तुष्टीकरण किसीका नहीं सम्मान सबका,गोरक्षपीठ की परंपरा
गिरीश पांडेय आप कभी समय निकालकर गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर का भृमण करें। आपको वहां की दीवारों पर जगह-जगह कुछ लाइनें लिखी हुई मिलेंगी। ये लाइनें गोरख वाणी की हैं। ये लाइनें नाथपंथ को मानने वाले योगियों के लिए गुरुमंत्र हैं। उनके जीवन के आचार-व्यवहार एवं संस्कार हैं। इन्हीं लाइनों … Continue reading तुष्टीकरण किसीका नहीं सम्मान सबका,गोरक्षपीठ की परंपरा
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