नयी दिल्ली : लोक सभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने शनिवार को सदन में बताया कि 17वीं लोकसभा के कार्यकाल में कैंटीन सब्सिडी समाप्त करने से 15 करोड़रुपये की बचत समेत मितव्ययिता के उपायों से कुल लगभग 875 करोड़ रुपये की बचत हुई।
बजट सत्र के आखिरी दिन वर्तमान लोक सभा के 2019-25 के कामकाज के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारिया सझा करते हुये अध्यक्ष ने कहा, ‘17वीं लोकसभा में मितव्ययिता उपायों के बारे में बताया कि पूरी लोकसभा के दौरान लगभग 875 करोड़ रुपये की बचत हुई, जो सचिवालय के बजट का 23 प्रतिशत था। ”उन्होंने बताया कि 17वीं लोक सभा में कैंटीन सब्सिडी को पूर्णतः समाप्त कर दिया गया जिससे लगभग 15 करोड़ रुपये की वार्षिक बचत हुई। संविधान सभा में फसाड लाइटिंगकी ब्यबस्था और लोक सभा टीवी और राज्य सभा टीवी के बिलय से करोड़ों रुपये कीबचत हुयी।
“ पिछली पांच लोक सभाओं में सबसे अधिक कार्य-उत्पादक रही 17वीं लोक सभा ”
लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को कहा कि 17वीं लोक सभा (2019-24) की कार्य उत्पादकता लगभग 97 प्रतिशत रही है और यह पिछली पांच लोक सभाओं में सबसे अधिक उत्पादक रही।सत्रहवीं लोकसभा का पंद्रहवां सत्र शनिवार को अनिश्चित काल के लिये स्थगित किया गया। यह बजट सत्र 31 जनवरी को शुरू हुआ और पहले इसे नौ फरवरी को सम्पन्न होना था लेकिन इसकी अवधि एक दिन बढ़ा दी गयी थी। इस 11 दिन के सत्र में नौ बैठकें हुईं।वर्तमान लोक सभा के विस्तारित बजट सत्र के अंतिम दिन श्री बिड़ला ने बताया कि कुल मिलाकर 274 बैठकें हुईं जिनमें 1354 घंटे तक काम चला।
उन्होंने बताया कि 17वीं लोक सभा में सदन ने नियत समय से 345 घंटे की अधिक अवधि तक बैठकें कीं और व्यवधानके कारण 387 घंटे का समय व्यर्थ हुआ।उन्होंने बताया कि इस लोक सभा ने 222 कानून पारित किये और इस दौरान सदन में 202 विधेयक पुरःस्थापित किये गये।अध्यक्ष ने बताया कि इस सदन के 543 सदस्यों में से 540 सदस्यों की सदन में चर्चा में भागीदारी रही और 17वीं लोक सभा में महिलाओं का अब तक का अधिकतम प्रतिनिधित्व रहा है और महिला सदस्यों ने कार्यवाही में सक्रिय भागीदारी की।उन्होंने बताया कि वर्तमान लोक सभा के अब तक के कार्यकाल में संसदीय समितियों की69 प्रतिशत से अधिक सिफारिशों को सरकार द्वारा स्वीकार किया गया।इस लोक सभा के कार्यकाल में शून्य काल के अंतर्गत 5568 मामले उठाये गये।
इस अवसर पर कार्यवाही की अध्यक्षता करते हुये श्री बिरला ने कहा कि सत्रहवीं लोकसभा जिसकी पहली बैठक 17 जून, 2019 को हुई थी कई मायनों में ऐतिहासिक रही।श्री बिरला ने कहा कि इस सत्रहवीं लोक सभा के 543 सदस्यों में से 540 सदस्यों की सदनमें चर्चा में भागीदारी रही। इसमें महिलाओं का अधिकतम प्रतिनिधित्व रहा है और सदन की कार्यवाही में उनकी सक्रिय भागीदारी रही।लोकसभा की उत्पादकता पर बोलते हुये श्री बिरला ने कहा कि 17वीं लोक सभा की कुल कार्य उत्पादकता लगभग 97 प्रतिशत रही, जो पिछली पांच लोक सभाओं में सबसे अधिक है।श्री बिरला ने 17वीं लोक सभा के दौरान पारित कुछ ऐतिहासिक कानूनों का उल्लेख करते हुये कहा कि संसद के नये भवन में सर्वप्रथम नारी शक्ति वंदन विधेयक, 2023 को चर्चा के लिए लिया गया और सभी दलों के सहयोग से यह ऐतिहासिक विधेयक उसी दिन पारित किया गया।
इसके अतिरिक्त, सदन ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य बिल, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता, डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन विधेयक, मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास विधेयक, औद्योगिक संबंध संहिता जैसे कई ऐतिहासिक कानून पारित किये।उन्होंने कहा कि 17वीं लोक सभा के दौरान आजादी के पूर्व बनाये गये अनेक अनुपयोगी कानूनों को निरस्त किया गया और आजादी के पूर्व बनाए गए कानूनों के स्थान पर नयेकानून बनाये गये। इस लोक सभा की अवधि के दौरान सदन द्वारा तीन संविधान संशोधन विधेयक पारित किये गये।
