध और आवश्यक कार्रवाई करार दिया।’ बीजिंग में रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता रेन गुओकियांग ने कहा कि आग से खेलने वालों को जला दिया जाएगा। गौरतलब है कि चीन ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है और इस स्वशासित द्वीप और अन्य किसी देश के बीच किसी भी तरह की औपचारिक वार्ता का सख्ती से विरोध करता है। कीथ दशकों बाद इस द्वीप का दौरा करने वाले विदेश मंत्रालय के पहले उच्च स्तरीय अधिकारी हैं। इससे पहले अगस्त में अमेरिका के स्वास्थ्य मंत्री एलेक्स अजर ताइवान के दौर पर आए थे। 1979 में अमेरिका और ताइवान की सरकार के बीच आधिकारिक संबंध समाप्त होने के बाद किसी उच्च स्तरीय अमेरिकी अधिकारी का वह पहला ताइवान दौरा था। अमेरिका ने ताइवान के साथ आधिकारिक राजनयिक संबंध समाप्त होने के बाद भी अनौपचारिक संबंध बनाए रखे और वह द्वीप का सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी और रक्षा साजो सामान का आपूर्तिकर्ता है।

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