देश के सभी राज्यों में आरटीपीसीटी टेस्ट और बढ़ाने पर जोर देना होगा
हम ये भी देख रहे हैं कि कई राज्यों में रैपिड एंटिजन टेस्ट पर ही ज्यादा बल दिया जा रहा है और उसी भरोसी गाड़ी चल भी रही है। जैसे केरल, उड़िसा, छत्तीसगढ़, यूपी। मुझे लगता है कि इन सभी में बहुत तेजी से बदलाव की जरूरत है। देश के सभी राज्यों में हमें आरटीपीसीटी टेस्ट और बढ़ाने पर जोर देना होगा।
गांवों को कोरोना से मुक्त रखकर ही हम बच पाए हैं, आगे भी देना होगा ध्यान
एक बात जो बहुत ध्यान देने वाली है वो ये कि इस बार हमारे टीयर टू और टीयर थ्री शहर जो शुरू में प्रभावित नहीं हुए थे उनके आसपास के क्षेत्र ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। हम इस लड़ाई में सफलतापूर्वक बच पाए हैं उसका एक कारण था कि हम गांवों को इससे मुक्त रख पाए थे लेकिन टीयर टू, टीयर थ्री सिटी पहुंचा तो इसको गांव में जाने से देर नहीं लगेगी और गांवों को संभालना हमारी व्यवस्थाएं बहुत कम पड़ जाएंगी। इसलिए हमें छोटे शहरों में टेस्टिंग को बढ़ाना होगा। हमें छोटे शहरों में “रेफरल सिस्टम” और “एम्बुलेंस नेटवर्क” के ऊपर विशेष ध्यान देना होगा।
कॉन्टेक्ट के कॉन्टेक्ट के ट्रैवल और सर्विलांस की जरूरत
अभी वायरस का स्प्रेड डिस्प्रेंट मैनर में हो रहा है। इसकी बहुत बड़ी वजह ये भी है कि पूरा देश ट्रैवल के लिए खुल चुका है और विदेश से आने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ी है। इसलिए आज हर एक केस के ट्रैवल की और उसके कॉन्टेक्ट्स के ट्रैवल की सूचना सभी राज्यों को आपस में भी साझा करने की भी जरूरत है। आपस में जानकारी साझा करने के लिए किसी नए मैकेनिज्म की जरूरत लगती है तो उस पर भी विचार किया जाना चाहिए। विदेश से आने वाले यात्रियों और उनके कॉन्टेक्ट के सर्विलांस के लिए एसओपी के पालन की हमारी जिम्मेदारी भी अब बढ़ गई है। अभी हमारे सामने कोरोना वायरस के म्यूटंस को पहचाने और उनके प्रभावों का आकलन भी एक प्रश्न है। आपके राज्य में आपको वायरस के वेरिएंट का पता चलता रहे इसके लिए भी जीनोम सेम्पल भी टेस्टिंग के लिए भेजा जाना उतना ही अहम है।
वैक्सीन डोज की बर्बादी को रोकना होगा
वैक्सीन अभियान को लेकर कई साथियों ने अपनी बात रखी। निश्चित तौर पर इस लड़ाई में वैक्सीन एक साल में हमारे हाथ में एक हथियार के बतौर आया है। यह प्रभावी हथियार है। देश में वैक्सीनेशन की गति लगातार बढ़ रही है। हम एक दिन में 30 लाख लोगों को वैक्सीनेट करने के आंकड़े को भी पार कर चुके हैं। लेकिन इसके साथ ही हमें वैक्सीन doses waste होने की समस्या को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में 10 प्रतिशत से ज्यादा वैक्सीन वेस्टेज है। यूपी में भी वैक्सीन वेस्टेज करीब-करीब वैसा ही है। वैक्सीन क्यों वेस्ट हो रही है इसकी भी राज्यों में समीक्षा होनी चाहिए। मैं मानता हूं हर शाम इसकी भी मॉनिटरिंग की व्यवस्था रहनी चाहिए और हमारे सिस्टम को प्रो एक्टिव लोगों को कॉन्टेक्ट करके वैक्सीन दी जानी चाहिए ताकि वैक्सीन वेस्ट न जाए। क्योंकि एक प्रकार से वैक्सीन का जितना प्रतिशत बर्बाद हो रहा है हम किसी के अधिकार को बर्बाद कर रहे हैं। यह हक हमें नहीं है। स्थानीय स्तर पर प्लानिंग और गवर्नेंस की जो भी कमियां है उन्हें तुरंत सुधारा जाना चाहिए।