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रेखा झा – खुदी को कर बुलंद ईतना की हर तक़दीर से पहले ख़ुदा बंदे से ये पूछे बता तेरी रजा क्या है

रेखा झा एक समाज सेविका, लेखिका, मोटिवेस्नल स्पीकर, प्राणिक हीलर और टीचर हैं। जिनका मानना है कीं समाज में अगर कोई बदलाव लाना है तो सबसे पहले अपने से शुरुआत करनी चाहिए। रेखा झा जिनका जन्म बिहार की पावन भूमि में हुआ जहां माँ सीता भी प्रकट हुई थी। जब ये तीन साल की थी तब से अब दिल्ली में रहती हैं।
दिल्ली यूनिवर्सिटी से पोलिटिकल साइयन्स में अपनी पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री ली, रोहतक से बि.एड. किया। फ़ैशन, ब्यूटी कल्चर, सिवल डिफ़ेन्स की ट्रेनिंग, प्राणिक हीलिंग, संगीत ज्ञान लिया। ये दिल्ली यूनिवर्सिटी की टॉपर भी रह चुकी है, इसके साथ साथ इन्होंने लाइफ़ स्किलस की भी बहुत से स्तर पर ट्रेनिंग ली। ये लगभग १५/२० साल से समाज सेवा से जुड़ी हैं, लेक़िन सबसे बड़ी पहचान जो इनको मिली वो लेखनी ओर वाणी से। रेखा झा ने ख़ासकर लाक्डाउन में अपनी कविताओं की मदद से लोगों को प्रेरित किया की वो हिम्मत ना हारें ओर कोरोना से कैसे लड़े, अपने आपको कैसे मजबूत बनाये, कैसे अपनी शारीरिक ओर मानसीक दोनो हेल्थ की देखभालकरें। रेखा जी की कविता की लिस्ट में से
१-करोना से क्यूँ डरना
२-लाक्डाउन तुझे सलाम
३- तुम थोड़ी सी हिम्मत कर लो आज
४- हैं पंख नहीं मेरे लेकिन मैं आसमान में उड़ती हूँ
५-घरेलू हिंसा
बहुत प्रेरणादायक है, हलाँकि लिस्ट बहुत लम्बी है। इसके साथ साथ इन्होंने बहुत सारे ग्रूप क़े साथ जुड़कर लाइव सेशन किए ओर सोशलमीडिया के सहयोग से हज़ारों लोगों तक अपनी बात पहूचायी। रेखा जी नेॅे फेसबुक पर ेवनस ंदक ैउपसम, ठींतंज अपेअ हनतन, दो पेज बनाये, यूटूब चैनल बनाया ओर उस पर भी विडियो बनाये जेसै
१-पर्यावरण बचाओ
२- बाल मज़दूरी के ख़लिफ़
३- कोरोना से कैसे बचना है
४- भूकम्प से कैसे बचना है
५- घरेलू हिंसा
६- नारी शक्ति
७-पावर ब्रेन योगा
लिस्ट बहुत लम्बी है, अपने टीचिंग में इन्होंने वैल्यू शिक्षा पे ज़ोर दिया, इनका मानना है बच्चे हमारा भविष्य है एसलिये इन्हें बहुत प्यार से अच्छा वातावरण प्रदान करना चाहिए जिसमें वो उत्तम संस्कार ले सके ओर खुश रह सकें। इनकी उपलब्धियों को देखते हुए इनको सलाम नमस्ते रेडीओ ने नारी शक्ति का ख़तिब दिया ओर ।ठ न्यूज़ चैनल ने बहुत कम समय म अपनी पहचान बनाने की लिए अपनी पहचान का ख़तिब दिया, कर्णधार अवार्ड, स्वमसिद्धा अवार्ड, कोरोना रक्षक, हिंदी मान सम्मान अवार्ड मिला। इनकी चार पुस्तक भी आ गयी है, इनकी लिखी कविता देश के लगभग हर कोने में पहूँच गयी है।रेखा जी का मानना है की , खुदी को कर बुलंद ईतना की हर तक़दीर से पहले ख़ुदा बंदे से ये पूछे बता तेरी रजा क्या है।

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