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सिसोदिया के आवास पर सीबीआई का छापा,मनीष सहित 15 के खिलाफ मुकदमा दर्ज

मनीष सिसोदिया सहित आबकारी विभाग से सभी तत्कालीन शीर्ष अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई.अपने सहयोगियों अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे के माध्यम से मनीष सिसोदिया ने बटोरे पैसे.

नई दिल्ली । केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली में नई आबकारी नीति को लेकर दर्ज अपनी एफआईआर में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को मुख्य आरोपित बनाया है। अपनी एफआईआर में सीबीआई ने आरोप लगाया है कि नई शराब नीति बनाने और उसको लागू कराने में शराब कंपनियों और बिचौलियों को शामिल किया गया है। मनीष सिसोदिया के करीबी सहयोगियों के द्वारा शराब लाइसेंसधारियों से कमीशन प्राप्त किया गया। सीबीआई ने इस घोटाले में करीब 16 लोगों को जांच के दायरे में रखा है।

सीबीआई ने बयान जारी कर कहा कि उसकी ओर से शुक्रवार सुबह दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के निवास सहित उनसे जुड़े 7 राज्यों के 31 स्थानों पर छापेमारी की गई। यह छापेमारी दिल्ली, गुरुग्राम, चंडीगढ़, मुंबई, हैदराबाद, लखनऊ, बेंगलुरु और अन्य स्थानों पर की गई। इसमें इस मामले से जुड़े कुछ दस्तावेज, लेख और डिजीटल रिकॉर्ड बरामद किए गए हैं। सीबीआई का कहना है कि आरोपितों के खिलाफ अभी जांच जारी है।

सीबीआई ने 17 अगस्त को ही इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर में दिल्ली के मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, आबकारी विभाग के तत्कालीन कमिश्नर अरवा गोपी कृष्णा, तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर आनंद तिवारी, तत्कालीन असिस्टेंट कमिश्नर पंकज भटनागर सहित 10 शराब लाइसेंसधारकों, उनके सहयोगियों और कुछ अज्ञात के खिलाफ है।

सीबीआई ने प्रारंभिक जांच में ही पाया है कि दिल्ली की नई आबकारी नीति बनाने में कई तरह की अनियमितताएं बरती गईं। आबकारी नीति में बदलाव करते समय कुछ लाइसेंस-धारकों को अवांछित लाभ पहुंचाने, लाइसेंस फीस को कम करने और माफ करने और लाइसेंस को बिना मंजूरी के विस्तार देने का कार्य किया गया है। इसके जरिए अवैध लाभ कमाया गया है और इसके लिए निजी पार्टियों ने अपने खातों में झूठी प्रविष्टियां दिखाई हैं ताकि अनियमितता करने वाले सरकारी अधिकारियों और उनके आकाओं को लाभ पहुंचाया जा सके।

एफआईआर में सीबीआई ने कहा है कि मनीष सिसोदिया ने अपने सहयोगियों अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे की मदद से शराब लाइसेंस-धारियों से कमीशन प्राप्त किया। आरोपित निजी शराब विक्रेता कंपनी इंडोस्पिरिट ने मनीष सिसोदिया के सहयोगी दिनेश अरोड़ा से जुड़ी कंपनी को एक करोड़ ट्रांसफर किए। अर्जुन पांडे ने एक बार विजय नायर की ओर से समीर महेंद्रु से लोक सेवकों को धन देने के लिए लगभग 2 से 4 करोड रुपए एकत्र किए हैं।(हि.स.)

आम आदमी पार्टी ने हालांकि भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज किया है।श्री सिसोदिया ने अपने आवास पर सीबीआई के तलाशी अभियान की ट्विटर पर एक के बाद एक कई पोस्ट कर के जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी के काम में पूरा सहयोग करेंगे ताकि जल्द ही ‘सच्चाई’ सामने आ सके। श्री सिसोदिया ने हिंदी में ट्वीट किया, “सीबीआई आई है। उनका स्वागत है। हम कट्टर ईमानदार हैं। लाखों बच्चों का भविष्य बना रहे हैं। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे देश में जो अच्छा काम करता है, उसे इसी तरह परेशान किया जाता है, इसीलिए हमारा देश अभी तक नम्बर-वन नहीं बन पाया है।”उन्होंने कहा, “ हम सीबीआई का स्वागत करते हैं। जांच में पूरा सहयोग देंगे ताकि जल्द ही सच्चाई सामने आ सके। ”

