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पीएम मोदी ने दिलाई जनजातियों को पहचान, बढ़ाया गौरव और सम्मान :राधामोहन सिंह

केवल भारतीय जनता पार्टी ने किया आदिवासियों का सम्मान : मरांडी.बोले, इतिहास की किताब में आदिवासियों के योगदान को नहीं मिला स्थान.भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा की दो दिवसीय कार्यसमिति रोहनिया स्थित भाजपा क्षेत्रीय कार्यालय पर हुई संपन्न.

वाराणसी : भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक के आज समापन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह ने कहा कि आजादी के अमृत काल में सशक्त भारत एवं विकसित भारत को निर्मित करते हुए गरीबमुक्त भारत के संकल्प को आकार दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सरकार ने वर्ष 2047 के आजादी के शताब्दी समारोह के लिए जो योजनायें एवं लक्ष्य तय किए हैं,उनमें गरीबी उन्मूलन के लिए व्यापक योजनाएं बनाई गई हैं। वह गरीब कल्याण, शोषित वंचित वर्गों के कल्याण के लिए हैं। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग तथा समाज के अंतिम सीढ़ी पर खड़े व्यक्तियों का उत्थान ही प्रधानमंत्री मोदी का मुख्य उद्देश्य है।

प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह ने कहा कि अनुसूचित जनजाति के हमारे लोकसभा और विधानसभाओं के साथियों के लिए आरक्षण को 10 साल तक और बढ़ाने का काम भाजपा की सरकार ने किया है। जनजातीय कार्य मंत्रालय ने 1 अप्रैल 2022 से 31दिसंबर 2022 तक डीबीटी के माध्यम से 26.37 लाख जनजातीय छात्रों को छात्रवृत्ति संवितरित की उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज को लेकर आज देश जिस गौरव के साथ आगे बढ़ रहा है, वैसा पहले कभी नहीं हुआ है। पीएम मोदी जब भी विदेशी राष्ट्राध्यक्षों से मिलते है, और उन्हें उपहार देते है तो उनकी कोशिश रहती है कि उसमें कुछ न कुछ तो आदिवासी भाई-बहनों द्वारा बनाए गए उपहार हों।

मुख्य अतिथि राधामोहन सिंह ने कहा कि आज भारत के पारंपरिक, और ख़ासकर जनजातीय समाज द्वारा बनाए जाने वाले प्रॉडक्ट्स की डिमांड लगातार बढ़ रही है। ट्राइबल प्रॉडक्ट्स ज्यादा से ज्यादा बाज़ार तक आयें, इनकी पहचान बढ़े, इनकी डिमांड बढ़े, सरकार इस दिशा में भी लगातार काम कर रही है। वनधन मिशन का उदाहरण हमारे सामने है। देश के अलग-अलग राज्यों में 3 हजार से ज्यादा वनधन विकास केंद्र स्थापित किए गए हैं। 2014 से पहले ऐसे बहुत कम, लघु वन उत्पाद होते थे, जो MSP के दायरे में आते थे।

अब यह संख्या बढ़कर 7 गुना हो गई है। अब ऐसे करीब 90 लघु वन उत्पाद हैं, जिन पर सरकार मिनिमम सपोर्ट एमएसपी प्राइस दे रही है। 50 हजार से ज्यादा वनधन स्वयं सहायता समूहों के जरिए लाखों जनजातीय लोगों को इसका लाभ हो रहा है। देश में जो स्वयं सहायता समूहों का एक बड़ा नेटवर्क तैयार हो रहा है, उसका भी फायदा आदिवासी समाज को हुआ है। 80 लाख से ज्यादा स्वयं सहायता समूह, सेल्फ़ हेल्प ग्रुप्स, इस समय अलग-अलग राज्यों में काम कर रहे हैं। इन समूहों में सवा करोड़ से ज्यादा ट्राइबल मेम्बर्स हैं, उसमें भी हमारी माताएं-बहनें हैं। इसका भी बड़ा लाभ आदिवासी महिलाओं को मिल रहा है।

