जौनपुर। मल्हनी उपचुनाव जीतने की ललक में देश की एक बड़ी राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं को किनारे करके एक गैर कांग्रेसी पर दांव लगाने जा रही है। अपनी खिसक चुकी सियासी जमीन फिर से पाने की जद्दोजहद में लगा कांग्रेस नेतृत्व विवादास्पद शख्सियत धनंजय सिंह को कांग्रेस के सिंबल पर उप चुनाव लड़ने की इजाज़त देने जा रहा है। सब कुछ तय है लेकिन भाजपा प्रत्याशी न घोषित होने से पत्ते खोले नहीं जा रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की सोच है कि धनंजय सिंह के पास धन है, बल है, सभी जातियों में घुसपैठ है और नव जवानों की भीड़ भी है। अगर जिले में कांग्रेस के मौजूदा जिला अध्यक्ष तबरेज हसन द्वारा जुटाई गई युवकों की टीम के साथ ‘बाहुबली’ कहे जाने वाले धनंजय सिंह का तामझाम जुड़ जाए तो कांग्रेस मल्हनी सीट अपने खाते में दर्ज करा सकती है। जानकारी मिली है कि धनंजय सिंह ने कांग्रेस नेतृत्व को टिकट देने के लिए राजी कर लिया है। जिले के नेताओं की सहमति भी ले ली गई है। जिले से लेकर ऊपर तक के सभी नेता, अब तक कांग्रेस के प्राथमिक सदस्य भी नहीं रहे धनंजय सिंह को ‘जिताऊ प्रत्याशी’ की योग्यता के आधार पर अपना प्रत्याशी बनाने का मन बना चुके हैं।
यह हुआ तो, पहले धनंजय सिंह को कांग्रेस का सदस्य बनाने और उनके हाथ में कांग्रेस का सिंबल पकड़ाने का काम एक ही दिन होगा। खास बात यह है कि मल्हनी उपचुनाव में बतौर कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव लड़ने के लिए जिले का कोई नेता तैयार नहीं था। कोई भी चुनावी रणभूमि में शहीद होना नहीं चाहता था लेकिन अन्तत: जिला कांग्रेस अध्यक्ष तबरेज हसन की कोशिशों से कुल 14 कांग्रेस जनों ने प्रत्याशी बनने के लिए आवेदन किया। तीन नामों धर्मेन्द्र निषाद, ज्ञानेश सिंह और पूर्व रारी विधायक तेज बहादुर सिंह के पुत्र राकेश सिंह ‘बाबा’ पर गंभीरता दिखाई जा रही थी लेकिन तब तक धनंजय सिंह बीच में आ गए। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस जातीय समीकरण को ध्यान में रख कर भाजपा प्रत्याशी का चेहरा सामने आने का इंतजार कर रही है। कांग्रेस इस उपचुनाव में अधिक से अधिक वोट लेकर अपने मजबूत जनाधार का संदेश देने की कोशिश में है। विकल्प भी सोच कर रखा गया है।
धनंजय सिंह एक बार सांसद और दो बार विधायक रह चुके हैं लेकिन पिछले एक अरसे से उनके सियासी सितारे गर्दिश में हैं। पिछले आम चुनाव की तरह इस उपचुनाव में भी वे शुरू से सक्रिय रहे लेकिन उनके हालिया दल निषाद पार्टी ने मल्हनी सीट को भाजपा कोटे में होने का तर्क देकर हाथ खड़ा कर दिया। चुनावी क्षेत्र के दौरे पर आए बड़े भाजपा नेताओं ने अपना प्रत्याशी उतारने और सीट जीतने का दावा करके अपना भी दरवाजा बन्द कर दिया। बसपा और सपा से उम्मीद थी नहीं। इसलिए धनंजय सिंह ने अपनी भाजपाई पत्नी के साथ सघन प्रचार हुए एक नई राजनीतिक जमीन तलाशने का अभियान भी जारी रखा। पाला बदलना पहले से ही उनकी चाल का हिस्सा रहा है।