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यूपी में खेती-किसानी को फायदे का सौदा बनाने के लिए केंद्र सरकार खर्च करेगी 550 करोड़ रुपए

पूर्वांचल की खेतीबाड़ी के कायाकल्प की तैयारी

फाईल फोटो

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में डबल इंजन की सरकार खेती किसानी को फायदे का सौदा बनाने की तैयारी कर रही है। इसी के साथ डिजिटल खेती को भी नए रूप में बढ़ावा दिया जाएगा। खेती के डिजिटलीकरण के साथ ही किसानों की आय बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। यूपी में खेती-किसानी को फायदे का सौदा बनाने के लिए केंद्र सरकार 550 करोड़ रुपए खर्च करेगी। योगी सरकार का दालों समेत विभिन्न खाद्यान्न फसलों की नई हाईब्रिड किस्मों पर फोकस है। इसी के साथ पैदावार बढ़ाने और फसलों को बीमारियों और कीड़ों के प्रति अधिक प्रतिरोधी बनाने की तैयारी है। सिंचाई और जल बचत उपकरण के साथ कृषि मशीनरी को यूपी सरकार विकसित करेगी। डबल इंजन की सरकार इन योजनाओं के सहारे गांवों में खुशहाली लाने की तैयारी कर रही है।

जैव-फोर्टिफाइड किस्मों की फसलों पर रहेगा जोर

केंद्र सरकार ने यूपी के लिए कृषोन्नति योजना के अंतर्गत धन आवंटन किया है। जिसमें 2025-26 के लिए वार्षिक आवंटन (केन्द्रीय हिस्सा) के तहत 550 करोड़ से अधिक की राशि मिलेगी। केंद्र द्वारा संचालित योजनाओं को रफ्तार देने के लिए केंद्र सरकार 60 प्रतिशत और राज्य सरकार 40 प्रतिशत धनराशि खर्च करती है। इसके तहत जैव-फोर्टिफाइड किस्मों की फसलों, जलवायु के अनुकूल और हाइब्रिड उपज पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इन फसलों की खेती करने वाले जिलों को निधियों के विवेकपूर्ण आवंटन के लिए रणनीति विकसित की जाएगी। इस संबंध में केंद्र सरकार की ओर से मुख्य सचिव के साथ कृषि सचिव उत्तर प्रदेश को पत्र भेजा गया है।

केंद्र सरकार ने इस तरह किया है धन आवंटन

कृषि विस्तार के लिए 14000 लाख रुपए

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं पोषण मिशन के लिए 13129 लाख

बागवानी के एकीकृत विकास के मिशन के लिए 8500 लाख

बीज के लिए 2200 लाख

राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-तिलहन के लिए 4100 लाख

राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-ऑयल पाम के लिए 66 लाख

राष्ट्रीय बांस मिशन के लिए 400 लाख

डिजिटल कृषि के लिए 12609 लाख

कुल मिलाकर 550 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।

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