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जांच के लिये अस्पताल ले जाने पर फूट फूट कर रोने लगी अर्पिता

कोलकाता । शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी ने शुक्रवार को जांच के लिए अस्पताल ले जाते समय जमकर तमाशा किया। ईडी अधिकारियों की गाड़ी की पिछली सीट पर बैठकर वह फूट-फूटकर रोती रही। गाड़ी से उतारने की कोशिश के दौरान भी वह नहीं उतर रही थी और हाथ पैर पटक कर जोर जोर से रोने लगी। गाड़ी से उतारे जाने पर सड़क पर बैठने की कोशिश की जिसके बाद ईडी अधिकारी उसे लगभग बलपूर्वक व्हील चेयर पर बैठा कर अस्पताल के अंदर ले गए। जांच के बाद वह पिछले गेट से बाहर निकाली गई तब भी रो रही थी और हाथ पैर पटक रही थी। वह कुछ कहने की भी कोशिश कर रही थी लेकिन काफी भीड़ और हंगामा होने की वजह से साफ नहीं हो पाया कि वह क्या कहना चाहती है। उल्लेखनीय है कि अर्पिता के नाम पर मौजूद दो फ्लैट से 50 करोड़ नगदी, तीन करोड़ के गहने और विदेशी मुद्रा बरामद किए गए हैं।

गिरफ्तारी के बाद पार्थ ने पहली बार मुंह खोला, बोले- मेरे खिलाफ साजिश हुई, मुझे फंसाया गया

पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति में कथित भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार होने के बाद मंत्रिमंडल और तृणमूल कांग्रेस से हटाए जाने को लेकर पार्थ चटर्जी ने पहली बार मुंह खोला है। उन्होंने मीडिया से कहा कि उनके खिलाफ साजिश रची गई है।दरअसल, शुक्रवार को ईडी के अधिकारी पार्थ चटर्जी लेकर चिकित्सकीय जांच के लिए जोका ईएसआई अस्पताल पहुंचे थे। इससे पहले थोड़ी देर के लिए उनकी गाड़ी मां फ्लाईओवर पर रुकी थी। वहां मीडिया कर्मियों ने उन्हें मंत्रिमंडल और पार्टी से हटाए जाने के बारे में सवाल पूछा लेकिन वह चुपचाप बैठे रहे। बाद में जोका ईएसआई अस्पताल पहुंचने पर एक बार फिर पत्रकारों ने उनसे वही सवाल दोहराया। इस पर उन्होंने अपने चेहरे पर लो मास्क को नीचे कर कहा कि मेरे खिलाफ षडयंत्र रचा गया है। मुझे फंसा दिया गया। इसके बाद वह व्हीलचेयर पर बैठकर अस्पताल के अंदर गए हैं, जहां उनकी चिकित्सकीय जांच हुई है।

शिक्षक नियुक्ति में कथित भ्रष्टाचार मामले में पार्थ चटर्जी को 23 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। इन छह दिन तक वह कुछ भी नहीं बोले। इसी बीच एक दिन पहले जब उन्हें मंत्रिमंडल और तृणमूल कांग्रेस के सभी पदों के साथ प्राथमिक सदस्यता से भी हटा दिया गया है। ऐसे में पार्थ का साजिश में फंसाने वाला बयान अपने आप में बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसलिए पार्थ के बयान को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई हैं।उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मिथुन चक्रवर्ती ने दावा किया है कि पार्थ और अर्पिता के संयुक्त मालिकाने वाले मकानों से बरामद रुपये और गहने आदि की केवल देखरेख दोनों करते थे। दरअसल, यह संपत्ति किसी और की है। उनका इशारा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी की ओर था। पार्थ तृणमूल कांग्रेस के महासचिव थे, जो पार्टी का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पद है।

पार्टी से निष्कासन पर पार्थ ने कहा : फैसला सही या गलत समय बताएगा

शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी को राज्य मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें पार्टी के सभी पदों से बर्खास्त कर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी निलंबित कर दिया। पार्टी का यह फैसला सही है या गलत? इस बारे में पूछे जाने पर शुक्रवार को पार्थ चटर्जी ने संक्षिप्त उत्तर दिया, समय बताएगा।

दरअसल चिकित्सकीय जांच के लिए शुक्रवार को पार्थ चटर्जी को सीजीओ कंपलेक्स स्थित ईडी के पूर्वी क्षेत्रीय मुख्यालय से लेकर जोका ईएसआई अस्पताल ले जाया गया। यहां मेडिकल जांच के लिए प्रवेश के समय उन्होंने कहा कि वह षड्यंत्र का शिकार हुए हैं। इसके बाद जब बाहर निकले तो उनसे पार्टी के फैसले के बारे में सवाल पूछा गया। इस पर उन्होंने कहा कि समय बताएगा।पार्थ व्हीलचेयर पर बैठकर मेडिकल जांच कराने के लिए जोका ईएसआई अस्पताल में पहुंचे थे। या इनकी चिकित्सकीय जांच के बाद इन्हें वापस सीजीओ कंपलेक्स ले जाया गया है।

