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शेयर मार्केट के बिग बुल राकेश झुनझुनवाला का निधन

नई दिल्ली । घरेलू शेयर बाजार के सबसे बड़े निवेशक और बिग बुल के नाम से मशहूर उद्योगपति राकेश झुनझुनवाला का आज सुबह मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। 62 साल के झुनझुनवाला पिछले कुछ समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे। देर रात तबीयत बिगड़ जाने के बाद उन्हें आज सुबह ही ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां थोड़ी देर बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।राकेश झुनझुनवाला को कुछ समय पहले भी किडनी की बीमारी की वजह से अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। इलाज होने के बाद एक सप्ताह पहले ही वो अस्पताल से लौटे थे। अस्पताल से लौटने के बाद उनकी तबीयत में अधिक सुधार नहीं हो सका और आज सुबह उन्होंने आखिरी सांस ली। झुनझुनवाला अपने पीछे पत्नी, दो बेटों और एक बेटी को छोड़ गए हैं।

राकेश झुनझुनवाला ने कुछ दिन पहले ही आकासा एयर के साथ एविएशन सेक्टर में भी एंट्री ली थी। लेकिन आकासा को बुलंदी तक पहुंचाने के पहले ही राकेश झुनझुनवाला ने दुनिया से विदाई ले ली। आकासा एयर ने इसी महीने मुंबई से अहमदाबाद के बीच अपनी पहली उड़ान के साथ अपना कमर्शियल ऑपरेशन शुरू किया है। राकेश झुनझुनवाला आकासा को अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा बिजनेस वेंचर बताते थे। उन्हें एविएशन सेक्टर से काफी उम्मीद भी थी और वो इस सेक्टर में टाटा ग्रुप से भी आगे निकलने के ख्वाहिशमंद थे।

शैक्षिक तौर पर चार्टर्ड अकाउंटेंसी का कोर्स करने वाले राकेश झुनझुनवाला पेशे से शेयर बाजार के निवेशक थे। सीए का कोर्स करने के बाद 1985 में सिर्फ 5,000 रुपये की मूल पूंजी के साथ शेयर बाजार का कारोबार शुरू करने वाले राकेश झुनझुनवाला फिलहाल 43.39 हजार करोड़ रुपये की व्यक्तिगत संपत्ति के साथ देश के 36वें सबसे रईस व्यक्ति बन गए थे।

सीए का कोर्स करने के दौरान ही राकेश झुनझुनवाला के मन में शेयर बाजार में इन्वेस्टमेंट करने को लेकर दिलचस्पी जगी थी। उनके पिता भी अपनी नौकरी करने के साथ यदा-कदा शेयर बाजार में निवेश करते रहते थे। बताते हैं कि अपने पिता की देखा देखी राकेश झुनझुनवाला ने भी शेयर बाजार में निवेश शुरू करने का मन बनाया, लेकिन उनके पिता ने इसके लिए पैसा देने की जगह उन्हें पहले पेपर पढ़ने और शेयर बाजार की बड़ी कंपनियों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी हासिल करने की सलाह दी, ताकि उन्हें इस बात का पता चल सके कि किसी भी कंपनी के शेयर में उतार चढ़ाव आने की वजह क्या हो सकती है।

सीए का कोर्स पूरा करने के बाद आर्टिकलशिप के दौरान मिले पैसे से ही राकेश झुनझुनवाला ने सबसे पहले टाटा टी के शेयर 43 रुपये के भाव पर खरीदे और 3 महीने बाद ही 3 गुना से अधिक लाभ कमा कर 143 रुपये के भाव पर उन्हें बेच दिया। इस शुरुआती फायदे के बाद शेयर बाजार में राकेश झुनझुनवाला ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

