वाराणसी । भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की एक महिला अफसर से एक परिचित व्यक्ति ने 15 लाख रूपये उधार लेकर हड़प लिया। आठ साल के लम्बे तगादे और इंतजार के बाद भी व्यक्ति ने रूपये नहीं लौटाये तो महिला ने पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश से गुहार लगाई। सीपी के निर्देश पर मंडुवाडीह थाने में पहाड़ी निवासी विनोद कुमार सिंह व उसके बेटे अखिलेश सिंह और स्टाफ मार्कंडेय यादव के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना और धमकाने सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने गुरूवार से प्रकरण की जांच शुरू कर दी है।
लंका थाना क्षेत्र के साकेत नगर निवासिनी किरन गुप्ता वाराणसी में ही एलआईसी में अफसर हैं। पीड़ित किरन गुप्ता के अनुसार विनोद कुमार सिंह उनके ऑफिस में आता-जाता रहता था। इसी वजह से उससे संपर्क हुआ और वर्ष 2014 में विनोद ने उनसे कहा कि उसे पैसे की जरूरत है। यदि वह उसे 15 लाख रुपए दे दें तो वह मड़ौली स्थित अपनी जमीन का बैनामा उन्हें करने के लिए तैयार है, या तो वह स्वयं उस जमीन को बेच देंगी या फिर वह उस जमीन को बेच कर उन्हें पैसा लौटा देगा। विनोद के साथ उसका बेटा अखिलेश सिंह और मार्कंडेय यादव भी थे। विनोद पर विश्वास करते हुए महिला अफसर ने आरटीजीएस और चेक के माध्यम से विनोद को 15 लाख रुपए दे दी। इसके बदले में 50 रुपए के स्टांप पर लिखापढ़ी हुई और विनोद ने उन्हें एक चेक भी दिया।
किरन ने बताया कि लगभग तीन वर्ष बीत जाने के बाद उन्होंने विनोद से अपने पैसे मांगे इस पर विनोद ने कुछ और समय देने के लिए कहा। आपसी संबंध होने के कारण वह भी मान गई और विनोद की टालमटोल का सिलसिला 2022 तक जारी रहा। बताया कि बीते अप्रैल महीने में उन्होंने विनोद से कहा कि आप रुपए नहीं लौटा पाएंगे। आपकी जो जमीन है उसकी रजिस्ट्री ही हमारे नाम कर दें। इस पर उसने जमीन के कागजात दिए। उन कागजात को सदर तहसील में चेक कराने पर पता लगा कि वह जमीन विनोद के नाम नहीं बल्कि उसकी पत्नी के नाम है।
इस तरह से विनोद ने उनसे झूठ बोला था कि जमीन उसके नाम पर है। विनोद से जब उन्होंने फिर अपने पैसे की मांग की तो वह अखिलेश और मार्कंडेय उन्हें देख लेने की धमकी देने लगे। इस पर उन्होंने पुलिस कमिश्नर से कार्रवाई की गुहार लगाई।इस संबंध में मंडुवाडीह थाना प्रभारी का कहना है कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच हो रही है।(हि.स.)