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‘चाइनीज मांझे’ की चपेट में आकर अधिवक्ता गंभीर जख्मी

जौनपुर। ‘चाइनीज मांझे’ से फिर एक अधिवक्ता गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं। खबर मिली है कि नगर के पालिटेकनिक चौराहे के पास उद्यान विभाग के सामने राजमार्ग पर यह हादसा हुआ है। जहां वाजिदपुर से बुलेट मोटरसाइकिल‌ पर नईगंज की तरफ जाते समय अधिवक्ता सुशील मौर्य चाइनीज मांझा की चपेट में आने से गम्भीर रूप से घायल हो गये। मांझा से उनकी आंखों के पास गहरे घाव लगे हैं। संयोग ही था कि गला बच गया, अन्यथा बड़ी दुर्घटना सम्भावित थी।

मांझा की चपेट में आने से जख्मी अधिवक्ता को आस-पास के लोग बगल स्थित एक प्राइवेट अस्पताल ले गये जहां 16 टांका लगाकर उनका उपचार किया गया। गौरतलब है कि जनपद में चाइनीज मांझा की चपेट में आने से कई बच्चों सहित मोटरसाइकिल चालकों की मौतें हो चुकी हैं। प्रशासन द्वारा समय-समय पर इसकी बिक्री करने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है, सख्त आदेश ‌भी दिए जाते हैं ‌लेकिन इसके बाद भी इसकी बिक्री पर सरकारी तंत्र रोक नहीं लगा पा रहा है।

चाइनीज मंझे से लगातार हो रही घटनाओं को लेकर आम जनता द्वारा कई वर्षों से चाइनीज मांझा की बिक्री पर रोक की मांग की जा रही है लेकिन संभवतः अधिक कड़े कदम उठाए जाने जरूरी हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल इस पर 3 वर्ष पूर्व ही पूर्ण प्रतिबंध भी लगा चुका है। खास बात यह भी है की पतंग और मांझा बेचने वाले कई दुकानदारों का कहना है कि वास्तव में चाइनीज मांझा के नाम पर बिकने वाला मांझा चाइना से नहीं आता।

यह मांझा वास्तव में भारत में ही बनता है लेकिन नायलोन और नॉन – बायोडिग्रेडेबल मेटेरियल से का बना होने के कारण यह बहुत पतला होने के बावजूद मजबूत और धारदार होता है, जो रगड़ खाने पर ब्लड की तरह शरीर के किसी भी हिस्से को काट देता है। इसे इसे आम बोलचाल में ‘चाइनीज मांझा’ का नाम दे दिया गया है। सबसे गंभीर बात यह है अगले महीने पड़ने वाले मकर संक्रांति पर्व के मद्देनजर इस समय पतंग-मांझा की बिक्री और प्रयोग खूब हो रही है जो कि कम से कम एक-डेढ़ महीने तक जारी रहेगी। ऐसे में अगर कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया तो भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति से इनकार नहीं किया जा सकता।

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