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विकास की बुलंदी पर शौर्य एवं संस्कार की धरती बुंदेलखंड

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बुंदेलखंड के विकास की धुरी बनेगा। यह कहना है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का। वैश्विक महामारी कोरोना के बावजूद 36 माह के तय समय से पहले मात्र 28 माह के रिकॉर्ड समय में करीब 297 किमी की लंबाई वाले इस एक्सप्रेसवे का उद्घाटन 16 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। उनके आगमन की तैयारियों का जायजा लेने 11 जुलाई को मुख्यमंत्री जालौन स्थित आयोजन स्थल के दौरे पर थे। उसी दौरान उन्होंने एक्सप्रेसवे को बुंदेलखंड के विकास की धुरी बताने के साथ यह भी बताया। साथ ही यह भी बताया कि कैसे यह संभव होगा। इस दौरान उन्होंने जिन जिलों से यह एक्सप्रेसवे गुजरेगा वहां औद्योगिक क्लस्टर बनाने और डिफेंस कॉरिडोर का भी जिक्र किया।

मसलन सरकार सभी एक्सप्रेसवेज की तरह बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किनारे भी औद्योगिक गलियारा भी विकसित कर रही है जहां फूड प्रोसेसिंग, मिल्क प्रोसेसिंग, हैंडलूम आधरित यूनिट बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन का आधार बनने जा रही हैं। इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए बांदा और जालौन को पहले ही चिन्हित कर लिया गया है। इसके लिए सलाहकार एजेंसी भी चयनित हो चुकी है। बजट में भी एक्सप्रेसवेज के किनारे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। 11 जुलाई के अपने दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने इसके दायरे को और विस्तार देते हुए इसके दायरे को और विस्तार दिया। एक्सप्रेस-वे के किनारे बसे जिलों में से हमीरपुर, महोबा और चित्रकूट में भी औद्योगिक क्लस्टर विकसित होंगे।

डिफेंस कॉरिडोर से खत्म हो जाएगी बुंदेलखंड उद्योग शून्यता

पूर्व की सरकारों की उपेक्षा से बुंदेलखंड उद्योगशून्यता का पर्याय बन रहा था। डबल इंजन की सरकार ने बुंदेलखंड के माथे से यह दाग भी मिटा दिया। ऐतिहासिक डिफेंस कॉरीडोर का मेगा प्रोजेक्ट इस धरा पर एक नई औद्योगिक क्रांति लेकर आएगा। डिफेंस कॉरीडोर वृहद स्तर पर निवेश और रोजगार की संभावनाओं से बुंदेली धरती के लोगों का भविष्य स्वर्णिम बना रहा है।

50 हजार से अधिक का निवेश 3 लाख से अधिक को रोजगार

फरवरी 2020 में इसके उद्घाटन के अवसर पर मूख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि डिफेंस कॉरीडोर में करीब 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश आएगा। इससे तीन लाख से अधिक युवाओं को रोजगार मिलेगा। मालूम हो कि इस कॉरिडोर के छह नॉड्स में से दो झांसी एवं चित्रकूट बुंदेलखंड में ही हैं। बाकी नोड्स कानपुर, लखनऊ, आगरा और अलीगढ़ हैं। इससे विश्व की दूसरी सबसे बड़ी सेना और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भारत रक्षा उत्पाद आयातक की जगह निर्यातकर्ताओं में शुमार हो जाएगा।

