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सीएम योगी के आदेश के बाद जनपद मथुरा और फिरोजाबाद में चलेगा साफ सफाई का विशेष अभियान

लखनऊ। बदलते मौसम को देखते हुए बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में बीमारियों से बचाव करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं। बता दें कि सीएम योगी ने फिरोजाबाद की घटना संज्ञान लेते हुए शहरी एवं ग्रामीण निकायों को क्षेत्र में साफ सफाई करने के निर्देश दिए थे। जिसके तहत जनपद मथुरा और फिरोजाबाद में साफ सफाई का विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसके साथ ही सर्विलांस को और बेहतर करने के साथ ही 07 से 16 सितंबर तक प्रदेशव्यापी सर्विलांस कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर बुखार से पीड़ित और कोविड के लक्षण वाले लोगों की पहचान करेंगे।

अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि मानसून के दौरान जनपद मथुरा और फिरोजाबाद में डेंगू आउटब्रेक के साथ ही मथुरा में स्क्रब टाइफस के मामले भी पाए गए हैं। डेंगू रोग के प्रभावी नियंत्रण के लिए पॉजिटिव पाए गए रोगियों के क्षेत्र में जल्‍द से जल्‍द निरोधात्मक के साथ उपचारात्मक व ज्वर रोगियों का सर्वेक्षण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार सोर्स रिडक्शन गतिविधियां नियमित रूप से संचालित की जाएंगी। जिन क्षेत्रों में एक या उससे अधिक डेंगू रोगी पाए जाएंगे, उस प्रभावित पूरे ग्राम क्षेत्र, मोहल्ले में टीम भेजकर एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जाएगा।

डेंगू केस की पुष्टि होने पर तीन दिन के अंदर करें रोकथाम के उपाय

डेंगू के मरीजों की पुष्टि होने पर तीन दिवस के भीतर रोकथाम की कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही डेंगू रोगियों की पुष्टि होने पर उस घर व आस-पास के 50 घरों में पाइरिथ्रम का छिड़काव कराया जाएगा। इसके साथ ही एक्टिव केस सर्च, सोर्स रिडक्शन, जन सामान्य की डेंगू रोग के प्रति जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा।

लैब भेजे जाएंगे सैंपल
सीएम योगी ने अस्पतालों में बेड्स की व्यवस्था को सुनिश्चित करने और 108 एम्बुलेंस का उपयोग करते हुए मरीजों को अस्पताल पहुंचाने की व्‍यवस्‍था को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा मरीजों के सैंपल लेकर जांच के लिए लैब में भेजे जाएंगे। उन्होंने बताया कि एलिसा (एंजाइम-लिंक्ड इम्युनोसॉरबेंट परख) रीडर-आधारित एनएसआई (लक्षणों के पहले पांच दिनों में) और आईजीएम (पांच दिनों के बाद) का उपयोग डेंगू के परीक्षण के लिए किया जाना चाहिए।

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