Off Beat

सन्नाटी सडकों पर कुत्तों-बंदरों की सुधि लेती युवती

(युगल किशोर जालान)
वाराणसी। लाकडाउन में आमतौर पर जब लोग पडोसियों का भी हालचाल पूछने से कतरा रहे, वहीं एक युवती रोजाना सैकडों बेजुबानो का पेट भरने के प्रयास में व्यस्त रहती है। बच्चों से बुजुर्गों तक, कोरोना वायरस से सभी आयु वर्ग चिंतित है। पत्रकार, चिकित्सक, अस्पतालों के स्टाफ, सफाई कर्मचारी, पुलिस इत्यादि इस विषम परिस्थिति में अपने परिवार के विरोध के बावजूद अपना कर्तव्य निभाने घर से निकल कर सामान्य दिनों से अधिक व्यस्त हैं। इन सबसे अलग हटकर है हडहा सराय इलाके में रहने वाली युवती सोनम।
आमदिनो में सडकों व गलियों में लोग कुत्तो से डर कर भागते हैं तो कुत्ते भी उनके पीछे भागते हैं। ठीक इसके विपरीत स्थिति आजकल लाकडाउन में देखने को मिल रही। वाराणसी में यह युवती आम लोगों से एकदम अलग है, कुत्ते इसके पीछे नहीं बल्कि वह खुद कुत्तों के पीछे भागती है। जी हां, हडहा सराय छेत्र की निवासी समाचार पत्र वितरण से जुड़े सामान्य आमदनी वाले आदमी की बेटी सोनम पिछले चार वर्षों से सडकों व गलियों में छुट्टा घूमने वाले कुत्तों को खोज-खोज कर रोटी और बिस्कुट इत्यादि खिलाती आ रही है। लाकडाउन लागू होने के बाद सन्नाटी सडकों पर सोनम को कुत्तों और बंदरों को खिलाते देख लोगों को पहली बार महसूस हुआ की इन बेजुबान जीवों पर भी ध्यान देना बहुत जरूरी है। सोनम की भी लाकडाउन में जिम्मेदारी बढ गयी। उसने दो युवतियों और तीन युवकों को अपने से जोड़ा। अब यह जुडाव कमजोर पडता जा रहा। वह फिर एकला चलो की स्थिति में पहुंचती नजर आती है। प्रमुख व्यापारी केशव जालान व समाजसेवी निधिदेव अग्रवाल और प्रियंका सिंह ने सोनम की ओर सहयोग का हाथ बढाया। जालान व्यापार समूह के मुखिया केशव जालान सोनम को ब्रेड, रोटी, दूध, बिस्कुट इत्यादि उपलब्ध कराते हैं। सोनम इस समय रोजाना आठ से दस घंटे बेजुबानो को खोज-खोज कर दूध, रोटी, बिस्कुट, ब्रेड, केला, चना इत्यादि खिलाने में व्यतीत करती है।

BABA GANINATH BHAKT MANDAL  BABA GANINATH BHAKT MANDAL

Related Articles

Back to top button