प्रदेश प्रभारी श्री सिंह ने कहा कि आज देश में एकलव्य मॉडल अवासीय विद्यालयों की संख्या में 5 गुना की वृद्धि हुई है। 2004 से 2014 के बीच 10 वर्षों में केवल 90 एकलव्य आवासीय स्कूल खुले थे। लेकिन, 2014 से 2022 तक इन 8 वर्षों में 500 से ज्यादा एकलव्य स्कूल स्वीकृत हुये हैं। वर्तमान में, इनमें 400 से ज्यादा स्कूलों में पढ़ाई शुरू भी हो चुकी है। 1 लाख से ज्यादा जन-जातीय छात्र-छात्राएँ इन नए स्कूलों में पढ़ाई भी करने लगे हैं। इस साल के बजट में ऐसे स्कूलों में करीब करीब 40 हजार से भी ज्यादा शिक्षकों और कर्मचारियों की भर्ती की भी घोषणा की गई है।

अनुसूचित जनजाति के युवाओं को मिलने वाली स्कॉलरशिप में भी दो गुने से ज्यादा की बढ़ोतरी की गई है। इसका लाभ 30 लाख विद्यार्थियों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि देश जब आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति को अपनी प्राथमिकता देता है, तो प्रगति के रास्ते अपने आप खुल जाते हैं। हमारी सरकार वंचितों को वरीयता के मंत्र को लेकर आगे बढ़ रही है जिसके कारण आज देश विकास के लिए नए आयाम छू रहा है। सरकार जिन आकांक्षी जिलों, आकांक्षी ब्लॉक्स को विकसित करने का अभियान चला रही है, उसमें ज्यादातर आदिवासी बाहुल्य इलाके हैं। इस साल के बजट में अनुसूचित जनजातियों के लिए दिया जाने वाला बजट भी 2014 की तुलना में 5 गुना बढ़ा दिया गया है।

प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह ने कहा कि पहली बार देश ने भगवान बिरसा मुंडा की जन्मजयंती 15 नवम्बर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की है। पहली बार अलग-अलग राज्यों में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी म्यूज़ियम्स खोले जा रहे हैं। ये देश में पहली बार हो रहा है, लेकिन इसकी छाप आने वाली कई पीढ़ियों में दिखाई देगी। यह प्रेरणा देश को कई सदियों तक दिशा देगी। बीते 8-9 वर्षों में आदिवासी समाज की यात्रा इस बदलाव की साक्षी रही है कि देश, कैसे समानता और समरसता को प्राथमिकता दे रहा है। आजादी के बाद 75 वर्षों में पहली बार देश का नेतृत्व एक आदिवासी के हाथ में है। पहली बार एक आदिवासी महिला, राष्ट्रपति जी के रूप में सर्वोच्च पद पर भारत का गौरव बढ़ा रही हैं। पहली बार देश में आदिवासी इतिहास को इतनी बड़ी पहचान मिल रही है।

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मंराडी ने कहा कि पूरे देश में 10 करोड़ से अधिक आदिवासी जनजाति की आबादी है। इसके बाद भी देश के विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने आदिवासी जनजाति के नाम पर सिर्फ राजनीति की है। आजाद भारत में आदिवासी जनजाति समाज से ताल्लुक रखने वाले लोगों को उचित सम्मान नहीं मिल पाया, लेकिन देश में जबसे एनडीए गठबंधन की सरकार बनी है। तब से न सिर्फ उनके सम्मान में वृद्धि हुई है, बल्कि आदिवासियों के विकास को लेकर भी कार्य हो रही है । उन्होंने देश की आजादी में आदिवासी जनजाति समाज के योगदानों को याद करते हुए कहा कि देश की आजादी में कहीं से भी अनुसूचित जनजाति व आदिवासी लोगों का योगदान कम नहीं है। देश के इतिहासकारों ने आदिवासियों के योगदान को किताबों में सही तरह से स्थान नहीं दिया।

