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बंगाल विधानसभा में जमकर मारपीट ,सुवेंदु अधिकारी समेत भाजपा के 5 विधायक निलंबित

कोलकाता । पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित बीरभूम नरसंहार को लेकर राज्य विधानसभा में हंगामा लगातार जारी है। सोमवार को बंगाल विधानसभा में मर्यादा की सारी सीमाएं पार करते हुए सत्तारूढ़ तृणमूल और मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के विधायक हाथापाई और मारपीट पर उतर आये। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई विधायकों के बीच धक्कामुक्की और मारपीट हुई।घटना के बाद नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने विधानसभा से बहिर्गमन कर मीडिया से बातचीत में बताया कि तृणमूल विधायक शौकत मोल्ला सहित सत्ता पक्ष के कई अन्य विधायकों ने विधानसभा के सुरक्षाकर्मियों के साथ मिलकर भाजपा विधायकों पर हमला किया। विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक मनोज टिग्गा के कपड़े फाड़ डाले गये जबकि एक अन्य विधायक नरहरि महतो को जमीन पर पटक दिया गया। नौकरानी से विधायक बनीं चंदना बाउरी का आऱोप है कि सत्ता पक्ष के किसी विधायक ने उनकी पीठ पर वार किया दूसरी तरफ भाजपा विधायक शिखा चटर्जी ने बताया कि उन्हें भी थप्पड़ जड़े गए हैं।

सोमवार को सुबह के समय विधानसभा का सत्र शुरू होते ही विपक्षी भाजपा विधायकों ने नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया। नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी से सवाल पूछा कि बीरभूम नरसंहार को लेकर सरकारी तौर पर मदद की घोषणा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा से बाहर क्यों की? उन्होंने कहा कि संवैधानिक नियम यही है कि जब विधानसभा चलती है तो मुख्यमंत्री समेत अन्य मंत्रियों को सरकारी फैसलों की जानकारी सबसे पहले सदन के पटल पर देनी होती है लेकिन विधानसभा चलने के बावजूद ममता बनर्जी पूरे राज्य में घूम-घूम कर सरकारी फैसलों की जानकारी दे रही हैं जबकि विधानसभा में एक शब्द नहीं बोलतीं। यह पहले से स्थापित संवैधानिक प्रक्रिया का अपमान है तथा गैर कानूनी भी है।

इसके अलावा भाजपा विधायक बीरभूम नरसंहार को लेकर परिचर्चा की मांग कर रहे थे और मुख्यमंत्री के साथ-साथ राज्य के गृह मंत्री ममता बनर्जी से इस मामले में बयान देने की मांग कर रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया जिसके बाद नारेबाजी करते हुए भाजपा विधायक वेल में उतर गए। इस पर विमान बनर्जी ने कहा कि आप लोग रोज ही किसी न किसी बात को लेकर बिना मतलब का हंगामा कर रहे हैं। अचानक ये सारी बातें करने का कोई औचित्य नहीं है।हालांकि भाजपा विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष की बातों की अनदेखी की और वेल में उतर कर नारेबाजी करने लगे जिसके बाद आरोप है कि तृणमूल विधायक भी वही पहुंच गए और भाजपा विधायकों पर हमला बोल दिया। यहां तक कि विधानसभा के सुरक्षाकर्मी भी तृणमूल विधायकों के साथ मिलकर भाजपा विधायकों पर हमले कर रहे थे। शुभेंदु अधिकारी ने इस घटना के खिलाफ दोपहर 2:00 बजे कोलकाता में महारैली निकालने की घोषणा की है।

इधर, बंगाल विधानसभा में हिंसा की इस घटना को लेकर भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेताओं ने भी राज्य सरकार हमले शुरू कर दिए हैं। पार्टी की आईटी सेल के प्रमुख और उत्तर बंगाल के प्रभारी अमित मालवीय ने ट्विटर पर लिखा है कि, ‘बंगाल के राज्यपाल के बाद, तृणमूल विधायकों ने अब मुख्य सचेतक मनोज टिग्गा सहित भाजपा विधायकों पर हमला किया क्योंकि वे सदन के पटल पर बीरभूम नरसंहार पर चर्चा की मांग कर रहे थे। आखिर ममता बनर्जी क्या छुपाना चाहती हैं।’ दूसरी और भारतीय जनता पार्टी के सांगठनिक महासचिव बीएल संतोष ने भी हिंसा की इस घटना को लेकर ममता बनर्जी पर हमला बोला है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि ममता बनर्जी के तीसरी बार राज्य की कमान संभालने के बाद से राज्य की राजनीति में गिरावट अंतिम सीमा तक पहुंच गई है। आज भारतीय जनता पार्टी के मुख्य सचेतक मनोज टिग्गा और अन्य विधायकों को विधानसभा के अंदर तृणमूल कांग्रेस के विधायकों ने मारा पीटा है। घटना के बाद नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा, जिस तरह से बीरभूम नरसंहार में आठ लोगों को जिंदा जला दिया गया वहीं गुंडागर्दी विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस के गुंडे विधायक कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि बीरभूम नरसंहार पीड़ितों को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने परिवार से किसी एक सदस्य को नौकरी और पांच-पांच लाख रुपये की वित्तीय मदद की घोषणा की है। इसके अलावा झुलस चुके घरों के मरम्मत की लिए दो-दो लाख रुपये की अतिरिक्त मदद की भी घोषणा घटनास्थल पर पहुंचकर गत गुरुवार को की थी जिसे लेकर विधानसभा में हंगामा हुआ है।(हि.स.)

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