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गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि खरीद में लाएं तेजी, बनाएं डेडिकेटेड टीम : सीएम योगी

मिशन मोड में हो काम, लेटलतीफी स्वीकार्य नहीं। गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना की मुख्यमंत्री ने की समीक्षा। अतिरिक्त मानव संसाधन की जरूरत की तत्काल हो पूर्ति। सभी संबंधित 12 जिलों के मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री ने की समीक्षा। जून तक पूरी कर भूमि खरीद की प्रक्रिया। 594 किलोमीटर लंबाई वाले गंगा एक्सप्रेस-वे से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई उड़ान।

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महत्वाकांक्षी गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए भूमि खरीद की प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि प्रत्येक दशा में जून मध्य तक एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि क्रय की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। मुख्यमंत्री ने कहा है कि 594 किलोमीटर लंबाई वाला यह एक्सप्रेस-वे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई उड़ान देने वाली होगी। राज्य सरकार इसे यथाशीघ्र जनता को समर्पित करना चाहती है।

गुरुवार को उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अधिकारियों और संबंधित मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों के साथ परियोजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने गंगा एक्सप्रेस-वे निर्माण को मिशन मोड में करने की जरूरत बताई है। जल्द होने जा रहे पंचायत चुनावों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव में राजस्व विभाग के कर्मियों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी, ऐसे में इस परियोजना के लिए एक अलग और डेडिकेटेड टीम बनाई जाए। इस टीम के सदस्यों को पंचायत चुनाव से अलग रखें, ताकि भूमि खरीद की प्रक्रिया समय से पूरी हो सके।

कतिपय जिलाधिकारियों द्वारा अतिरिक्त मानव संसाधन की जरूरत बताये जाने पर मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव और राजस्व परिषद को अगले दो दिनों के भीतर इसकी पूर्ति करने के निर्देश भी दिए। भूमि रजिस्ट्री की जनपदवार स्थिति से अवगत होते हुए मुख्यमंत्री ने संतोष जताया और कहा कि रजिस्ट्री कार्यालयों पर कोविड-19 प्रोटोकॉल का भी पालन सुनिश्चित हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि रजिस्ट्री करने वाले पहले 100 किसानों को सरकार सम्मानित भी करेगी।

समीक्षा बैठक में यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने मुख्यमंत्री को बताया कि एक्सप्रेस-वे के लिए 12 जिलों के कुल 522 गांवों की भूमि क्रय की जानी है। इसमें आमजन के अलावा सरकारी भूमि भी शामिल है। इस संबंध में कार्यवाही तेजी से हो रही है। बता दें कि प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ-बुलंदशहर मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 334) पर मेरठ जिला के बिजौली गांव के समीप से प्रारंभ होकर प्रयागराज बाईपास (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-19) पर प्रयागराज जिला के जुडापुर दांदू गांव के समीप तक विकसित की जानी है। एक्सप्रेस-वे मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिले से होकर जाएगी। उन्होंने बताया कि एक्सप्रेस-वे के लिए पीपीपी मोड पर अप्रैल में आरएफपी कम आरएफक्यू आमंत्रित किया जाना प्रस्तावित है।

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