बड़ी खबर : अस्पताल के दवा स्टोर से 863 रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी…
भोपाल । पूरा देश इस समय कोरोना महामारी से जूझ रहा है, और ऐसे समय में गंभीर मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन अत्यधिक आवश्यक हो गया है। इसकी कालाबाजारी, अवैध भण्डारण को लेकर केंद्र ने सख्त निर्देश दिए है, लेकिन फिर भी इसकी किल्लत चल रही है। इसी बीच खबर आ रही है कि भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध हमीदिया अस्पताल से 863 रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी हो गए हैं। यह इंजेक्शन हमीदिया अस्पताल में भर्ती कोरोना पीड़ितों के इलाज के लिए मंगाए गए थे।
यह इंजेक्शन कोरोना के 144 मरीजों को लगाए जा सकते थे, क्योंकि एक मरीज को छह इंजेक्शन लगाए जाते हैं। पुलिस के मुताबिक इस चोरी को शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात को स्टोर रूम के पिछले हिस्से में लगी ग्रिल को काटकर अंजाम दिया गया। पुलिस ने फिलहाल अज्ञात लोगों के खिलाफ चोरी का केस दर्ज कर लिया है। घटना का पता चलते ही चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग समेत तमाम बड़े अधिकारी मौके पर पहुंच गए। घटना स्थल पर सीसीटीवी कैमरे नहीं होने से पुलिस को कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं मिल सका है।
स्टोर से परिचित लोगों के शामिल होने का शक
सीएसपी नागेंद्र पटेरिया ने बताया कि हाल ही में रेमडेसिविर इंजेक्शन की खेप हमीदिया भेजी गई थी। इंजेक्शन अस्पताल के सेंट्रल स्टोर में थे। शनिवार सुबह आवश्यकता पड़ने पर अस्पताल के कर्मचारी इंजेक्शन लेने स्टोर में पहुंचे। अंदर जाकर देखा तो इंजेक्शन गायब थे। कुल 863 इंजेक्शन चोरी होने की बात सामने आई है। मौके पर कैमरे नहीं लगे होने के कारण अभी वारदात के संबंध में कोई सुराग नहीं मिला है। पुलिस को शक है कि चोरी के मामले में ऐसे व्यक्ति शामिल हो सकते हैं, जो स्टोर से अच्छी तरह वाकिफ हैं। पुलिस संदेहियों से पूछताछ करने में जुटी है।
मुनाफे के लिए दिया गया वारदात को अंजाम
पूरे देश में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। कोरोना मरीज के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन की काफी मांग है। पुलिस का अनुमान है कि अधिक मुनाफा कमाने के लालच में चोरी को अंजाम दिया गया। इस मामले में मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। यह बहुत गंभीर मामला है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही इस घटना की तह तक पहुंच जाएंगे। डीआइजी खुद इस मामले को देख रहे हैं। ऐसी घटना दोबारा न हो, इसके पूरे इंतजाम किए जाएंगे।