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बंगलादेश आरक्षण विरोध: हिंसक झड़पों में 17 की मौत, सैकड़ों घायल

बंगलादेश में सरकार विरोधी प्रदर्शन देश का आंतरिक मामला,टिप्पणी नहीं:भारत

ढाका : बंगलादेश की राजधानी ढाका में नागरिक क्षेत्र में भर्ती कोटा आरक्षण एवं विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए कुछ मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद करने के विरोध में गुरुवार को लाठियों और पत्थरों से लैस हजारों छात्रों ने सशस्त्र पुलिस के साथ झड़प की जिसमें कम से कम 17 लोगों की मौत हो गयी जबकि सैकड़ों अन्य घायल हो गये।अल जजीरा ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।

स्थानीय मीडिया के अनुसार कल पूरे बंगलादेश में विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई झड़पों में कम से कम 17 लोग मारे गए क्योंकि पुलिस ने देश के अधिकांश हिस्सों में सेलफोन सेवाएं बंद कर दीं।पुलिस सूत्रों के अनुसार ढाका में पुलिस के साथ झड़प में 11 लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक बस चालक भी शामिल है। चालक के सीने में गोली लगने के बाद अस्पताल ले जाया गया। झड़प के दौरान सैकड़ों अन्य घायल हो गए।पुलिस का कहना है कि ढाका के दक्षिणपूर्व शहर नारायणगंज में दो लोग मारे गए।पूर्वी बंगलादेश में चटगांव – जिसे आधिकारिक तौर पर चट्टोग्राम के नाम से जाना जाता है – में दो और मौतें हुईं।

प्रत्यक्षदर्शियों ने मीडिया को बताया कि ढाका में वाहनों, पुलिस चौकियों और अन्य उद्यमों को आग लगा रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस तथा रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया।सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री जुनैद अहमद पलक ने कहा कि ‘विभिन्न अफवाहों’ और सोशल मीडिया पर ‘अस्थिर स्थिति पैदा होने’ के कारण मोबाइल इंटरनेट को ‘अस्थायी रूप से निलंबित’ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि स्थिति सामान्य होने पर सेवाएं बहाल कर दी जाएंगी।कुछ घंटों बाद ही द डेली स्टार और ढाका ट्रिब्यून समेत अन्य बंगलादेश की समाचार वेबसाइटें बंद होती दिखीं।बंगलादेश में यूरोपीय संघ के निवर्तमान राजदूत चार्ल्स व्हाइटली ने वर्तमान स्थिति के शीघ्र समाधान का आह्वान किया।

उन्होंने कहा,“बंगलादेश के सभी मित्र और साझेदार वर्तमान स्थिति का त्वरित समाधान और आगे की हिंसा तथा रक्तपात से बचना चाहते हैं।”यहां अमेरिकी दूतावास ने ढाका और देश भर में रहने वाले अपने नागरिकों के लिए ‘प्रदर्शन अलर्ट’ जारी किया है और कहा है कि स्थिति बेहद अस्थिर है।देश में अशांति गत एक जुलाई को शुरू हुई, जब विश्वविद्यालय के छात्र सरकारी नौकरियों में कोटा खत्म करने की मांग करते हुए सड़कों पर उतर आए।पिछले महीने, उच्च न्यायालय ने उस नियम को बहाल किया जो 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ देश के मुक्ति संग्राम में भाग लेने वाले लोगों के बच्चों और पोते-पोतियों के लिए 30 प्रतिशत पदों पर आरक्षण का प्रावधान करता है।रिपोर्टों के अनुसार, उच्च बेरोजगारी दर वाले बंगलादेश में अब लगभग 56 प्रतिशत सरकारी नौकरियां नागरिकों की विभिन्न श्रेणियों के लिए आरक्षित हैं।

इंटरनेट पूरी तरह से बंद

बंगलादेश में कोटा सुधार प्रदर्शनकारियों के आंदोलन के बीच देश में इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह ठप हो गयी है।नेटब्लॉक्स ने टेलीग्राम पर अपने पोस्ट में लिखा , “बंगलादेश वर्तमान में पूरी तरह से इंटरनेट शटडाउन का सामना कर रहा है। लाइव नेटवर्क डेटा से पता चलता है कि देश में अब लगभग पूर्ण राष्ट्रीय इंटरनेट शटडाउन की स्थिति है।”पोस्ट में कहा गया है कि सोशल मीडिया और मोबाइल डेटा सेवाओं तक पहुँच को सीमित करने के पहले के प्रयासों के मद्देनजर इंटरनेट ब्लैकआउट हुआ है।ढाका विश्वविद्यालय में हिंसक झड़पों के बाद इस सप्ताह सार्वजनिक पदों के लिए सरकार की कोटा प्रणाली के खिलाफ विरोध प्रदर्शन बढ़ गया है।

द डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक झड़पों में 19 लोग मारे गए और 2,500 से अधिक घायल हो गए।गौरतलब है कि 2018 में विरोध प्रदर्शनों के बाद सरकार ने कोटा बंद कर दिया था, लेकिन गत जून में वरिष्ठ नागरिकों के परिवारों की अपील के बाद उच्च न्यायालय के आदेशों के कारण इसे बहाल कर दिया। सरकार ने इस फैसले के खिलाफ शीर्ष न्यायालय में अपील की है जिस पर आगामी 07 अगस्त को फैसला सुनाया जायेगा।

बंगलादेश में सरकार विरोधी प्रदर्शन देश का आंतरिक मामला,टिप्पणी नहीं:भारत

भारत ने बंगलादेश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों को देश का आंतरिक मामला बताते हुए उस पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है हालांकि वहां रहने वाले भारतीय नागरिकों और छात्रों की सुरक्षा के लिए हर संभव कोशिश करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने आज यहां नियमित ब्रीफिंग में बंगलादेश की स्थिति पर सवालों के जवाब में कहा, “जैसा कि आप जानते हैं, बंगलादेश में लगातार विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। हम इसे देश का आंतरिक मामला मानते हैं।

“उन्होंने कहा,“ बंगलादेश में लगभग 8500 छात्र और 15000 भारतीय नागरिक रह रहे हैं। हम विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर स्थानीय अधिकारियों द्वारा उठाए गए कदमों से अवगत हैं। हमारा उच्चायोग हमारे नागरिकों की सुरक्षा के लिए स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में रहता है।”प्रवक्ता ने कहा,“ हमने बंगलादेश में रहने वाले हमारे छात्रों सहित भारतीय नागरिकों के लिए, उनकी सुरक्षा और सहायता के लिए एक परामर्श जारी किया है। लोगों तक पहुंचने के लिए 24 घंटे काम करने वाले हेल्पलाइन नंबर दिए गए हैं।

विदेश मंत्री एस जयशंकर खुद इस मामले पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। बंगलादेश में हमारा उच्चायोग नियमित ताज़ा जानकारी प्रदान करता रहेगा।”श्री जायसवाल ने कहा, “मैं नियमित रूप से नयी जानकारी भी पोस्ट करता रहूंगा। मैं परिवार के सदस्यों से नवीनतम विकास के लिए हमारा अनुसरण करने का आग्रह करूंगा। हम बंगलादेश में अपने नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”(वार्ता)

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