आयुर्वेदिक दवा दिलाएगी कोरोना से मुक्ति
आयुष चिकित्सा पद्धति से आयुर्वेद द्वारा कोरोना के माइल्ड और मोडरेट लक्षणो के मरीज पर प्याज की भाप का नास्य और T - AYU - HM प्रीमियम औषधि का सफल क्लिनिकल परीक्षण
एक ओर जहाँ संपूर्ण विश्व महामारी कोरोना के इलाज के लिए वैक्सीन निर्माण व परिक्षण में ऐड़ी चोटी एक किया है वही हमारे ऋषि मुनियों की खोज की हुई आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के असर कारक परिणाम लाइलाज बिमारियों के हमेशा वरदान साबित हुआ है इसी क्रम में कोरोना संकटकाल से निजात दिलाने में हमारे देश के सुप्रसिद्ध बैद्यराजो ने इसके इलाज हेतु दवाओं की खोज कर आयुष्य मंत्रालय में मंजूरी हेतु भेज दिया है ।
गुजरात के तापी जिला के व्यारा नगर स्थित धन्वंतरि क्लिनिक आयुर्वेद हेल्थ केर एण्ड रिसर्च सेंटर के प्रमुख शोधकर्ता डॉक्टर अतुल देसाई के साथ सहायक संशोधन कर्ता डॉक्टर हेमश्री देसाई , डॉक्टर चिराग देसाई और ऋत्विज देसाई की संयुक्त टीम द्वारा सिकलसेल एनीमिया की ट्रीटमेंट के लिए संशोधित आयुर्वेदिक दवाई T – AYU – HM PREMIUM और प्याज के भाप की नास्य से COVID -19 के मरीजों की ट्रीटमेंट के क्लिनिकल परीक्षण और अभ्यास के लिए रजिस्ट्रेशन संबंधित जानकारी के लिए पत्रकार परिषद में हमारे संवाददाता चंद्रकांत पुजारी को विशेष और विस्तृत रूप में बताया की धन्वंतरि क्लिनिक आयुर्वेद हेल्थ केर एण्ड रिसर्च सेंटर द्वारा
सिकलसेल एनीमिया की ट्रीटमेंट के लिए 2007 में संशोधित आयुर्वेदिक दवाई T – AYU – HM PREMIUM एवं प्याज के भाप की नास्य से कोविड – 19 से संक्रमित हल्के लक्षण और मध्यम लक्षण के 18 से 80 साल के उम्र के 30 मरीजो कि ट्रीटमेंट में असरकारक परिणाम मिले हैं। डॉक्टर देसाई ने विशेष रूप से जानकारी देते हुए बताया कि 40 से 70 प्रतिशत न्यूमोनिया ग्रस्त फेफड़ो के मरीज भी सम्पूर्णतः स्वस्थ हुए और डायबिटिज , ह्रदयरोग, किडनी रोग , सिकलसेल और अन्य गम्भी प्रकार की बीमारी से पीड़ित COVID-19 के संक्रमित मरीज भी T-AYU-HM PREMIUM दवाई से सम्पूर्णतः कोरोना से मुक्त हुए ।