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कोरोना काल मे यूपी वालों के अपमान के मामले पर घिरे आप सांसद संजय सिंह

फाईल फोटो आप सांसद संजय सिंह

लखनऊ । दिल्‍ली में अपनी डगमगाती सियासत के बीच उत्‍तर प्रदेश में अस्तित्‍व तलाश रही आम आदमी पार्टी और उनके नेताओं को गुरुवार को यहां के पत्रकारों ने उनकी करतूतों का जिक्र कर आइना दिखा दिया । प्रेस कांफ्रेंस की राजनीति करने पहुंचे आप सांसद संजय सिंह का दांव उलटा पड़ गया । दूसरों पर आरोप लगा सियासत चमकाने की कोशिश कर रहे संजय सिंह से पत्रकारों ने दिल्‍ली में यूपी वालों के अपमान और बेकाबू कोरोना पर सवाल दाग दिए ।

पत्रकारों के सवालों का जवाब देने के बजाय आप सांसद प्रेस कांफ्रेंस बीच में ही छोड़ कर चल दिए। कोविड प्रबंधन में डब्‍ल्‍यूएचओ समेत दुनिया भर में प्रशंसा पा रही योगी सरकार पर सवाल उठाने पहुंचे संजय सिंह दिल्‍ली में कोविड के नाम पर उपकरणों की खरीद में हुए घालमेल पर सबूतों के साथ हुए सवाल पर तिलमिला उठे ।

यूपी,बिहार के लोगों को दिल्‍ली से भगाये जाने के सवाल पर छूटा पसीना

यूपी में राजनीति करने का सपना देख रहे संजय सिंह से पत्रकारों ने कोरोना के कठिन दौर में यूपी बिहार के लोगों को दिल्‍ली से जबरन बाहर किए जाने पर सवाल पूछा लेकिन सीधा जवाब देने के बजाय संजय सिंह मामले को टाल गए। पत्रकारों ने दिल्‍ली में यूपी के लोगों के इलाज पर सीएम केजरीवाल द्वारा एतराज जताए जाने का मुद्दा भी उठाया। लेकिन संजय सिंह संतोषजनक जवाब देने के बजाय दूसरी बातों में लगे रहे ।

कोरोना के दौरान यूपी में महंगे उपकरण खरीदने का आरोप लगा रहे आप सांसद के सामने ही पत्रकारों ने दिल्‍ली में यूपी से कहीं ज्‍यादा महंगी दर पर आक्‍सीमीटर समेत अन्‍य उपकरण खरीदे जाने पर सवाल पूछा । संजय सिंह ने इसे नकारते हुए पत्रकारों को खरीद के दस्‍तावेज देने की चुनौती दी। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ही पत्रकारों ने दिल्‍ली सरकार के दस्‍तावेज संजय सिंह के सामने रखते हुए 66302 रुपये में एक आक्‍सीमीटर खरीदे जाने का सबूत पेश कर दिया तो,संजय सिंह भड़क उठे ।

आप सांसद से पूछा गया कि भ्रष्‍टाचार मिटाने का दावा करने वाली दिल्‍ली सरकार खुद ही भ्रष्‍टाचार में लिप्‍त है । कोरोना संक्रमण के दौरान मंहगे दामों पर आक्‍सीमीटर व पीपीटीई किट की खरीदारी की गई। सरकार ने न तो इसकी जांच कराई और न ही किसी पर कार्रवाई की गई। इससे साफ है कि मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जानकारी में इस पूरे भ्रष्‍टाचार को अंजाम दिया गया । यूपी सरकार पर भ्रष्‍टाचार का आरोप लगाने वाले संजय सिंह की बोलती बंद हो गई ।

पत्रकारों के कई बार पूछने के बाद भी उन्‍होंने अरविंद केजरीवाल का बचाव करते हुए जवाब देना उचित नहीं समझा। बिहार व यूपी के लोगों के कोरोना इलाज को लेकर अरविंद के‍जरीवाल द्वारा दिए गए अपमानजनक बयान के सवाल का भी संजय सिंह जवाब नहीं दे सके। यूपी में कोरोना के मरीजों का मुफ्त इलाज किए जाने और दिल्‍ली में मरीजों से भारी वसूली के मामले पर भी संजय सिंह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये।

आवासीय जगह का कार्मिशयल इस्‍तेमाल यह भी भ्रष्‍टाचार

पत्रकार वार्ता के दौरान आप सांसद संजय सिंह से पूछा गया कि वह आवासीय जगह पर अपना कार्यालय बनाकर कार्मिशियल इस्‍तेमाल कर रहे है। एलडीए जब कार्रवाई करेगा तो आप सरकार पर इल्‍जाम लगाएगे। क्‍या यह भ्रष्‍टाचार की श्रेणी में नहीं आता है। यूपी में चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी आम आदमी पार्टी युवाओं को रोजगार व बिजली पानी निशुल्‍क देने के दावे तो कर रही है लेकिन उनके पास कोई रोडमैप तक नहीं है।

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