अयोध्या : रामनगरी अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर के गर्भगृह में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में जगमोहन पर स्थापित मूर्ति को इक्यासी कलशों से स्नान कराया गया है।काशी से आये रामलला के प्राण प्रतिष्ठा में अनुष्ठान करा रहे अरुण कुमार दीक्षित नेे बताया कि आज सुबह जगमोहन पर स्थापित मूर्ति को शुद्ध करने के लिये इक्यासी कलशों के विविध औषधि युक्त जल से अचल विग्रह को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच स्नान कराया गया। उन्होंने बताया कि भगवान रामलला के विग्रह को पहले शर्कराधिवास फिर फलाधिवास में रखा गया। इसके बाद इक्यासी कलशों में एकत्रित विविध औषधियुक्त जल से स्नान कराया गया।
आज दिनांक 20 जनवरी 2024 को मण्डप में नित्य पूजन, हवन, पारायण आदि कार्य भव्यता से संपन्न हुए। प्रातः भगवान् का शर्कराधिवास, फलाधिवास हुआ। मन्दिर के प्रांगण में 81 कलशों की स्थापना एवं पूजा हुई। 81 कलशों से प्रासाद का स्नपन मन्त्रों से भव्य रूप में सम्पन्न हुआ। प्रासाद अधिवासन,… pic.twitter.com/FvU1axRBZD
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) January 20, 2024
उन्होंने बताया कि श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान आज पांचवें दिन सुबह नौ बजे से शुरू हुआ जो पूजा अनुष्ठान शाम तक चलेगा। प्रतिष्ठा का अनुष्ठान सोलह जनवरी को दोपहर बाद सरयू नदी से प्रारम्भ हुआ था और सत्रह जनवरी को रामलला की मूर्ति का मंदिर परिसर में आगमन हुआ था। मण्डप में आवाहित देवता हैं उनका पूजन तथा हवन किया गया, जो दोपहर एक बजे तक चलता रहा। पुन: दो बजे दोपहर से शाम छह बजे तक पूजन हवन फिर से किया गया। इसके बाद विग्रह को पुष्पाधिवास में रखकर आज की अधिवास प्रक्रिया पूरी की गयी।
श्री रामलला सरकार के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के पांचवे दिन के कार्यक्रमों का श्री राम जन्मभूमि मंदिर परिसर से सीधा प्रसारण
LIVE Webcast of 5th day rituals of Prana Pratishtha Mahotsav of Shri Ramlalla Sarkar, from Shri Ram Janmabhoomi Mandir complex
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काशी से आये श्री दीक्षित ने बताया कि आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित, अरुण कुमार दीक्षित, सुनील दीक्षित, अशोक वैदिक दीक्षित, राजेन्द्र वैदिक उर्फ पुरुषोत्तम के अलावा देश के विभिन्न प्रांतों से जैसे महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु के एक सौ इक्कीस पंडितों ने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में जगमोहन पर स्थापित मूर्ति को इक्यासी कलशों से स्नान मंत्रोच्चार के द्वारा कराया। श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान पांचवे दिन जारी रहा जहां वास्तु पूजा भी सम्पन्न हुई। रामलला का पुराना विग्रह अभी पूर्वत: विद्यमान है। उचित समय पर उसे पूरे धार्मिक विधि विधान के साथ मंदिर में विराजमान किया जायेगा।
प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में रामलला के विग्रह के अधिवास के साथ आज मुख्यत: वास्तु पूजा सम्पन्न हुई। इस पूजा में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से डा. अनिल मिश्रा सपरिवार और विश्व हिन्दू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक सहित अन्य लोग मौजूद रहे। (वार्ता)
- श्रीराम लला के विग्रह को पहले शर्करा अधिवास और फलाधिवास में रखा गया,विग्रह को पुष्पाधिवास में रखकर पूरी की गई अधिवास प्रक्रिया
श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान शनिवार को पांचवें दिन सुबह नौ बजे से शुरू हुआ। शनिवार को पूजा अनुष्ठान शाम तक चला। प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 16 जनवरी को दोपहर बाद सरयू नदी से प्रारम्भ हुआ था, जिसके बाद 17 जनवरी को श्रीरामलला की मूर्ति का मंदिर परिसर में आगमन हुआ था। प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में श्रीरामलला के विग्रह के अधिवास के साथ शनिवार को मुख्यतः वास्तुपूजा हुई। इस पूजा में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की तरफ से अनिल मिश्र सपरिवार और विश्व हिन्दू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक एवं अन्य लोगों ने पूजा की।
प्राण प्रतिष्ठा के लिए श्रीरामलला की मुख्य प्रतिमा गर्भ गृह में विराजमान है और विविध अधिवास में है। आज श्रीरामलला के विग्रह को पहले शर्करा अधिवास और फलाधिवास में रखा गया। इसके बाद 81 कलशों में एकत्रित विविध औषधियुक्त जल से स्नान कराया गया। फिर विग्रह को पुष्पाधिवास में रखकर अधिवास प्रक्रिया पूरी हुई। रविवार 21 जनवरी को भी विग्रह के अधिवास की प्रक्रिया जारी रहेगी। श्रीरामलला का पुराना विग्रह अभी पूर्ववत् विद्यमान है। उचित समय पर उसे पूरे धार्मिक विधि विधान के साथ मंदिर में विराजमान किया जाएगा।
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