आज प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में आदिवासियों को योगदान को याद करने के लिए 15 नवंबर को आदिवासी गौरव दिवस मनाने का ऐलान किया गया है। देश में आदिवासी भाइयों का सम्मान केवल और केवल भारतीय जनता पार्टी ने किया है। उन्होंने कहा कि आजाद भारत के इतिहास में आज तक किसी भी मंत्रिमंडल में आदिवासी भाइयों को इतनी जगह नहीं मिली, जितनी की भारतीय जनता पार्टी के मंत्रीमंडल में मिली है। आजाद भारत में कांग्रेस ने आदिवासियों के साथ धोखा किया। आज पीएम मोदी की अगुवाई में सुदूर क्षेत्रों को भी मुख्य मार्ग से जोड़ा गया है। जिससे आदिवासियों तक विकास की पहुंच संभव हो सका। आज हर गरीबों के घर तक गैस के कनेक्शन पहुंच चुका हैं, हर घर में शौचालय की सुविधा उपलब्ध हो गई है।

इतना ही नही अब गांव-गांव तक बिजली पहुंच गई है गरीबो को आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख तक की स्वास्थ्य सुविधा मुफ्त उपलब्ध करवाई जा रही है। इसके अलावा कोविड महामारी की दौर में मुफ्त वैक्सीनेशन के साथ ही 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। यह एक ऐतिहासिक कार्य है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आवाहन किया कि जिस भी पात्र व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच पाया है। ऐसे लोगों तक योजनाओं की पहुंच को आसान बनाने के लिए सभी कार्यकर्ता अपने दायित्व का निर्वहन करें।

कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते हुए अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर ओरांव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी जनजातियों के सामाजिक एवं राजनैतिक उत्थान के लिए लगातार प्रयास कर रही है। कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार जनजातिय वर्ग को अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं स्वावलंबी बनाने के लिए नयी नयी योजनाएं ला रही है। उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य कर रही है। कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार जनजातियों को सामाजिक पहचान तो दे ही रही है साथ ही ट्राइबल के लिए बाजारों में उनके हाथों द्वारा निर्मित वस्तुओं की बिक्री के लिए सहयोग कर उन्हें आर्थिक रुप से मजबुत कर रही है।

कहा कि भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन 15 नवम्बर को जनजातीय गौरव दिवस के रुप में मनाने का निश्चय कर पीएम मोदी ने पुरे जनजातीय समाज का गौरव बढ़ाया है। कहा कि केंद्र सरकार में जनजाति वर्ग से आठ मंत्री बनाए गये है। कहा कि बूथ स्तर पर यदि उस क्षेत्र में जनजातियों की संख्या 100 से ज्यादा है तो उस बूथ को जनजाति बूथ बनाया जाएगा। उन्होंने कार्यसमिति में उपस्थित लोगों से आह्वान किया कि प्रत्येक महिने के अंतिम रविवार को प्रसारित होने वाली मन की बात को सभी जनजातियों क्षेत्र के लोगों को सुनने के लिए प्रेरित प्रेरित करें।

कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते हुए भाजपा प्रदेश सह प्रभारी सुनील ओझा ने कहा कि जनजातियों को जागरूक करने की आवश्यकता है। कहा कि भारतीय जनता पार्टी को मजबूत बनाने में जनजातियों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। कहा कि आज गुजरात विधानसभा में भी जनजातियों का बोलबाला है। देश का अधिकतर भाग जल, जंगल और झाड़ी है जिसे सरकार जनजातिय लोगों के लिए संरक्षित करने के लिए प्रयास कर रही है । कहा कि मुगलों एवं अंग्रेजों से युद्ध में जनजातियों ने हीं सबसे ज्यादा लोहा लिया। कहा कि देश में विकास के क्षेत्र में सबसे बड़ा जनजातियों का ही सहयोग है। पुर्ववर्ती सरकारों ने जनजातीय वर्ग के उत्थान के लिए कुछ नहीं किया। आज केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा आदिवासियों के लिए शिक्षा एवं स्वास्थ्य विशेष जोर दिया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार असीम अरुण ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष होने पर देश अमृत महोत्सव मना रहा है। आजादी के बाद बहुत सी सरकारें आई और गयी लेकिन किसी ने जनजातिय समाज के बारे में नहीं सोचा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार जनजातिय लोगों के उत्थान के लिए निरंतर कार्य कर रही है। जनजातीय समाज को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक दृष्टि से मजबुत किया जा रहा है। जनजातीय समाज को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य भारतीय जनता पार्टी की सरकार कर रही है।

उत्तर प्रदेश सरकार में समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव गोंड ने कहा कि जनजातियों को पहचान दिलाने का कार्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किया है। आदिवासी समुदाय से आने वाली श्रीमती द्रोपदी मुर्मू को भारत का राष्ट्रपति एवं काशी के लक्ष्मण आचार्य को सिक्किम का राज्यपाल बनाकर पुरे जनजातिय समाज का गौरव बढ़ाने का कार्य पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने किया है।संचालन मोर्चा के प्रदेश महामंत्री विद्या भूषण गोंड ने व धन्यवाद ज्ञापन अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष संजय गोंड ने किया।क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी नवरतन राठी ने बताया कि अनुसूचित जनजाति मोर्चा की दो दिवसीय कार्यसमिति की बैठक कुल नौ सत्रों में सम्पन्न हुई जिसमें प्रथम दिन पांच सत्र एवं दूसरे दिन चार सत्र हुए। जिसमें उत्तर प्रदेश के पैतालीस से भी ज्यादा जिलों के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के पदाधिकारी शामिल हुएं।

मंचासिन अतिथि

अनुसूचित जनजाति मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के समापन समारोह में भाजपा प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री झारखंड बाबूलाल मरांडी, भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर ओरांव, अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष संजय गोंड, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार असीम अरुण, राज्य मंत्री संजीव गोंड, मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री गजेन्द्र पटेल, मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री एवं प्रदेश प्रभारी जनजाति मोर्चा एडवर्ड सोरेन, भाजपा महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय, मोर्चा के प्रदेश सह प्रभारी राधा सिंह, मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामधनी गोंड,मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य दीपक गोंड, विधायक दुद्धी रामदुलारे गोंड, मोर्चा के प्रदेश महामंत्री सूर्य कुमार गोंड, मोर्चा के प्रदेश महामंत्री मुन्ना खरवार मंचासिन रहे।

इनकी रही उपस्थिति

क्षेत्रीय अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति मोर्चा शारदा सिंह खरवार, भाजपा के क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी नवरतन राठी, सह मीडिया प्रभारी संतोष सोलापुरकर, प्रदेश आईटी सह संयोजक कुलदीप गोंड,प्रदेश महामंत्री मुन्ना खरवार, सूर्य कुमार गोंड, प्रदेश उपाध्यक्ष राजकुमार खरवार “राजू”,सुखराम गोंड राजेंद्र गोंड, धनंजय कश्यप, मनोज गोंड,दीपक गोंड राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य,अमरेश चेरो,सोमनाथ गोंड ,छेदी गोंड,विजय गोंड,शिवकुमार खरवार राही, सत्यप्रकाश गोंड,सुखराम गोंड,राजेंद्र धूरिया, मनोज गोंड, राधेश्याम गोंड,संतोष कश्यप,रवि खरवार,आशीष गोंड,अरविंद खरवार,पियूष गोंड,मनीष गोंड “कालरा”, प्रदूम गोंड,वर्षा गोंड,ममता गोंड, साधना गोंड, अवधेश गोंड, सतीश गोंड, राकेश गोंड,आदि शामिल रहे ।

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