श्री बिरला ने जानकारी दी कि 17वीं लोक सभा के दौरान 4663 तारांकित प्रश्न सूचीबद्ध हुये जिसमें 1116 प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिये गये। इसी अवधि में 55889 अतारांकित प्रश्न भी पूछे गए जिनके लिखित उत्तर सदन में दिए गए। इस दौरान दो अवसरों पर सूचीबद्ध सभी प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिये गये।इस लोक सभा में 729 गैर-सरकारी विधेयक सदन में प्रस्तुत किये गये। 17वीं लोक सभा के दौरान संबंधित मंत्रियों ने 26,750 पत्र सभा पटल पर रखे गये।अध्यक्ष ने कहा कि इस लोक सभा के कार्यकाल में शून्य काल के अंतर्गत 5568 मामले उठाये गये जब कि नियम 377 के अंतर्गत 4869 विषय माननीय सदस्यों द्वारा उठाये गये। दिनांक 18 जुलाई 2019 को शून्य काल के अंतर्गत एक दिन में कुल 161 विषय उठाये गये और 17वीं लोक सभा के पहले सत्र में शून्य काल में 1066 मामले उठाये गये, जो एक कीर्तिमान है।
कार्यपालिका की जवाबदेही को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इस लोक सभा में पहली बार शून्य काल में उठाये गये विषयों के उत्तर के लिये संबंधित मंत्रालयों से अनुरोध किया गया और अधिक के उत्तर संवधित मंत्रालय से प्राप्त हुये।श्री बिरला ने कहा कि 17वीं लोक सभा के दौरान मंत्रियों द्वारा विभिन्न विषयों पर 534 वक्तव्य दिए गए। इस लोक सभा के दौरान नियम 193 के अंतर्गत 12 चर्चाएं की गयी।संसदीय समितियों ने इस लोक सभा में कुल 691 प्रतिवेदन प्रस्तुत किये।वर्तमान लोक सभा के कार्यकाल में किये गए नए प्रयोगों और नवाचारों पर के बारे में श्री बिरला ने पीआआईएसएम (प्रिज्म), संसद सदस्यों के लि ब्रीफिंग सत्र, सदस्यों को पुस्तकों की होम डिलीवरी, कार्यवाही का डिजिटलीकरण, मोबाइल ऐप, ह्वाट्सऐप पर सदस्यों के वीडियो फुटेज की डिलीवरी आदि का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि 17वीं लोक सभा में पेपरलेस ऑफिस के विजन को साकार करते हुये संसदीय कामकाज में डिजिटल माध्यम का अधिकतम उपयोग किया जा रहा है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में 97 प्रतिशत से अधिक प्रश्नों के नोटिस इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से दिए जा रहे हैं।श्री बिरला ने 17वीं लोकसभा में मितव्ययिता उपायों के बारे में बताया कि पूरी लोकसभा के दौरान लगभग 875 करोड़ रुपये की बचत हुई, जो सचिवालय के बजट का 23 प्रतिशत था।उन्होंने बताया कि 17वीं लोक सभा में कैंटीन सब्सिडी को पूर्णतः समाप्त कर दिया गया जिससे लगभग 15 करोड़ रुपये की वार्षिक बचत हुई। संविधान सभा में फसाड लाइटिंगकी ब्यबस्था और लोक सभा टीवी और राज्य सभा टीवी के बिलय से करोड़ों रुपये कीबचत हुई।उन्होंने बताया कि इस लोक सभा के दौरान भारत में 16 देशों के संसदीय शिष्टमंडल का आगमन हुआ। साथ ही देश से 42 शिष्टमण्डलों की विदेश यात्रा हुई। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संसदीय मंचों पर हमारी सक्रिय भागीदारी वैश्विक स्तर पर भारत की बढ़ती शक्ति एवं प्रतिष्ठा का परिचायक है।
संसद कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिये स्थगित
संसद का विस्तारित बजट सत्र शनिवार को दोनों सदनों में अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण पर चर्चा और लोकसभा में अध्यक्ष के विदाई संबोधन के साथ संपन्न हुआ।सत्र की शुरुआत 31 जनवरी को हुई और 11 दिन के इस सत्र में दोनों सदनों की कुल नौ बैठकें हुईं। प्रारंभ में सत्र नौ फरवरी को समाप्त होना था, लेकिन इसे एक दिन के लिये बढ़ा दिया गया।यह अधिवेशन सत्रहवीं लोकसभा का अंतिम सत्र था, इसमें वित्त मंत्री ने पहली फरवरी को 2024-25 का अंतरिम बजट प्रस्तुत किया। यह सत्र इसलिये ऐतिहासिक महत्व का रहा कि इसमें लंबे अंतराल के बाद सरकार ने अर्थव्यवस्था पर एक श्वेतपत्र प्रस्तुत किया जिसमें मोदी सरकार के 2014 से 2024 के कार्यकाल की तुलना मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील सरकार के 2004 से 2014 के कार्यकाल की गयी है।इस संक्षिप्त सत्र में 2024 के वित्त विधेयक को पारित करने के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के बजट को भी पारित किया गया।
