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पराली जलाने से होने वाली क्षति के प्रति किसानों को करें जागरूक : मुख्यमंत्री

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि पराली ( फसल अपशिष्ट) जलाने से होने वाली क्षति के प्रति किसानों को जागरूक करें। किसी भी स्थिति में कहीं भी इस मुद्दे पर किसानों से बदसलूकी सहन नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पराली को लेकर पहले ही गाईडलाइन जारी की जा चुकी है। किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान और नहीं जलाने से होने वाले फायदे के बारे में अभियान चलाकर बताया जाए। उन्हें बताएं कि पराली जलाना पर्यावरण के साथ आपकी जमीन की उर्वरा शक्ति के लिए भी ठीक नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल) ने पराली जलाने को दंडनीय अपराध घोषित किया है। किसान ऐसा करने की जगह उन योजनाओं का लाभ उठाएं जिससे पराली को निस्तारित कर उसे उपयोगी बनाया जा सकता है। सरकार ऐसे कृषि यंत्रों पर अनुदान भी दे रही है। कई जगह किसानों ने इन कृषि यंत्रों के जरिए पराली को कमाई का जरिया बनाया है। बाकी किसान भी इनसे सीख ले सकते हैं। किसानों के ये सारी चीजें बताई जानी चाहिए।मालूम हो कि पराली के साथ फसल के लिए सर्वाधिक जरूरी पोषक तत्व नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश (एनपीके) के साथ अरबों की संख्या में भूमि के मित्र बैक्टीरिया और फफूंद भी जल जाते हैं। यही नहीं, बाद में भूसे की भी किल्लत बढ़ जाती है।

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