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संघर्ष विराम की अपील के बाद भी जारी है आतंकी ठिकानों पर हमले…

येरूशलम/नई दिल्ली । इस्राइल-हमास में आठ दिनों से जारी संघर्ष के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ने पहली बार संघर्ष विराम के लिए समर्थन जताया है। रॉकेट-मिसाइल युद्ध में दर्जनों फलस्तीनी बच्चों की मौत के बाद भी युद्ध कम होने के आसार नहीं दिखते। इस्राइल ने गाजा में आतंकी ठिकानों पर फिर हवाई हमले किए और छह मंजिला इमारत को समतल कर दिया। हमास आतंकियों ने भी मंगलवार को इस्राइल में दर्जनों रॉकेट दागे।

मंगलवार तड़के इस्राइल ने लेबनान की तरफ 22 गोले दागे। यह कार्रवाई लेबनान द्वारा उत्तरी इस्राइल की ओर छह गोले दागने के बाद की गई, जो सीमा पार करने से चूक गए। अब तक हमास नियंत्रित गाजा पट्टी में इस्राइली हमलों से 61 बच्चों व 36 महिलाओं समेत 212 लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 1,500 फलस्तीनी घायल हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि संघर्ष में अब तक 38,000 फलस्तीनी विस्थापित हो चुके हैं और घर तबाह होने से 2,500 फलस्तीनी बेघर हो चुके हैं।

इस बीच, राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस्राइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात करके युद्ध विराम की अपील की। इसे अमेरिका का इस्राइल-हमास में शत्रुता खत्म करने का संकेत माना जा रहा है। हालांकि अमेरिका ने हिंसा को लेकर सुरक्षा परिषद द्वारा बयान जारी करने और विवाद खत्म करने के संबंध में चीन, नॉर्वे और ट्यूनीशिया के कदम पर रोक लगा दी है।

इस्लामी विवि से संबंधित इमारत ढहाई
गाजा शहर में इस्राइली हवाई हमलों के दौरान आसमान में नारंगी चमक दिखाई दी। इस दौरान काहिल की इमारत ढहा दी गई जिसमें इस्लामी विश्वविद्यालय से संबंधित पुस्तकालय और शैक्षिक केंद्र शामिल थे। इस साइट के धराशायी होने पर धूल के बादल दिखाई दिए। इस्राइली सेना ने कहा उसने मंगलवार को 65 आतंकी ठिकानों पर 100 से ज्यादा गोले दागे। जबकि फलस्तीनी आतंकियों ने 90 रॉकेट दागे।

अमेरिका ने तीन बार रोका सुरक्षा परिषद का बयान
अमेरिका, इस्राइल का शीर्ष सहयोगी देश है। ऐसे में आम नागरिकों की मौत पर ‘गंभीर चिंता’ जताते हुए उसने 15 देशों वाले संयुक्त सुरक्षा परिषद के सर्वसम्मत बयान को तीसरी बार रोक दिया है। इसके बाद सुरक्षा परिषद का बयान फिलहाल के लिए निष्प्रभावी हो गया है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी और एनएसए जेक सुलिवन ने कहा कि अमेरिका इसके बजाय ‘शांति, गहन कूटनीति’ पर जोर दे रहा है।

इस्राइल को 73.5 करोड़ डॉलर के हथियार बेचेगा अमेरिका
बाइडन प्रशासन ने इस्राइल को 73.5 करोड़ डॉलर (करीब 5.4 हजार करोड़ रुपये) के हथियार बेचने को मंजूरी दे दी है। संसद ने बड़े समझौते से पूर्व हथियारों की बिक्री को अधिसूचित किया है। अमेरिकी कानून के मुताबिक, अब संसद को आपत्ति जताने के लिए 15 दिन का समय मिलेगा। जबकि संसद सूत्रों ने बताया कि इस्राइल-हमास में हिंसा के बावजूद सांसदों द्वारा समझौते पर आपत्ति की संभावना नहीं है। इस बीच मानवाधिकार समूह एमनेस्टी इंटरनेशनल ने हथियार बेचने की इस योजना की निंदा की है।

भारतवंशियों का यहूदियों के समर्थन में प्रदर्शन
गाजा क्षेत्र में जारी संघर्ष के बीच शिकागो में बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकी लोग इस्राइल के समर्थन में उतरे और उन्होंने हमास पर यहूदियों के खिलाफ आतंकी हमलों का आरोप लगाया। भारतवंशियों ने यहूदियों के साथ इस्राइल दिखाने के लिए दो रैलियां कीं। दूसरी तरफ, अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में इस्राइली दूतावास के बाहर सैकड़ों प्रदर्शनकारी जमा हुआ और उन्होंने इस्राइल के खिलाफ प्रदर्शन किए। प्रदर्शनकारियों ने इस्राइल का बहिष्कार करने और फलस्तीन का साथ देने के नारों के बैनर के साथ विरोध प्रदर्शन किया।

 

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