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भक्तों के आगमन के साथ ही ‘बाबा विश्वनाथ’ की आय में हुई रिकॉर्ड वृद्धि

  • वित्तीय वर्ष 2021-22 के मुकाबले 2022-23 में आय में हुई लगभग 191 प्रतिशत की वृद्धि
  • 2022 और 2023 में लगभग 13 करोड़ दर्शनार्थियों ने आदि योगी के दर पर नवाया शीश
  • तंग गलियों और गंदगी की पहचान को मिटा विकास के मॉडल के रूप में पेश हो रही काशी

वाराणसी : श्री काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं का रिकॉर्डतोड़ आगमन हो रहा है। इससे काशी पुराधिपति ‘बाबा विश्वनाथ’ की आय में भी रिकॉर्ड वृद्धि हो रही है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के मुकाबले 2022-23 की आय में लगभग 200 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं वर्ष 2022 और 2023 में लगभग 13 करोड़ दर्शनार्थियों ने बाबा के दर पर शीश नवाया। काशी का विकास, विश्वनाथ धाम का विस्तार और देश -दुनिया से वाराणसी की अच्छी कनेक्टिविटी के कारण यहां पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। लोकार्पण के बाद से ही श्रद्धालुओं का मंदिर में जन सैलाब उमड़ रहा है। काशी में बढ़ रहे पर्यटकों के कारण पर्यटन उद्योग समेत अन्य व्यवसाय भी आसमां छू रहे हैं।

काशी में उत्तरवाहिनी गंगा के किनारे विराजमान देवाधिपति महादेव का दर्शन कर दुनिया भर के सनातनी उनका आशीष लेना चाहते हैं। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास में अभी तक का सबसे ज्यादा चढ़ावा चढ़ा है। यह राशि 58.51 करोड़ से अधिक है। पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले इस वित्तीय वर्ष की आय में लगभग 191 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसमें कई मूल्यवान वस्तुएं भी शामिल हैं। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के दिव्य और भव्य होने के साथ ही काशी की कनेक्टिविटी पूरी दुनिया से अच्छी हुई है, जिससे दुनिया के हर कोने से काशी पहुंचना बेहद आसान हो गया है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि पिछले दो वर्षों में 12, 84,57314 श्रद्धालुओं ने दर्शन किया है। वर्ष 2022 में 7,11,47,210 और वर्ष 2023 में 5,73,10,104 शिव भक्तों ने आदि योगी का दर्शन किया।

तंग गलियों और गंदगी की अपने पहचान को मिटाती हुई काशी आज विश्व के सामने विकास के मॉडल के रूप में प्रस्तुत है। अत्याधुनिक काशी की नई तस्वीर को देखकर देश दुनिया के श्रद्धालु काशी की ओर खिचे चले आ रहे हैं। इससे वाराणसी के पर्यटन उद्योग में जबरदस्त उछाल आया है। होटल उद्योग, बनारस का ख़ास खानपान, ट्रैवल इंडस्ट्री, परिवहन, हस्तशिल्प कला, पूजन सामग्री, नाविक और घाट से जुड़े अन्य व्यवसाय के लोगों के जीवन स्तर में काफी बदलाव आ रहा है।

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