देशभर में 2,877 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन स्वीकृत : केंद्र
नई दिल्ली । केन्द्र सरकार देश को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल पर जोर दे रही है। इसी कड़ी में सरकार ने देशभर में 2,877 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन स्वीकृत किये हैं।भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने मंगलवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने ई-वाहन पोर्टल (सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय) के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि वर्तमान में देश में कुल 13, 34, 385 इलेक्ट्रिक वाहन और 27,81,69,631 गैर-इलेक्ट्रिक वाहन उपयोग में हैं।
उन्होंने बताया कि भारी उद्योग मंत्रालय ने भारत में (हाइब्रिड और) और इलेक्ट्रिक वाहनों का तेजी से अंगीकरण और विनिर्माण (फेम इंडिया) के चरण-II के तहत 25 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 68 शहरों में 2,877 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों को मंजूरी दी है।इसके अलावा, फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण के तहत 9 एक्सप्रेसवे और 16 राजमार्गों पर 1576 चार्जिंग स्टेशन भी स्वीकृत किए गए हैं। फेम इंडिया योजना के पहले चरण के तहत 01.07.2022 तक 479 ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा चुके हैं।
भारी उद्योग राज्य मंत्री ने बताया कि महाराष्ट्र, दादर और नगर हवेली, दमन और दीव और लक्षद्वीप राज्य व केंद्र शासित प्रदेश सहित भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं। इनमें जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने और वाहन उत्सर्जन संबंधी समस्या को हल करने के उद्देश्य से भारत में (हाइब्रिड और) इलेक्ट्रिक वाहन का तेजी से अंगीकरण और विनिर्माण (फेम इंडिया) योजना 2015 में शुरू की गई। वर्तमान में, फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण का कार्यान्वयन 01 अप्रैल, 2019 से पांच वर्षों के लिए कुल 10,000 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता के साथ किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि सरकार ने देश में बैटरी की कीमतों को कम करने के लिए देश में एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) के विनिर्माण के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना को 12 मई, 2021 को मंजूरी दी। बैटरी की कीमत में गिरावट से इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत में कमी आएगी। मंत्री ने बताया कि ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल किया गया है, इस स्कीम को 25,938 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय से 15 सितंबर 2021 को पांच साल की अवधि के लिए अनुमोदित किया गया था।
गुर्जर ने बताया कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत और इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जर अथवा चार्जिंग स्टेशनों पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके अलावा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने घोषणा की है कि बैटरी से चलने वाले वाहनों को हरे रंग की लाइसेंस प्लेट दी जाएगी और उन्हें परमिट लेने की आवश्यकताओं नहीं होगी। उन्होंने बताया कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर राज्यों को इलेक्ट्रिक वाहनों पर रोड टैक्स माफ करने की सलाह दी, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों की शुरुआती लागत को कम करने में मदद मिलेगी।(हि.स.)