अक्सर किसी न किसी से सुनने को मिल ही जाता है कि ‘नाम बड़े दर्शन छोटे’, जी हाँ! अब यही जुमला रुपहले परदे पर सिनेमा के रूप दर्शकों के बीच मनोरंजन व कटाक्ष के साथ फुल टू इंटरटेन करने आ रहा है। फिल्म की कथा, पटकथा को अभी सस्पेंस में रखा गया है, जोकि ऑडियंस के लिए सरप्राइज पैक होगा। मगर नई बात यह है कि फिल्म के शुभ मुहूर्त होने से पहले ही हर वर्ग के दर्शकों को ध्यान में रखकर बनाई जाने वाली इस फिल्म का पोस्टर सोशल मीडिया में जारी कर दिया गया है।
जुगाड़ एन्ड जुगाड़ फिल्म्स व आर्यन फिल्म्स प्रस्तुत निर्माणाधीन भोजपुरी फिल्म नाम बड़े दर्शन छोटे के निर्माता राज सिंह, अमित राजभर व विजया श्री हैं। निर्देशक बालगोविंद बंजारा हैं। संगीतकार आर्या शर्मा व कमलेश राजभर, गीतकार बाल गोविंद मद्धेशिया, अमित प्रेमी, राजेंद्र राजभर हैं। कथा पटकथा व संवाद संदीप सिंह ने लिखा है। छायांकन त्रिलोक वैशच, नृत्य निभील डिसूजा का है डिजाइनर प्रशांत बेहेरा हैं। मुख्य भूमिका में बुंदेलखंड स्टार चन्द्रकान्त द्विवेदी, दीपक राजभर, सूरज शर्मा, रिया श्रीवान, कुसुम सिंह, अन्नू पूजा सिंह, प्रीति उत्तम के अलावा महानायक कुणाल सिंह, बृजेश त्रिपाठी, देव सिंह, उमेश सिंह, संजय वर्मा, लोटा तिवारी, कमलेश राजभर, राज सिंह, भूपेंदर मिश्रा, गुड्डू लहरी हैं।
कुशल नेतृत्व कर रहे एक्टर से डायरेक्टर बने बालगोविंद बंजारा मद्धेशिया से कहानी पूछने पर उनका यह कहना है कि फिल्म भोजपुरी की शुरुआत मोहन जी प्रसाद मेरे गुरु, बृजेश त्रिपाठी जी, रवि किशन जी और मेरे से ही इस दौर की शुरु हुई। 21 साल से भोजपुरी की शुरुवात से लेकर आज तक के दौर को दर्शाया जायेगा। यह फिल्म भोजपुरी इंडस्ट्री के कलाकर, टेक्निशियन और भोजपुरी के दर्शकों के बीच इतिहास बयान करती हुई दिल दिमाग को झकझोरने वाली होगी। इतना बता देता हूँ कि इस फ़िल्म में मसाला मिक्स कहानी है।
गौरतलब है कि इस फिल्म की रचना 28 साल के मुम्बई के अनुभवी एक 93 के राईटर पहले से फिर कलाकर बालगोविन्द, जो दर्शकों में अपनी पहचान रखते हैं। अब पुरानी शराब की तरह छलकते हुए अनुभव से एक इतिहासे रचने जा रहे हैं। जिसका नाम है – नाम बड़े दर्शन छोटे बाल गोविंद कहते हैं कि मैंने फिल्में तो बहुत की है पर बतौर निर्देशक पहली बार मैं बायोग्राफिक फिल्म का निर्देशन करने जा रहा हूं। देखता हूं दर्शकों को और अपनी फ़िल्म इंडस्ट्री को कितना प्रभावित करती है मेरी मेहनत। आगे वे कहते है कि इस फिल्म के प्रोड्यूसर राज सिंह ने मेरा चुनाव इस कहानी को लेकर इसलिए किये हैं कि आपको भईया सब पता है शुरू से ही और आप में वो अनुभव भी है लिखने की तो आप करें डायरेक्ट।
बता दें कि इन फ़िल्म के प्रोड्यूसर राज सिंह भी एक सुलझे हुए एक्टर हैं, जो राधेश्याम रसिया के साथ भोजपुरी सिनेमा से पहले अल्बम कर चुके हैं। पुराने चावल राज सिंह को फिल्मों का जूनून मुम्बई लेकर आई और आज बतौर प्रोड्यूसर भी इनकी ये पांचवी फिल्म शूटिंग को निकल रही है। राज सिंह अपने आप में सुलझे हुए बिजनेस माइंडेड हैं। उनका कहना है कि पैसा होना बड़ी बात नहीं है। पैसे से पैसा कमाना बहुत बड़ी बात है। मैं वो फिल्म कभी नहीं बनाऊंगा जिससे मेरे मेहनत से बनायीं हुई आशियाना बेचकर गांव जाना पड़े और टेक्निशियन पैसे की उसूली के लिए सोचना पड़े।
बालगोविन्द बंजारा कहते हैं कि जब एक्टर डायरेक्टर बनता है तो हर नए कलाकर को तरासने में लग जाता है एक गुरु के तरह।
एक्टिंग कला छोड़ देंगे क्या? यह सवाल पूछने पर बालगोविन्द कहते हैं कि एक्टिंग तो खून में है, अभी मेन विलेन साऊथ फ़िल्म स्नेक फॉरेस्ट में करके आया हूँ, जोकि जल्द ही रिलीज होगी।