सत्र के दौरान जम्मू-कश्मीर में अनुसूचित जाति -जनजाति और पिछड़े वर्ग के आरक्षण से संबिधत विधेयक, परीक्षाओं में अनुचित साधनों के प्रयोग के विरुद्ध सख्त प्रावधानों वाले विधेयक और जल प्रदूषण से संबंधित विधेयक दोनों सदनों में पारित किया गया।राज्य सभा में द्विवार्षिक चुनाव में निर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलायी गयी। सदन ने जुलाई तक कार्यकाल पूरा करने वाले 68 सदस्यों को विदाई दी।लोकसभा में आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सत्रहवीं लोकसभा की महत्वपूर्ण उपलब्धियों का उल्लेख करते हुये अध्यक्ष ओम बिरला के नेतृत्व की सराहना की।अध्यक्ष ओम बिरला ने इससे पहले सुबह की कार्यवाही अयोध्या में निर्माण के संबंध में एक प्रस्ताव रखा।राज्य सभा में उप सभापति ने उसी तरह का एक प्रस्ताव रखा।श्री बिरला और राज्य सभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सदनों कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिये स्थगित करने की घोषणा की।
राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
संसद के बजट सत्र के अंतिम दिन शनिवार को राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गयी।सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में ‘ऐतिहासिक राम मंदिर निर्माण और राम लला की प्रतिष्ठा’ पर अल्पकालिक चर्चा समाप्त होने पर कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।बजट सत्र गत 31 जनवरी को शुरू हुआ था और यह नौ फरवरी को संपन्न होना था लेकिन अर्थव्यवस्था की स्थिति और राम मंदिर के विषय पर चर्चा कराने के लिए सत्र की अवधि एक दिन के लिए बढाई गयी जिससे सत्र की अवधि एक दिन बढानी पड़ी और यह आज संपन्न हुआ।श्री धनखड़ ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले यह उच्च सदन का अंतिम सत्र था और यह छोटा लेकिन बेहद महत्वपूर्ण सत्र रहा।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा कि भारत हर क्षेत्र में प्रगति करते हुए विकसित राष्ट्र बनने की यात्रा पर है। देश अभी अमृतकाल से गुजर रहा है और सभी सदस्यों को इसमें अपना हर संभव योगदान देना है। इस दौरान नौ बैठकों में सदन में 116 राष्ट्रीय महत्व के विषय लाये गये और प्रश्नकाल के दौरान डेढ सौ के करीब प्रश्न पूछे गये । इस सत्र की उत्पादकता असाधारण रूप से 137 प्रतिशत रही। सत्र में सदस्यों ने 15 क्षेत्रीय भाषाओं में अपनी बात रखी। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव और सामान्य बजट पर चर्चा के अलावा सदन ने सात महत्वपूर्ण विधेयक भी पारित किये। सत्र में 22 निजी विधेयक भी पेश किये गये।सभापति ने कहा कि इस सत्र के दौरान सदन के 68 सदस्यों को विदायी भी दी गयी। इन सदस्यों का कार्यकाल फरवरी से जुलाई के बीच होगा और पूरा सदन इनके योगदान की सराहना करता है।
इसके अलावा सत्र के दौरान वर्ष 2024 के वित्त विधेयक को पारित करने के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के बजट को भी पारित किया गया। साथ ही जम्मू-कश्मीर में अनुसूचित जाति -जनजाति और पिछड़े वर्ग के आरक्षण से संबिधत विधेयक, परीक्षाओं में अनुचित साधनों के प्रयोग के विरुद्ध सख्त प्रावधानों वाले विधेयक और जल प्रदूषण से संबंधित विधेयक भी पारित किये गये।सत्र के दौरान देश में आर्थिक स्थिति और राम मंदिर निर्माण के विषयों पर अल्पकालिक चर्चा भी करायी गयी। (वार्ता)
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