नयी दिल्ली : भारत एवं चीन के विशेष प्रतिनिधियों के बीच 23वीं बैठक में दोनों पक्षों ने सीमाओं पर शांति एवं सौहार्द्र को द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति के लिए अनिवार्यता के रूप में स्वीकार करते हुए आपसी हितों के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।बैठक में दोनों पक्षों ने कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने, सीमा पार नदियों और सीमा व्यापार पर डेटा साझा करने सहित सीमा पार सहयोग और आदान-प्रदान के लिए सकारात्मक दिशा-निर्देश प्रदान किए।चीन की राजधानी बीजिंग में हुई भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधियों की 23वीं बैठक में भारत की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन की ओर से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) केंद्रीय समिति के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य और विदेश मंत्री वांग यी ने भाग लिया।
विदेश मंत्रालय की ओर से यहां जारी एक बयान के अनुसार विशेष प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कज़ान में हाल ही में हुई बैठक के दौरान लिए गए निर्णय के अनुसार बैठक की, जिसमें सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द के प्रबंधन की देखरेख करने तथा सीमा प्रश्न का निष्पक्ष, उचित और परस्पर स्वीकार्य समाधान तलाशने के लिए शीघ्र बैठक करने का निर्णय लिया गया था।बयान में कहा गया है कि विशेष प्रतिनिधियों ने सीमा प्रश्न के समाधान के लिए एक निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य रूपरेखा की जरूरत पर बल देते हुए समग्र द्विपक्षीय संबंधों के राजनीतिक परिप्रेक्ष्य को बनाए रखने के महत्व को दोहराया और इस प्रक्रिया में और अधिक जीवंतता लाने का संकल्प लिया।
वर्ष 2020 में भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में टकराव उत्पन्न होने के बाद से यह विशेष प्रतिनिधियों की पहली बैठक थी। विशेष प्रतिनिधियों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में सेनाओं के टकराव की स्थिति से हटाने के विगत 21 अक्टूबर के नवीनतम समझौते के कार्यान्वयन की सकारात्मक पुष्टि की, जिसके परिणामस्वरूप संबंधित क्षेत्रों में सीमारक्षकों को गश्त करने और चारागाह में मवेशी चराने की अनुमति दी गई है।दोनों विशेष प्रतिनिधियों ने भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने ज़मीन पर शांतिपूर्ण स्थिति सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि सीमा पर मुद्दे द्विपक्षीय संबंधों के सामान्य विकास में बाधा न बनें। दोनों पक्षों ने 2020 की घटनाओं से सीख लेते हुए सीमा पर शांति और सौहार्द बनाए रखने और प्रभावी सीमा प्रबंधन को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न उपायों पर चर्चा की।
उन्होंने इस उद्देश्य के लिए प्रासंगिक राजनयिक और सैन्य तंत्रों का उपयोग, समन्वय और मार्गदर्शन करने का निर्णय लिया।विशेष प्रतिनिधियों ने आपसी हितों के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने, सीमा पार नदियों और सीमा व्यापार पर डेटा साझा करने सहित सीमा पार सहयोग और आदान-प्रदान के लिए सकारात्मक दिशा-निर्देश प्रदान किए। वे क्षेत्रीय और वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए स्थिर, पूर्वानुमानित और सौहार्दपूर्ण भारत-चीन संबंधों की प्रमुखता पर सहमत हुए।श्री डोभाल ने चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की। उन्होंने श्री वांग यी को अगले दौर की विशेष प्रतिनिधि बैठक आयोजित करने के लिए पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तिथि पर भारत आने का निमंत्रण दिया। (वार्ता)
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