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बजट सत्र : शुरू होने वाला है संसद का सत्र, थोड़ी देर में पहुंचेंगे पीएम मोदी, जानें अब तक के अपडेट…

नई दिल्ली । कोरोना वायरस महामारी और सख्त प्रोटोकॉल के बीच संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। वे अपने अभिभाषण में अगले वित्तीय वर्ष के लिए सरकार की योजना और नीतिगत दृष्टि पर प्रकाश डालेंगे। कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने इसका बहिष्कार करने का फैसला लिया है। देश का आम बजट एक फरवरी को पेश किया जाएगा। अप्रैल के पहले सप्ताह तक चलने वाले इस बजट सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं। विपक्ष किसान आंदोलन, भारत-चीन गतिरोध, गिरती अर्थव्यवस्था, व्हाट्सएप चैट लीक और कृषि कानूनों के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी में है। वहीं सरकार भी आक्रामक रुख अपनाने की तैयारी में है।

वे लोकतंत्र की गरिमा को धूमिल कर रहे हैं
विपक्षी दलों ने संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने की घोषणा की है। इसपर केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद गिरिराज सिंह ने कहा, वे लोकतंत्र की गरिमा को धूमिल कर रहे हैं। संसदीय प्रणाली में, राष्ट्रपति की अपनी गरिमा होती है और उनके संबोधन का बहिष्कार करना उनका अपमान है।

लोकसभा अध्यक्ष ने बुलाई बैठक
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने आज दोपहर को सदन फ्लोर लीडर्स (सत्ता और विपक्ष के नेता) की बैठक बुलाई है।

मायावती ने किया सत्र के बहिष्कार का एलान
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने सत्र का बहिष्कार करने का एलान किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, `बीएसपी ने, देश के आंदोलित किसानों के तीन विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग नहीं मानने व जनहित आदि के मामलों में भी लगातार काफी ढुलमुल रवैया अपनाने के विरोध में, आज माननीय राष्ट्रपति के संसद में होने वाले अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। साथ ही, कृषि कानूनों को वापस लेकर दिल्ली आदि में स्थिति को सामान्य करने का केंद्र से पुनः अनुरोध तथा गणतंत्र दिवस के दिन हुए दंगे की आड़ में निर्दोष किसान नेताओं को बलि का बकरा न बनाएं। इस मामले में यूपी के बीकेयू व अन्य नेताओं की आपत्ति में भी काफी सच्चाई है। सरकार ध्यान दे।`

16 विपक्षी दल करेंगे राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार
सत्र शुरू होने से पहले ही केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच जोर आजमाइश की जमीन तैयार हो गई है। कांग्रेस समेत 16 विपक्षी दलों ने तीन नए कृषि कानूनों के विरोध और किसान आंदोलन के समर्थन में सत्र के पहले दिन होने वाले राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने की घोषणा की है।

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