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सावन में काशीपुराधिपति के दरबार में दर्शन-पूजन का टूटा रिकाॅर्ड

वाराणसी । इस बार सावन माह में काशीपुराधिपति के स्वर्णिम दरबार में दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। लाखों शिवभक्तों और कावड़ियों के आने से पूरा शहर शिवमय हो गया है। सावन माह के तीसरे सोमवार के पूर्व संध्या तक लगभग 15 दिनों में चालीस लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा का झांकी दर्शन और जलाभिषेक कर चुके हैं। शेष 15 दिनों में यह आंकड़ा एक करोड़ के आसपास पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। काशी के इतिहास में पहली बार इस सावन में बाबा विश्वनाथ धाम में दर्शनार्थियों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है।

पिछले वर्षो के सावन के सोमवार या महाशिवरात्रि पर दो से ढाई लाख श्रद्धालु दरबार में आते थे । लेकिन इस बार सावन में ये संख्या प्रतिदिन हो गई है। दरबार में औसतन दो लाख श्रद्धालु प्रतिदिन आ रहे हैं। सावन के पहले और दूसरे सोमवार पर ही लगभग 12 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किया था। मंदिर प्रशासन की ओर से जारी आंकड़ों से लोग हैरत में भी नहीं है। लोगों का मानना है कि काशी विश्वनाथ धाम के नव्य और विस्तारित भव्य स्वरूप से वाराणसी और पूर्वांचल के ही नहीं, पूरे देश के लोगों में धाम के प्रति आस्था और आकर्षण बढ़ रही है।

बाबा के पावन ज्योर्तिलिंग के साथ लोग धाम को देखने के लिए भी लालायित हैं। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मो पर धाम की खूबसूरत फोटो लोगों में क्रेज बढ़ा रही है। इसके चलते लोग दरबार में विभिन्न साधनों से पहुंच रहे हैं। भीड़ का अनुमान मंदिर प्रशासन ने पहले ही लगा लिया था। श्रद्धालुओं के सुविधा और सुगम दर्शन् के लिए खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संजीदा हैं। उन्होंने वाराणसी दौरे में इसके लिए अफसरों को दिशा निर्देश दिया था।

मुख्यमंत्री की पहल पर सुविधाओं की मानिटरिंग खुद वाराणसी परिक्षेत्र के कमिश्नर दीपक अग्रवाल,जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा,पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश कर रहे है। मंदिर प्रशासन ने भी श्रद्धालुओं को अच्छे से दर्शन कराने के लिए अलग-अलग मार्ग बनाया है। धूप से बचने के लिए भी धाम में उनके लिए टेंट लगाया गया है। रेड कार्पेट पर चलकर दरबार में जाने वाले शिवभक्तों के सुरक्षा की पूरी व्यवस्था की गई है।

शहर के विभिन्न इलाकों से नियमित बाबा दरबार तक ओम नम: शिवाय प्रभातफेरी निकालने वाले शिवाराधना समिति के डॉ. मृदुल मिश्र बताते हैं कि पवित्र सावन माह में ऐसे तो वर्षों से लाखों श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दरबार में जलाभिषेक के लिए आते रहे हैं, लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अथक प्रयास के चलते भव्य काशी विश्वनाथ धाम के बन जाने से इसका आकर्षण लोगों में बढ़ रहा है। यह सनातन धर्म के लिए भी बड़ी बात है। दरबार में वैश्विक महामारी कोविड के दौर में भी तमाम प्रतिबंधों के बावजूद भीड़ दिखी थी। पत्रकार प्रवीण तिवारी और सुशील मिश्र बताते हैं कि श्रद्धालुओं की रिकाॅर्डतोड़ भीड़ से शहर में कारोबार भी खूब फल-फूल रहा है।

छोटे-छोटे खानपान की दुकानों से लेकर बड़े रेस्टोंरेंट में भी इसका साफ असर दिख रहा है। श्रद्धालु खाने-पीने के साथ साड़ी और कपड़े के साथ जरूरत के अन्य सामान भी खरीद रहे हैं। गोदौलिया,मैदागिन,नईसड़क क्षेत्र में शिवभक्तों को बाजारों में खरीददारी करते देखा जा सकता है। पर्यटन व्यवसाय,होटल,ट्रैवल के कारोबार में भी रौनक है। सुशील मिश्र बताते हैं कि सावन माह में पहले जहां पुलिस कर्मी अक्सर श्रद्धालुओं से बदसलूकी करते थे, वहीं इस बार तस्वीर बदल गई है।

पुलिस कर्मियों से लेकर अफसरों का सेवाभाव भी स्वागत योग्य है। खुद पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश,दशाश्वमेध एसीपी अवधेश पांडेय इसमें बढ़-चढ़ कर भाग ले रहे हैं। दर्शनार्थियों की भारी भीड़ के लिए मंदिर में भी खास इंतजाम किए गए हैं। खास बात यह है कि धाम के बन जाने से सड़कों पर भी श्रद्धालुओं का दबाव नहीं दिख रहा।पूर्व के दिनों में सावन के सोमवार पर बाबा दरबार में लिए लिए तीन दिशाओं से कतार लगती थी। एक लक्सा थाने तक कतार पहुंच जाती थी तो दूसरी कतार बुलानाला तक लगती थी। इसके चलते शहर के यातायात व्यवस्था पर भी बढ़ा दबाव बढ़ जाता था। पूरा दिन लोग जाम से जूझते रहते थे।(हि.स.)

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