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2000 रु तक के भीम-यूपीआई भुगतान 2025-26 में भी रहेंगे प्रभार मुक्त: सरकार

कैबिनेट ने ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीवीएफसीएल), नामरूप, असम के मौजूदा परिसर में एक नए ब्राउनफील्ड अमोनिया-यूरिया कॉम्प्लेक्स नामरूप IV उर्वरक संयंत्र की स्थापना को मंजूरी दी

The Union Minister of Railways, Information and Broadcasting and Electronics and Information Technology, Shri Ashwini Vaishnaw briefing the media on Cabinet decisions at National Media Centre, in New Delhi on March 19, 2025.

नयी दिल्ली : केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने ग्राहक से दुकानदार को कम मूल्य वाले भुगतान (पी2एम) में भीम-यूपीआई के उपयोग को को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना को वित्त वर्ष 2025-26 में जारी रखने का निर्णय लिया है।इस निर्णय के तहत छोटे व्यापारियों को दो हजार रुपये तक के भुगतान पर एक निश्चित दर पर प्रोत्साहन की व्यवस्था बनी रहेगी। इस योजना के प्रोत्साहन के लिए चालू वित्त वर्ष के लिए 1500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल के इस निर्णय की जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वष्णव ने कहा कि देश में डिजिटल भुगतान तेजी से लोक प्रिय हुआ है।

उन्होंने कहा कि डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ग्राहकों की ओर से 2000 रुपये तक के भुगतान को मर्चेंट डिस्काउंट दर (एमडीआर) के प्रभार से मुक्त रखा है।उन्होंने कहा कि ‘व्यक्ति से व्यापारी (पी2एम) को कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना’ एक साल के लिए जारी रखने का निर्णय किया गया है।उन्होंने कहा कि डिजिटल भुगतान तंत्र में ग्राहक का बैंक, फिनटेक और भुगतान प्राप्त करने वाला बैंक , भुगतान सेवा प्रदाता कंपनी और तीसरे पक्ष के मोबाइल ऐप आदि का एक बड़ा तंत्र शामिल होता है जिसके विकास और सुरक्षा पर खर्च आता है। फिर भी छोटे भुगतान को प्रभार से मुक्त रखा गया है।

Cabinet Briefing by Union Minister Ashwini Vaishnaw

इस निर्णय के विषय में जारी कैबिनेट की एक विज्ञप्ति में कहा गया है, “ कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई लेनदेन (पी2एम) को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से प्रोत्साहन योजना को 01.04.2024 से 31.03.2025 तक 1,500 करोड़ रुपये के अनुमानित परिव्यय पर लागू किया जाएगा।सरकार ने कहा है कि इस योजना के अंतर्गत केवल छोटे व्यापारियों के लिए 2,000- तक के यूपीआई (पी2एम) लेनदेन को शामिल किया गया है। इस योजना में छोटे व्‍यापारियों को दो हजार रुपये तक के भुगतान के लिए शून्य एमडीआर (0.15 प्रतिशत की दर) से प्रोत्साहन दिया जाता है।विज्ञप्ति के अनुसार योजना की सभी तिमाहियों के लिए, अधिग्रहण करने वाले बैंकों (धन प्राप्त करने वाले बैंकों) द्वारा स्वीकृत दावा राशि का 80 प्रतिशत बिना किसी शर्त के वितरित किया जाएगा।

प्रत्येक तिमाही के लिए स्वीकृत दावा राशि के शेष 20 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति निम्नलिखित शर्तों पर निर्भर होगी:स्वीकृत दावे का 10 प्रतिशत केवल तभी प्रदान किया जाएगा, जब अधिग्रहण करने वाले बैंक की तकनीकी गिरावट 0.75 प्रतिशत से कम होगी और, स्वीकृत दावे का शेष 10 प्रतिशत केवल तभी प्रदान किया जाएगा जब अधिग्रहण करने वाले बैंक का सिस्टम अपटाइम 99.5 प्रतिशत से अधिक होगा।सरकार का कहना है कि चूंकी छोटे व्यापारी मूल्य-संवेदनशील होते हैं, इसलिए यह कदम उन्हें यूपीआई भुगतान स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।सरकार का लक्ष्य फीचर फोन आधारित (यूपीआई 123पेय) और ऑफलाइन (यूपीआई लाइट/यूपीआई लाइटएक्स) भुगतान समाधान जैसे अभिनव उत्पादों को बढ़ावा देकर टियर तीन से छह तक के शहरों, विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में यूपीआई का प्रवेश कराना है।

आरबीआई के अनुसार, सभी कार्ड नेटवर्क (डेबिट कार्ड के लिए) पर लेनदेन मूल्य का 0.90 प्रतिशत तक और एनपीसीआई के अनुसार, यूपीआई पी2एम लेनदेन के लिए लेनदेन मूल्य का 0.30 प्रतिशत तक एमडीआर लागू है।“रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई लेनदेन (पी2एम) को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना” को मंत्रिमंडल की स्‍वीकृति के साथ लागू किया गया है।सरकार ने इसके लिए वर्ष 2021-22 में 1389 करोड़ रुपये, 2022-23 में 1110 करोड़ रुपये और 2023-24 में 3631 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया है।इस प्रोत्साहन राशि का भुगतान अधिग्रहणकर्ता बैंक (व्यापारी का बैंक) को किया जाता है और उसके बाद यह अन्य हितधारकों के बीच साझा किया जाता है जिनमें जारीकर्ता बैंक (ग्राहक का बैंक), भुगतान सेवा प्रदाता बैंक ( जो यूपीआईऐप/एपीआई एकीकरण पर ग्राहक को शामिल करने की सुविधा प्रदान करता है) तथा और ऐप प्रदाता (टीपीएपी) शाामिल होते हैं।

श्री वैष्णव ने बताया कि सिंगापुर, फ्रांस, यूएई, श्रीलंका , भूटान , नेपाल और मारीशस सहित छह देशों में यूपीआई प्रणाली से लेन-देन हो रहा है। यूपीआई को जापान में पेटेंट स्वीकृत किया गया है।उन्होंने बताया कि यूपीआई लेन-देन की संख्या चालू वित्त वर्ष -अप्रैल-मार्च 2024-25 में इस वर्ष जनवरी तक 151 अरब तक थी जिनका कुल मूल्य 213.8 अरब रुपये के बराबर था ।

असम में बनेगा यूरिया का नया कारखाना

सरकार ने असम के नामरूप में ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीवीएफसीएल) के परिसर में एक नया ब्राउनफील्ड अमोनिया-यूरिया संयंत्र स्थापित करने के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आज यहां हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। सूचना प्रसारण, रेल, इलैक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी।(वार्ता)

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