घरेलू शेयर बाजार में राकेश झुनझुनवाला की पहचान बिग बुल (तेजड़िया) के रूप में थी और उन्हें इंडियन वॉरेन बफेट भी कहा जाता था। लेकिन घरेलू शेयर बाजार में शुरुआती दौर में उन्होंने अपनी पहचान शार्प बियर (मंदड़िया) के रूप में बनाई थी। 1992 में हर्षद मेहता घोटाले का खुलासा होने के बाद जब मार्केट क्रैश हुआ, तो राकेश झुनझुनवाला ने शॉर्ट सेलिंग करके जबरदस्त मुनाफा कमाया। हालांकि बाद में राकेश झुनझुनवाला ने तेजड़िये के रूप में काम करना शुरू कर दिया और फिर देखते ही देखते दलाल स्ट्रीट की ऊंचाई पर पहुंच गए।

शेयर बाजार में राकेश झुनझुनवाला की कामयाबी का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिस शेयर पर राकेश झुनझुनवाला हाथ रख देते थे, वो शेयर ऊंचाई छूने लगता था। आज की तारीख में देश के हजारों निवेशक राकेश झुनझुनवाला को फॉलो करते हैं। इन निवेशकों को हमेशा इस बात का इंतजार रहता था कि झुनझुनवाला किस शेयर में पैसा लगा रहे हैं या किस शेयर को बेच रहे हैं। फिलहाल झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस कंपनी, टाटा मोटर्स, टाटा कम्युनिकेशंस, डीबी रीयल्टी, करूर वैश्य बैंक, फेडरल बैंक, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया, ल्यूपिन, इंडियन होटल्स, टीवी 18, टाइटन, एस्कॉर्ट्स लिमिटेड, स्टार हेल्थ और मेट्रो ब्रांड के शेयर शामिल थे।

शेयर बाजार के साथ ही राकेश झुनझुनवाला ने अन्य क्षेत्रों में भी अपना हाथ आजमाया। वो एप्टेक और हंगामा मीडिया के चेयरमैन भी थे। इसके अलावा वे प्रोवॉग इंडिया, वायसराय होटल्स, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज और कॉनकर्ड बायोटेक के डायरेक्टर भी थे। राकेश झुनझुनवाला ने इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग करने के साथ ही फिल्म प्रोडक्शन के क्षेत्र में भी हाथ आजमाया। वे इंग्लिश विंगलिश, शमिताभ और की एंड का फिल्म के प्रोड्यूसर भी रहे।

शेयर बाजार के कारोबार में जिंदगी भर आशावादी रुख रखने वाले झुनझुनवाला हमेशा कहते थे कि बाजार तो मौसम की तरह है, आपको मौसम पसंद न आए तो भी उसे झेलना होगा। इसीलिए शेयर बाजार में अगर उतार-चढ़ाव होता है तो उसे भी एक स्वाभाविक प्रक्रिया मानकर आशावादी बने रहना होगा, तभी शेयर बाजार से मुनाफा कमाया जा सकता है। छोटे निवेशकों के लिए राकेश झुनझुनवाला हमेशा एक बात कहते थे कि बाजार को लेकर कोई भी शत-प्रतिशत सटीक भविष्यवाणी नहीं कर सकता है। इसलिए निवेशकों को कभी भी उधार लेकर या किसी दूसरे काम के लिए निकाल कर रखे गए पैसे से शेयर बाजार में निवेश नहीं करना चाहिए। छोटे निवेशकों को उन्होंने हमेशा सारे खर्च निकालने के बाद बचे पैसे को शेयर बाजार में निवेश करने की सलाह दी, ताकि नुकसान होने पर भी उनको परेशानी न हो।

राकेश झुनझुनवाला ने इस दुनिया को अवश्य छोड़ दिया है, लेकिन शेयर ट्रेडिंग के मामले में उन्होंने जो प्रतिमान स्थापित किए हैं, वे खुदरा और छोटे निवेशकों के लिए हमेशा निवेश के मानदंड के रूप में काम करते रहेंगे।(हि.स.)

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