अर्पिता के जिस फ्लैट में ईडी ने मारा था छापा वहां से गायब हुई चार महंगी गाड़ियां

शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किए गए राज्य के बड़े नेता पार्थ चटर्जी और उनकी महिला सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के जिस फ्लैट में ईडी अधिकारियों ने छापेमारी की थी वहां से चार महंगी गाड़ियां रहस्यमय तरीके से लापता हो गई हैं। इसके बाद ईडी अधिकारी इसकी जांच में जुट गए हैं।

सीसीटीवी फुटेज खंगाला जा रहा है। पता चला है कि गत शुक्रवार को सबसे पहले टालीगंज के डायमंड सिटी के फ्लैट में ईडी अधिकारियों ने छापेमारी की थी। वहीं से चारों गाड़ियां लापता हुई हैं। ईडी अधिकारी ने बताया कि वहां पांच महंगी गाड़ियां थीं जिसमें से चार लापता हैं। केवल एक खड़ी हैं। कहां गई गाड़ियां, कौन ले गया, किसके कहने पर ले गया, इसकी जांच शुरू कर दी गई है। स्थानीय थाने से भी संपर्क किया गया है और कोलकाता पुलिस की मदद से सड़कों पर लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज भी देखे जा रहे हैं।उल्लेखनीय है कि अर्पिता के इस फ्लैट से 22 करोड़ नगद और 79 लाख के गहने के अलावा 20 मोबाइल फोन तथा विदेशी मुद्रा बरामद किए गए थे

पार्थ और अंकिता ने किया था रियल एस्टेट कारोबार में भी निवेश, मिले दस्तावेज

पश्चिम बंगाल में बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बड़े नेता पार्थ चटर्जी और उनकी महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी के घर छापेमारी से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हो रहे हैं। ईडी सूत्रों ने शुक्रवार को बताया है कि अर्पिता के बेलघरिया स्थित जिस फ्लैट में छापेमारी की गई थी वहां से दो रियल एस्टेट कंपनियों के दस्तावेज मिले हैं।

यह भी पता चला है कि उन दोनों रियल एस्टेट कंपनियों का मुख्यालय इसी फ्लैट को बनाया गया था। यानी फ्लैट को रियल स्टेट कंपनी के दफ्तर के तौर पर दस्तावेज में दिखाया गया है। इसीलिए जांच अधिकारियों को संदेह है कि पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी ने शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के जरिए हासिल हुए रुपये को रियल एस्टेट कारोबार में भी लगाया है। इसके लिए दोनों से एक बार फिर पूछताछ शुरू कर दी गई है। शुक्रवार को उनकी चिकित्सकीय जांच होनी है। इसके बाद दूसरे दौर की पूछताछ होगी जिसमें इस दस्तावेज के बारे में जानकारी हासिल की जाएगी।उल्लेखनीय है कि बेलघरिया के फ्लैट से ईडी अधिकारियों ने 27 करोड़ नौ लाख रुपये नगद के अलावा करीब तीन करोड़ का सोने का बर्तन, चांदी के सिक्के और अन्य सामान भी बरामद किए थे। बरामद हुए सामानों में सोने की एक कलम भी शामिल है।

भाजपा छोड़ तृणमूल में शामिल वाले विधायक कृष्णा कल्याणी को ईडी ने बुलाया

भारतीय जनता पार्टी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में वापसी करने वाले रायगंज से विधायक कृष्ण कल्याणी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूछताछ के लिए बुलाया है। विधायक कृष्ण कल्याणी ने भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद तृणमूल में वापसी कर ली थी। कल्याणी को विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा का विधायक बताते हुए विधानसभा में लोक लेखा समिति (पीएसी) का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया था। तृणमूल में वापसी के बाद अब गुरुवार को उन्हें ईडी ने नोटिस भेजा है। नोटिस में बताया गया है कि वर्ष 2018 से 2022 के बीच दो टीवी चैनल मे उनकी कंपनी कल्याणी सॉल्वेक्स प्राइवेट लिमिटेड ने विज्ञापन दिए गए थे। इन विज्ञापनों का पूरा लेखा-जोखा मांगा गया है। ईडी का आरोप है कि विज्ञापन देने और उसके भुगतान में बड़े पैमाने पर वित्तीय भ्रष्टाचार हुआ है। विधायक को जल्द से जल्द सारी जानकारी देने को कहा गया है। सूत्रों ने बताया है कि उनकी कंपनी के रायगंज स्थित ठिकाने पर नोटिस भेजा गया है।(हि.स.)

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