सुप्रीम कोर्ट में फिजिकल सुनवायी की मांग, 114 वकीलों ने दायर की याचिका
उच्चतम न्यायालय में फिजिकल सुनवायी की व्यवस्था सप्ताह में पांच दिन (सोमवार से शुक्रवार तक) पुन: लागू करने की मांग करते हुए यहां के 114 वकीलों ने हस्तक्षेप याचिका दायर की है।न्यायमूर्ति एल. एन. राव, न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना की पीठ ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन के सदस्य डी. के. ठाकुर एवं अन्य की याचिका पर शीघ्र सुनवायी की गुहार स्वीकार कर ली। शीर्ष अदालत में इस याचिका पर छह दिसंबर को सुनवायी होगी।
याचिकर्ताओं की ओर से ‘एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड’ एस. सिंह ने आज पीठ के समक्ष ‘विशेष उल्लेख’ के तहत वर्चुअल सुनवायी के दौरान होने वाली परेशानियों एवं कानूनी पहलुओं का जिक्र करते हुए इस मामले में शीघ्र विचार करने का निवेदन किया।वकीलों ने ‘ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ जुरिस्ट एवं अन्य बनाम उत्तराखंड उच्च न्यायालय’ मामले (रिट याचिक) में हस्तक्षेप याचिका दायर की है।वकीलों का कहना है कि वर्चुअल सुनवायी के दौरान कई तरह की तकनीकी परेशानियों का सामना करने के साथ ही जूनियर वकीलों को नुकसान हो रहा है। इसके अलावा कई अन्य तर्क दिये गए हैं।उन्होंने फिजिकल सुनवायी की मांग के समर्थन में सीपीसी-1908 की धारा 153बी और सीआरपीसी-1973 की धारा 327 का हवाला देते हुए आपराधिक एवं सिविल मामले की सुनवायी को आवश्यक बताया है।