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महाकुंभ :गंगा,यमुना और सरस्वती द्वार के साथ ही भव्य शिवा द्वार भी करेगा श्रद्धालुओं का ग्रैंड वेलकम

महाकुंभ

प्रयागराज । प्रयागराज में आयोजित होने जा रहा महाकुंभ 2025 सनातन भारतीय संस्कृति को दुनिया भर के सामने प्रदर्शित करने का महत्वपूर्ण अवसर है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के लिए यह प्रदेश की ग्लोबल ब्रांडिंग का भी मंच बनने जा रहा है। योगी सरकार की मंशा के अनुरूप ही इसके लिए प्रयागराज शहर और जनपद की सीमाओं को भी पूरी भव्यता के साथ सजाया – संवारा जा रहा है। जिले की सीमाओं में चार भव्य विशाल प्रवेश द्वार का निर्माण भी इसी कड़ी का हिस्सा है।

जनपद की सीमाओं पर श्रद्धालुओं के भव्य स्वागत की तैयारी

प्रयागराज महाकुंभ में “अतिथि देवो भव” के मूल मंत्र को लेकर आगे बढ़ रही प्रदेश की योगी सरकार महाकुंभ पहुंचने वाले आगंतुकों का जिले की सीमाओं पर ही भव्य स्वागत की तैयारियों में जुटी है। उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम सभी दिशाओं से श्रद्धालु और पर्यटक जैसे ही इस जिले की सीमा में प्रवेश करेंगे चार भव्य विशाल प्रवेश द्वार उनका स्वागत करेंगे। इसकी कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस है। सीएंडडीएस के प्रोजेक्ट मैनेजर रोहित कुमार राना बताते हैं कि महाकुंभ आ रहे आगंतुकों को जिले की सीमा में दाखिल होते ही उन्हें कुंभ नगरी प्रयागराज की धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभूति होगी। अलग अलग दिशाओं में चार भव्य प्रवेश द्वार बनाए जा रहे हैं। इनमें तीन प्रवेश द्वारों का 2019 के कुंभ में निर्माण किया गया था जिसका कायाकल्प और सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। चौथे प्रवेश द्वार शिवा द्वार के निर्माण के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की अनुमति मिल गई है। इसका निर्माण कार्य शुरू किया जा रहा है।

18.93 करोड़ के बजट से हो रहा है निर्माण और कायाकल्प

प्रयागराज महाकुंभ में सड़क मार्ग से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या सबसे अधिक होगी। प्रशासन के अनुमान के मुताबिक लगभग 30 करोड़ से अधिक श्रद्धालु सड़क मार्ग से कुंभ नगरी आयेंगे। प्रयागराज जनपद की सीमा में दाखिल होते ही गंगा, यमुना, सरस्वती और शिवा द्वार श्रद्धालुओं का स्वागत करेंगे। प्रोजेक्ट मैनेजर के मुताबिक 18.93 करोड़ के बजट से इनका निर्माण और कायाकल्प किया जा रहा है। इसमें चौथे प्रवेश द्वार शिव द्वार का निर्माण नेशनल हाईवे 319 में प्रयागराज को जौनपुर और गोरखपुर से जोड़ने वाले सड़क मार्ग पर किया जा रहा है। 4.95 करोड़ के बजट से शिवा प्रवेश द्वार का निर्माण हो रहा है। इसमें प्रवेश द्वार के मध्य में शीर्ष पर ध्यान योग की मुद्रा में भगवान शिव की मूर्ति भी स्थापित होगी। इसके अतिरिक्त 2019 के कुंभ में योगी सरकार द्वारा निर्माण कराए गए गंगा, यमुना और सरस्वती प्रवेश द्वार का सौंदर्यीकरण और कायाकल्प का कार्य भी चल रहा हैं । इसमें क्लैडिंग और म्यूरल्स निर्माण का कार्य 25 फीसदी तक पूरा हो चुका है।

आईआईटी गुवाहाटी के विशेषज्ञों द्वारा दिए गए परामर्श के अनुसार कराए जा रहे हैं विभिन्न आवश्यक कार्य

प्रयागराज : 2025 में आस्था की डुबकी लगाने आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए योगी सरकार संगम तट पर सर्कुलेशन क्षेत्र में वृद्धि में जुट गई है। इसके लिए संगम नोज पर रिवर चैनलाइजेशन एवं ड्रेजिंग पर वित्तीय वर्ष 2024-25 में करीब 20 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके लिए सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग ने कमर कस ली है। शासन से इसकी सैद्धांतिक सहमति भी ले ली गई है। मालूम हो कि निरंतर हो रहे कटाव के कारण संगम तट पर उपलब्ध भूमि 2019 की तुलना में 60 प्रतिशत तक कम हो गई है। इसके चलते आईआईटी गुवाहाटी के विशेषज्ञों द्वारा परामर्श के आधार पर मेला प्रशासन और सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग आवश्यक कार्यवाही को अंजाम दे रहा है।

आआईटी गुवाहाटी के विशेषज्ञों से लिया गया परामर्श

2019 से 2024 तक गंगा नदी अपने दाहिने किनारे की ओर से लगभग 200 से 500 मीटर तक स्थानांतरित हो गई है। निरंतर हो रहे कटाव के कारण संगम तट पर उपलब्ध भूमि 2019 के स्तर से 60 प्रतिशत तक कम हो गई है। सिंचाई विभाग द्वारा गंगा नदी के दाहिने तट पर शास्त्री ब्रिज से संगम नोज तक सरकुलेटिंग एरिया बढ़ाने के लिए आईआईटी गुवाहाटी के विशेषज्ञों द्वारा दिए गए परामर्श के अनुसार कई कार्य प्रस्तावित हैं।

ड्रेज्ड मटेरियल से मजबूत किया जाएगा तटबंध

बाढ़ से पूर्व किए गए चैनलाइजेशन कार्य की चौड़ाई ड्रेजिंग मशीन द्वारा लगभग 150 मी. से 175 मी. तक किया जाना है। परियोजना में ड्रेजिंग का कार्य मैकेनिकल डिवीजन के द्वारा किया जाना है। इस कार्य से निकाले गए ड्रेज्ड मटेरियल की मात्रा तटबंध मजबूत करने के लिए एवं सरकुलेटिंग एरिया बढ़ाने के लिए किया जाएगा। इसकी अनुमानित लागत 6.34 करोड़ रुपए से ज्यादा होगी।

नगर विकास विभाग को भेजा गया प्रस्ताव

इसके अतिरिक्त नदी के दाहिने तट पर जियो बैग का बैंक पेवमेंट का कार्य कराया जाना है, जबकि नायलान क्रेट में जियो बैग द्वारा 1X8 मी. में लाचिंग एप्रेन का कार्य भी किया जाना है। तटबंध के लेयर में जियो ग्रिड 200 एवं 100 एमटी प्रति वर्ग मी. का प्रयोग किया जाना है। इस पर अनुमानित 10.24 करोड़ की लागत आएगी। शासन की ओर से सिंचाई विभाग को सुसंगत प्रस्ताव तैयार कर नगर विकास विभाग को प्रेषित करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही नगर विकास विभाग को अग्रेतर कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है।

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