दिल्ली के मुख्य सचिव की एक रिपोर्ट में केजरीवाल सरकार की नयी शराब नीति में अनियमितताओं का उल्लेख किया गया था। उसके आधार पर उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इस मामले की तह तक जाने के लिए पिछले महीने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू की है।दिल्ली सरकार ने नयी नीति के तहत नवंबर में शराब की दुकान के लाइसेंस निजी कारोबारियों को सौंपे थे, जिससे दिल्ली में शराब की दुकानों की संख्या बहुत बढ़ गयी थी। विपक्षी दलों ने सरकार और शराब के ठेकेदारों के बीच साठगांठ का आरोप लगाते हुए इस नीति की आलोचना की थी। कई सामाजिक संगठनों ने भी इस नीति को शराबखोरी बढ़ाने वाली नीति बता कर दिल्ली सरकार पर सवाल उठाए थे।

सूत्रों ने यह भी बताया कि इस कार्रवाई में एक लोक सेवक के ठिकाने से दिल्ली की आबकारी नीति से संबंधित गोपनीय दस्तावेज बरामद किए हैं।सूत्रों के अनुसार जांच एजेंसी ने प्राथमिकी दर्ज कर के इस मामले की जांच शुरू की है। इसमें श्री सिसोदिया सहित 15 लोगों को नामित किया गया है। इस मामले में कुछ अन्य लोगों के भी शामिल होने का संदेह है।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय एजेंसी की इस कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि 75 सालों में जिसने भी अच्छे काम की कोशिश की, उसे रोका गया, इसीलिए देश पीछे रह गया, लेकिन दिल्ली के अच्छे कामों को रुकने नहीं देंगे। उन्होंने कहा दिल्ली के शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल की पूरी दुनिया चर्चा कर रही है। इसे ये रोकना चाहते हैं। इसीलिए दिल्ली के स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्रियों पर छापा और गिरफ़्तारी की जा रही है।

उन्होंने कहा, “ जिस दिन अमेरिका के सबसे बड़े अख़बार न्यूयार्क टाइम्स के मुख्य पेज पर दिल्ली शिक्षा मॉडल की तारीफ़ और मनीष सिसोदिया की तस्वीर छपी, उसी दिन मनीष के घर केंद्र ने सीबीआई भेजी। सीबीआई का स्वागत है। पूरा सहयोग करेंगे। पहले भी कई जाँच/छापे पड़े। कुछ नहीं निकला। अब भी कुछ नहीं निकलेगा। ”केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “आबकारी नीति में भ्रष्टाचार ने अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया का असली चेहरा उजागर कर दिया है। ”उन्होंने कहा कि जांच के डर से आप नेता इसे अपनी सरकार के शिक्षा और स्वास्थ्य के काम से जोड़ रहे हैं।कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने हालांकि ट्वीट किया कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के निरंतर दुरुपयोग का दूसरा पहलू यह है कि “एजेंसियों की वैध, सही कार्रवाई भी संदेह के घेरे में आ जाती है।”

आप के राज्य सभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर सीबीआई छापे का मकसद शराब नीति नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके ‘शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल’ को रोकना है।‌उन्होंने कहा कि जब श्री केजरीवाल की लोकप्रियता बढ़ रही है और चुनाव में जीत रहे हैं। एक के बाद दूसरे और तीसरे राज्य में पहुंच रहे हैं, तो उसका सबसे बड़ा कारण दिल्ली का शिक्षा और स्वास्थ्य का मॉडल है। दिल्ली के शिक्षा और स्वास्थ्य की क्रांति से परेशान होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रात में नींद नहीं आती। उनको सिर्फ एक ही चिंता लगी रहती है कि कैसे केजरीवाल को रोकना है? कैसे शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल को रोकना है?

कांग्रेस के नेता एवं पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने कहा कि उन्हें आश्चर्य हैं कि ये छापे पहले क्यों नहीं पड़े। उन्होंने कहा कि दिल्ली में शराब के ठेकों का मामला हो, स्कूल कक्षों के निर्माण की बात हो या स्कूली शिक्षकों की भर्ती का मामला, इनकी जांच के लिए सीबीआई को कम से कम 10 छापे मारने चाहिए।

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