भगीरथ बने मोदी-योगी बुझा रहे हैं प्यास

बुंदेलखंड में लोगों का जीवन सुव्यवस्थित हो, इसके लिए सबसे पहली आवश्यकता पानी की थी। लोगों के लिए और उनके खेतों के लिए भी। पहली बार अगर किसी सरकार ने बुंदेलखंड के लोगों और यहां के खेतों की प्यास बुझाने के लिए शिद्दत से प्रयास किया तो वह डबल इंजन की मौजूदा सरकार ही है। मोदी और योगी की सरकार ने जलजीवन मिशन के जरिए बुंदेलखंड के लोगों की और अर्जुन सहायक नहर परियोजना, बंडई बांध परियोजना, चिल्ली-मसगांव, कुलपहाड़ स्प्रिंकलर प्रणाली, खेत तालाब योजना के तहत खोदे गए तालाबों से और भविष्य में केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट के जरिए खेतों के प्यास बुझाने की भी चिंता की। बुंदेलखंड में पानी के प्रचुर प्रबंधन म योगदान देने जा रहा है।

और ऊंची होगी विकास की उड़ान

डबल इंजन सरकार में बुंदेलखंड का विकास एक्सप्रेसवे, डिफेंस कॉरीडोर और सिंचाई-जल परियोजनाओं तक ही ठहरने वाला नहीं है। इस विकास यात्रा को आगे और तीव्रतर करने की तैयारी है। इसके तहत योगी सरकार ने बजट में बुंदेलखंड की विशेष योजनाओं के लिए 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। विरासत से समृद्ध यह क्षेत्र सांस्कृतिक पर्यटन का हब भी बनेगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश चित्रकूट धाम तीर्थ विकास परिषद के लिए 3.5 करोड़ आवंटित किए गए हैं। गोस्वामी तुलसीदास की जन्मभूमि राजपुर के साथ ही महर्षि बाल्मीकि की तपोस्थली का समग्र विकास भी कराया जा रहा है। पर्यटकों को शानदार सुविधा देने के लिए योगी सरकार चित्रकूट में हवाईअड्डा संचालित करने को तैयार है।

पाठा में डकैतों की बंदूकें नहीं टाइगर गरजेंगे जहां डकैतों के डर से कभी कोई कदम नहीं रखता था, उस पाठा में बनने जा रहा टाइगर रिजर्व देश-दुनिया के पर्यटकों को लुभाएगा। भविष्य में यहां डकैतों की बंदूकों की जगह टाइगर रिजर्व के बाघों की गर्जना सुनाई देगी। सरकार चित्रकूट के समग्र विकास को लेकर कितनी संजीदा है, इसे इससे समझा जा सकता है कि हाल की चित्रकूट यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 3287 लाख रुपये की 15 परियोजनाओं का लोकार्पण व 8255 लाख रुपये की 28 परियोजनाओं का शिलान्यास किया था। इन तमाम सौगातों के बीच 15 हजार करोड़ रुपये की लागत से बने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन इस क्षेत्र के लिए विकास के नए युग की शुरुआत होगी। इस एक्‍सप्रेसवे के शुरू होने से बुंदेलखंड के लोगों के लिए दिल्‍ली और लखनऊ का आवागमन बेहद आसान हो जाएगा। रोड इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होने से बुंदेलखंड में उद्योग व रोजगार को भी नई बुलंदी मिलेगी।

लौटेगा श्रीराम की पसंदीदा धरती का गौरव बुंदेलखंड मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के वनवास काल के दौरान उनके सर्वाधिक प्रवास काल की स्थली रही है। रामचरितमानस के जरिये पूरी दुनिया में मर्यादा श्रीराम के आदर्शों को पहुंचाने के लिए श्रीरामचरितमानस मानस जैसा कालजयी महाकाव्य रचने वाले गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली राजापुर की भी धरती चित्रकूट में ही है। महर्षि बाल्मीकि की तपस्थली लालापुर भी यहीं है। आजादी की पहली लड़ाई (1857) में अंग्रेजों के छक्के छुड़ा देने वाली रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान स्थली की रही है।प्रभु श्रीराम के चरण-कमलों से अलंकृत इस धरा पर प्रकृति व परमात्मा की असीम अनुकंपा रही है। पर, सम्भावनाओं के बावजूद इस पावन धरा के लिए पूर्व की प्रदेश और केंद्र की सरकारों ने कुछ खास नहीं किया था।

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