लखनऊ/प्रयागराज । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है। महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।
3 चरणों में संचालन
एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।
प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।
550 शटल बसें चलाई जाएंगी
एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।
उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।
इन मार्गों प्रभाग संचालन
एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।
इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा। नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।
प्रत्येक 10 शौचालयों पर नियुक्त होगा एक सफाईकर्मी
महाकुंभ 2025 को स्वच्छ महाकुंभ के रूप में स्थापित करने के लिए योगी सरकार पूरी तत्परता से कार्य कर रही है। इसका उद्देश्य यही है कि महाकुंभ के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं को साफ सुथरे टॉयलेट्स, यूरिनल पॉट्स की सुविधा प्रदान की जा सके, ताकि वो यहां से एक यादगार अनुभव लेकर वापस लौटें। इसके लिए मेला प्रशासन की ओर से गाइडलाइंस जारी की गई हैं। इसके अनुसार, शौचालयों की साफ सफाई पर फोकस रहेगा। साथ ही, मैनपावर की कमी न हो इसका भी ध्यान रखा जाएगा। सभी वेंडर्स को सुनिश्चित करना होगा कि निर्धारित मानकों के अनुरूप 10 शौचालयों पर एक सफाई कर्मी तैनात किया जाएगा, जबकि 10 सफाई कर्मियों पर एक सुपरवाइजर नियुक्त किया जाएगा। इसी तरह, 20 यूरिनल्स पर एक सफाईकर्मी और 20 सफाईकर्मियों पर एक सुपरवाइजर तैनात रहेगा।
सार्वजनिक स्वच्छता को किया जाएगा सुनिश्चित
विशेष कार्याधिकारी महाकुंभ मेला आकांक्षा राना के अनुसार, मेला क्षेत्र में सार्वजनिक शौचालयों और स्वच्छता सुविधाओं की बेहतर देखरेख के लिए जनशक्ति तैनाती पर मेला प्रशासन की ओर से कुछ मानक निर्धारित किए गए हैं, जिन्हें हर हाल में वेंडर्स को सुनिश्चित करना होगा। इन नए मानकों का उद्देश्य सार्वजनिक स्वच्छता को उन्नत करना और श्रद्धालुओं व पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है। इसके तहत, 10 शौचालयों पर 1 सफाईकर्मी, 10 सफाईकर्मियों पर 1 सुपरवाइज़र, 20 यूरिनल्स पर 1 सफाईकर्मी और 20 सफाईकर्मियों पर एक सुपरवाइजर की नियुक्ति अनिवार्य होगी। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि सफाईकर्मी सफाई करते समय दस्ताने और जूते जैसे व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) अवश्य पहने हों। इसके माध्यम से सफाई के साथ-साथ सफाईकर्मियों की सुरक्षा को भी सुनिश्चित किया जाएगा।
किया जाएगा गंध नियंत्रण तकनीक का उपयोग
निर्धारित मानकों के अनुसार, शौचालय, वॉशबेसिन, फर्श, और टाइलों को दाग और गंदगी मुक्त रखा जाएगा। टॉयलेट पेपर, साबुन डिस्पेंसर, हैंड सैनिटाइज़र और महिला स्वच्छता उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। इसके साथ ही, फ्लश सिस्टम, नल और शॉवर बिना किसी रिसाव के सही तरीके से क्रियाशील होने चाहिए। साथ ही, गंध नियंत्रण तकनीक का उपयोग करते हुए शौचालय की दुर्गंध को 10-15 मिनट में हटाने और कचरे को 24 घंटे में विघटित करने की व्यवस्था लागू होगी। इससे बार-बार उपयोग होने के बावजूद गंध या गंदगी से निजात मिल सकेगी और बिना किसी हिचकिचाहट के लोग इसका उपयोग कर सकेंगे। प्रमुख स्नान पर्व पर भी यह व्यवस्था पूरी तत्परता से लागू रहेगी, जिससे अत्यधिक भीड़ के बावजूद किसी तरह की कोई समस्या उत्पन्न नहीं होगी।
दिव्यांगों के लिए सुलभ होंगे शौचालय
शौचालय इकाइयों में उपयुक्त प्रकाश व्यवस्था अनिवार्यता के साथ लागू की जाएगी। साथ ही, गड्ढे, दरारें या कंक्रीट जोड़ों, विद्युत फिटिंग्स, और साइनेज में किसी भी प्रकार की क्षति का समय पर समाधान किया जाएगा। शौचालयों में मग और बाल्टी की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि शौचालय सुविधाएं आसानी से सुलभ स्थानों पर उपलब्ध हों। हर 10 शौचालयों में से कम से कम 1 शौचालय को दिव्यांगों के लिए सुलभ बनाया जाएगा। सक्शन मशीनों की पर्याप्त संख्या में तैनाती और अपशिष्ट का उचित निपटान किए जाने को प्राथमिकता दी जाएगी। शौचालयों में सभी जेट स्प्रे मशीनों को सही तरीके से स्थापित और क्रियाशील रखने की व्यवस्था सुनिश्चित होगी।