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पत्रकारों की आज़ादी को सेंसर करना कांग्रेस की पुरानी मानसिकता: भाजपा

नयी दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस एवं उसके गठबंधन के सहयोगी दलों पर देश विरोधी और प्रेस की स्वतंत्रता का विरोधी होने का आरोप लगाया है और कहा है कि भ्रष्टाचार के बारे में सवाल करने पर पत्रकारों को प्रतिबंधित करना कांग्रेस की पुरानी मानसिकता रही है।भाजपा के प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा ने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस नेता सैफ़ुद्दीन सोज ने ऐसे समय देश विरोधी बयान दिया है , जब सेना आतंकवादियों के विरुद्ध कार्रवाई कर रही है।

उन्होंने कहा, “ जम्मू कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले पर भारतीय सेना की कार्रवाई जारी है। इन सबके बीच कुछ नेता ऐसे हैं, जो देश विरोधी बयान दे रहे हैं। कांग्रेस नेता सैफ़ुद्दीन सोज ने कहा है कि हिंदुस्तान को पाकिस्तान से न केवल बात करनी चाहिए, अपितु आतंकवादियों के दिमाग में क्या चल रहा है, उसे भी समझने को कोशिश करनी चाहिए। ”डॉ. पात्रा ने कहा कि श्री सैफ़ुद्दीन सोज वही कांग्रेसी नेता हैं जिन्होंने अपनी किताब में लिखा था कि जम्मू- कश्मीर अलग होना चाहिए।

LIVE: Press Conference by BJP National Spokesperson Dr. Sambit Patra in Delhi | BJP Media Briefing

डॉ. फारूक अब्दुल्ला और बाकी नेताओं ने भी पाकिस्तान से बातचीत की बात कही है। जब हमारे वीर जवानों की अंतिम यात्रा चल रही है, उस समय ऐसे बयान देना न केवल अनुचित हैं, बल्कि दुःखद भी हैं।अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बारे में भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि संविधान (पहला संशोधन) अधिनियम, 1951 तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा 10 मई 1951 को पेश किया गया था। इस संशोधन ने बोलने की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगा दिया, भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करने के साधन प्रदान किए। श्रीमती इंदिरा गांधी के नेतृत्व में 1975 के आपातकाल में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इतना दमन किया गया जैसा पहले कभी नहीं हुआ था।

उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सत्तारूढ़ सरकार ने 29 अगस्त 1988 को मानहानि विधेयक 1988 प्रस्तुत किया। यह मीडिया पर विशेष रूप से खोजी पत्रकारिता पर सेंसरशिप लगाने का सरकार का एक प्रयास था। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस के नेता सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक पर सवाल पूछते हैं तो इनका कोई बहिष्कार नहीं होता , लेकिन जब पत्रकार किसी बहस में इनसे सवाल पूछ लेता है कि “ आपके राज्य में भ्रष्टाचार क्यों हो रहा है। तो ये पत्रकारों का बहिष्कार कर देते हैं। ”(वार्ता)

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